नई दिल्ली: रोहिणी कोर्ट में हुई कैदी जितेंद्र गोगी की हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा पोस्टमार्टम के दौरान हुआ है. पोस्टमार्टम की प्राथमिक जानकारी में यह बताया गया है कि जितेंद्र गोगी को बदमाशों द्वारा कुल 18 गोलियां मारी गई थी. वहीं दोनों बदमाशों के शरीर में पुलिस द्वारा 22 गोलियां मारी गई थी. उधर जाँच कर रही क्राइम ब्रांच ने बुधवार को मंडोली जेल जाकर टिल्लू से पूछताछ की है. उसने गोगी की हत्या के लिए साजिश रचने की बात से इनकार किया है.
जानकारी के अनुसार बीते 24 सितंबर को दोपहर के समय रोहिणी कोर्ट के भीतर विचाराधीन कैदी जितेंद्र गोगी की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या की गई थी. हत्या की वारदात के समय कोर्ट में जज के अलावा वकील व पुलिस टीम मौजूद थी. हमलावर वकील की ड्रेस पहनकर पहले से ही गोगी का इंतजार कोर्ट रूम में कर रहे थे. उनके पास सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल थी. गोगी के अंदर प्रवेश करते ही वकील की ड्रेस पहने दोनों बदमाशों ने गोगी पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थी. जवाबी कार्रवाई में तीसरी बटालियन, स्पेशल स्टाफ और स्पेशल सेल की टीम द्वारा हमलावरों पर गोली चलाई गई थी, जिसमें दोनों बदमाशों की मौत हो गई थी. उनकी पहचान राहुल त्यागी और जगदीप उर्फ जग्गा के रूप में की गई थी.
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सूत्रों के अनुसार जितेंद्र गोगी की हत्या पुलिस हिरासत में हुई थी. इसके चलते अंबेडकर अस्पताल में उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया. यह पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते रविवार को किया गया था. पोस्टमार्टम के बाद शव उसके परिवार को सौंप दिया गया था. वहीं इस घटना में मारे गए दोनों हमलावरों के शव का पोस्टमार्टम बीते सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में किया गया था. पोस्टमार्टम के दौरान यह पता चला है कि जितेंद्र गोगी को कुल 18 गोलियां लगी थी. वहीं मारे गए दोनों बदमाशों के शरीर में गोली के 22 घाव मिले हैं. राहुल को 19 जबकि जगदीप को तीन गोली लगी थी. यह जानकारी पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों द्वारा प्राथमिक तौर पर क्राइम ब्रांच को दी गई है. हालांकि इसकी फाइनल रिपोर्ट का इंतजार क्राइम ब्रांच कर रही है.
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इस मामले में गिरफ्तार किए गए उमंग यादव और विनय मोटा ने कई महत्वपूर्ण खुलासे पुलिस के समक्ष किए हैं. आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वह दोनों हमलावरों को कोर्ट के बाहर गाड़ी से छोड़ कर गए थे. उमंग की गिरफ्तारी के बाद उसके घर से एक पिस्तौल भी पुलिस को मिली है जिसे लेकर आर्म्स एक्ट का मामला उसके खिलाफ दर्ज किया गया है. उमंग ने पुलिस को बताया है कि यह हथियार गोगी की हत्या करने के लिए उसे टिल्लू ने उपलब्ध कराया था. अभी तक की जांच में पुलिस को पता चला है कि पूरे हत्याकांड को अंजाम देने के लिए 5 लोग अदालत गए थे. इनमें राहुल, जगदीप, विनय, उमंग और अन्य साथी थे. लेकिन कोर्ट पहुंचने के बाद उनके प्लान में बदलाव आया और केवल राहुल और जगदीप हत्या को अंजाम देने के लिए अंदर गए थे.
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क्राइम ब्रांच को जांच के दौरान पता चला है कि गोगी पर गोली चलाने के दौरान दो अलग दिशाओं में दोनों हमलावर खड़े थे. इनमें से एक के पास .38 बोर का पिस्तौल था जबकि दूसरे के पास .30 बोर की पिस्तौल थी. पुलिस की तरफ से बयान में बताया गया है कि स्पेशल सेल की तरफ से 8 गोलियां, तीसरी बटालियन के कमांडो द्वारा 13 गोलियां और रोहिणी स्पेशल स्टाफ की तरफ से दो गोलियां चलाई गई थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अभी तक की जांच से यह पता चला है कि घटना के समय रोहिणी कोर्ट में 40 से ज्यादा गोलियां चलाई गई हैं. पूरे घटनाक्रम को लेकर क्राइम ब्रांच द्वारा उन पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं जो वारदात के समय मौके पर मौजूद थे.
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पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में क्राइम ब्रांच बुधवार को मंडोली जेल में पहुंची. वहां जेल प्रशासन की अनुमति के बाद गोगी के विरोधी गैंग के सरगना सुनील मान उर्फ टिल्लू से लगभग 2 घंटे तक पूछताछ की गई. इस पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया है कि वह अपने साथियों के संपर्क में रहा है. लेकिन उसे इस बात का पता नहीं था कि वह गोगी की हत्या करने वाले थे. क्राइम ब्रांच का कहना है कि वह टिल्लू से पुलिस हिरासत में पूछताछ करने के लिए जल्द ही अदालत के समक्ष आवेदन करेंगे.