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सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन उपस्थिति पर्ची का पोर्टल दो जनवरी से सक्रिय होगा

वकीलों के पेश होने की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन उपस्थिति पर्ची पोर्टल विकसित किया है. यह पोर्टल दो जनवरी से शुरू हो जाएगा, इससे वकीलों को सुविधा हो जाएगी. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Dec 31, 2022, 6:38 PM IST

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वकीलों के पेश होने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया है जो दो जनवरी से सक्रिय हो जाएगा. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India D Y Chandrachud) ने 16 दिसंबर को कहा था कि नए साल से वकीलों को प्रत्यक्ष रूप से उपस्थिति पर्ची दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि उनकी उपस्थिति को चिह्नित करने के लिए 'एडवोकेट अपीयरेंस पोर्टल' में लॉग इन करना होगा.

वर्तमान में, अधिवक्ता एक निर्धारित कागजी फॉर्म पर मामले और उसके क्रमांक जैसे विवरण के साथ अपना नाम लिखते हैं, ताकि सुनवाई में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित होने के साथ उनके नाम अदालत के आदेशों या निर्णयों में प्रदर्शित हों. ऑनलाइन उपस्थिति पर्ची दाखिल करने के पोर्टल की सक्रियता के संबंध में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर 30 दिसंबर को एक नोटिस अपलोड किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से और इसके आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन पर अदालत में पेश होने वाले वकीलों की उपस्थिति को चिह्नित कर सकते हैं.

नोटिस में कहा गया, 'यह सुविधा वेबसाइट पर वाद सूची के प्रकाशन से लेकर मामले की सुनवाई की तिथि को पूर्वाह्न 11.30 बजे तक के लिए उपलब्ध रहेगी. इसके लिए उपयोगकर्ता पुस्तिका वेबसाइट पर उपलब्ध है.' नोटिस में यह भी कहा गया है कि अदालत के हिसाब से ई-मेल आईडी पर उपस्थिति पर्ची जमा करने की मौजूदा प्रथा 2 जनवरी से समाप्त हो जाएगी. नोटिस में यह भी कहा गया कि किसी भी प्रश्न के मामले में, एओआर संबंधित ‘कोर्ट मास्टर्स’ से संपर्क कर सकता है, जिनके संपर्क विवरण वेबसाइट पर दैनिक आधार पर उपलब्ध हैं.

शीर्ष अदालत ने पूर्व में एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि 'वकील उपस्थिति पर्ची को दर्ज करने की प्रथा खत्म हो जाएगी. वर्ष 2023 के पहले कार्य दिवस पर, एओआर नए पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति पर्ची जमा कर सकता है.' हाल में, शीर्ष अदालत ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मांगी गई सूचना के संबंध में एक अलग पोर्टल को शुरू किया.

ये भी पढ़ें - SC ने राज्यों को मोटर दुर्घटना दावों के संबंध में थानों में विशेष इकाई बनाने का निर्देश दिया

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वकीलों के पेश होने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया है जो दो जनवरी से सक्रिय हो जाएगा. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India D Y Chandrachud) ने 16 दिसंबर को कहा था कि नए साल से वकीलों को प्रत्यक्ष रूप से उपस्थिति पर्ची दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि उनकी उपस्थिति को चिह्नित करने के लिए 'एडवोकेट अपीयरेंस पोर्टल' में लॉग इन करना होगा.

वर्तमान में, अधिवक्ता एक निर्धारित कागजी फॉर्म पर मामले और उसके क्रमांक जैसे विवरण के साथ अपना नाम लिखते हैं, ताकि सुनवाई में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित होने के साथ उनके नाम अदालत के आदेशों या निर्णयों में प्रदर्शित हों. ऑनलाइन उपस्थिति पर्ची दाखिल करने के पोर्टल की सक्रियता के संबंध में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर 30 दिसंबर को एक नोटिस अपलोड किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से और इसके आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन पर अदालत में पेश होने वाले वकीलों की उपस्थिति को चिह्नित कर सकते हैं.

नोटिस में कहा गया, 'यह सुविधा वेबसाइट पर वाद सूची के प्रकाशन से लेकर मामले की सुनवाई की तिथि को पूर्वाह्न 11.30 बजे तक के लिए उपलब्ध रहेगी. इसके लिए उपयोगकर्ता पुस्तिका वेबसाइट पर उपलब्ध है.' नोटिस में यह भी कहा गया है कि अदालत के हिसाब से ई-मेल आईडी पर उपस्थिति पर्ची जमा करने की मौजूदा प्रथा 2 जनवरी से समाप्त हो जाएगी. नोटिस में यह भी कहा गया कि किसी भी प्रश्न के मामले में, एओआर संबंधित ‘कोर्ट मास्टर्स’ से संपर्क कर सकता है, जिनके संपर्क विवरण वेबसाइट पर दैनिक आधार पर उपलब्ध हैं.

शीर्ष अदालत ने पूर्व में एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि 'वकील उपस्थिति पर्ची को दर्ज करने की प्रथा खत्म हो जाएगी. वर्ष 2023 के पहले कार्य दिवस पर, एओआर नए पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति पर्ची जमा कर सकता है.' हाल में, शीर्ष अदालत ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मांगी गई सूचना के संबंध में एक अलग पोर्टल को शुरू किया.

ये भी पढ़ें - SC ने राज्यों को मोटर दुर्घटना दावों के संबंध में थानों में विशेष इकाई बनाने का निर्देश दिया

(पीटीआई-भाषा)

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