देहरादून : पावर बैंक ऐप के जरिए 350 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड मामले में उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की राष्ट्रीय स्तर पर धरपकड़ जारी है. इसी क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने तमिलनाडु में बुधवार रात दबिश देकर दो आरोपियों को दबोचा है. इस कार्रवाई के दौरान तमिलनाडु के सालेम और इरोड जिले में कई लोगों से पूछताछ की गई है. इस दौरान पुलिस को कई डिजिटल सबूत हाथ लगे हैं.
एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने तमिलनाडु बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड मनी एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को स्थानीय कोर्ट में पेश किया. कोर्ट से दोनों की चार दिन की रिमांड मिल गई है. ऐसे में दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पावर बैंक ऐप फ्रॉड से जुड़े नेटवर्क की जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई जारी है.
बता दें, पिछले दिनों उत्तराखंड एसटीएफ ने देशभर से लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पावर बैंक ऐप के माध्यम से साइबर फ्रॉड मामले का खुलासा किया था. इस इंटरनेशनल गिरोह के संबंध में चीन और हांगकांग से लेकर भारत के कई राज्यों में चलने वाले नेटवर्क के बारे में जानकारी सामने आई थी. उसी के क्रम में दिल्ली, कर्नाटक और अब तमिलनाडु जैसे राज्यों में छापेमारी कर अपराधियों धरपकड़ की कार्रवाई जारी है.
क्या है पावर बैंक ऐप घोटाला
गूगल प्ले स्टोर पर पावर बैंक ऐप काफी लोकप्रिय था. ऐप पर 15 दिन में पैसे दोगुने करने का ऑफर दिया जा रहा है था और लालच में आकर लोगों ने अपने खून-पसीने की कमाई पावर बैंक ऐप के जरिए इन्वेस्ट कर दी. शुरुआत में इसने कुछ लोगों को पैसा डबल करके दिया तो और लोग झांसे में आते गए. बाद में मोटी रकम जमा होते ही पावर बैंक ऐप के कर्ता-धर्ता रफूचक्कर हो गए.
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उत्तराखंड पुलिस का मानना है कि ऐप के जरिए 350 करोड़ रुपये के आसपास घोटाला किया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.