वाशिंगटन डीसी : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जनरल एटॉमिक्स से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना का स्वागत किया. यह एक महत्वपूर्ण समझौता है जो अमेरिकी नौसेना के जहाजों को भारतीय शिपयार्ड में प्रमुख मरम्मत करने की अनुमति देगा. राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधान मंत्री मोदी ने जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9बी हेल यूएवी खरीदने की भारत की योजना का स्वागत किया.
भारत में असेंबल किए गए MQ-9B, विभिन्न क्षेत्रों में भारत के सशस्त्र बलों की ISR क्षमताओं को बढ़ाएंगे. अमेरिका-भारत संयुक्त बयान में कहा गया कि इस योजना के हिस्से के रूप में, जनरल एटॉमिक्स भारत में एक व्यापक वैश्विक एमआरओ स्टेशन भी स्थापित करेगा. यह समझौता भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं को मजबूत करेगा. जनरल एटॉमिक्स एक रक्षा और विविध प्रौद्योगिकी कंपनी है जो मानव रहित विमानों (ड्रोन) की एक श्रृंखला का उत्पादन करती है.
इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, रडार, सिग्नल इंटेलिजेंस और स्वचालित हवाई निगरानी प्रणाली प्रदान करती है. भारत दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों पाकिस्तान और चीन के साथ विशाल समुद्री और भूमि सीमाओं को साझा करता है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीमा की निरंतर निगरानी की आवश्यकता है. प्रीडेटर्स, जिसे MQ-9 रीपर भी कहा जाता है, एक बार में 36 घंटे तक उड़ सकता है और इसका उपयोग किसी विशिष्ट बिंदु की केंद्रित निगरानी के लिए किया जा सकता है.
जल्द ही भारत अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन तीनों सेनाओं की ओर से संयुक्त रूप से संचालित किए जाएंगे. एएनआई से बात करते हुए, एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा कि 31 (प्रीडेटर या रीपर) ड्रोन खरीदने का निर्णय वैज्ञानिक मूल्यांकन के बाद पूरी निगरानी आवश्यकताओं का ख्याल रखने के लिए लिया गया था. अधिकारी ने कहा कि प्रीडेटर ड्रोन को संयुक्त त्रि-सेवा कमांड द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसमें तीनों सेवाओं के अधिकारी और जवान शामिल होंगे. त्रि-सेवा मुख्यालय ने इस संबंध में रक्षा अधिग्रहण परिषद को भी प्रस्ताव भेजा है.