नई दिल्ली: विश्व मधुमेह दिवस यानी 14 नवंबर से देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को मुफ्त में इंसुलिन का इंजेक्शन मिलना शुरू हो गया है. एम्स के के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने इस नई सुविधा केंद्र का मंगलवार को न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी परिसर में उद्घाटन किया. यह सुवीधा उन गरीब मरीजों के लिए है, जो महंगे इंसुलिन का इंजेक्शन नहीं खरीद सकते हैं. जिसे उन्हें नियमित तौर पर लेना होता है. एम्स के किसी भी ओपीडी में डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब किए जाने पर मरीज को इंसुलिन के मुफ्त इंजेक्शन दी जाएगी. इसके लिए एम्स परिसर में अमृत फार्मेसी ने दो नई सुविधा केंद्रों की शुरुआत की है. यह सुविधा केंद्र न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी बिल्डिंग परिसर में है.
इस सुविधा केंद्र से कोई भी मरीज डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन दिखाकर सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक प्रतिदिन इंसुलिन का इंजेक्शन मुफ्त में ले सकता है. इसके अलावा इंसुलिन डिस्ट्रीब्यूशन काउंटर हिंदी और अंग्रेजी में मरीजों की सुविधा अनुसार मौखिक और लिखित में सुझाव भी देगा. साथ ही यह सलाह भी देगा कि उन्हें किस प्रकार इंसुलिन के इंजेक्शन का रखरखाव करना है.
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जिन मरीजों को लंबी यात्रा कर एम्स आना पड़ता है या जो दूर दराज के मरीज हैं, खासतौर पर उन्हें यह जानना बहुत आवश्यक है कि इंसुलिन के इंजेक्शन का स्टोरेज कैसे किया जाए. ऐसे मरीजों को इंसुलिन डिसटीब्यूशन सेंटर से ही आइस पैक के साथ अच्छे से पैकिंग कर इंसुलिन का इंजेक्शन दिया जाएगा. ताकि इंजेक्शन के लिए तय मानक के अनुसार तापमान बना रहे. शुरू में मरीज को एक महीने का डोज दिया जाएगा. प्रिस्क्राइब करने वाला चिकित्सक यह उल्लेख करेगा कि उस मरीज को कोई शीशियां प्रदान नहीं की जाएंगी, और केंद्र उन्हें उपलब्ध कराएगा. शुरुआत में, इंसुलिन की शीशियां एक महीने की उपचार अवधि के लिए जारी की जाएंगी, जिसे बाद में बढ़ाकर तीन महीने तक कर दी जाएगी.
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