बोकारो: जिला के गोमिया प्रखंड के झिरकी का रहने वाला दिव्यांग मोहम्मद मकसूद (Indian Idol contestant Md Maqsood in Bokaro), इन दिनों सड़क किनारे बैठ कर लोगों को गाना सुना कर अपने और अपने परिवार वालों का भरण पोषण कर रहा है (Singing on streets for living). वह इंडियन आइडल का प्रतिभागी भी रह चुका है. मकसूद भीड़भाड़ वाले इलाके में गाना गाता है. इस दौरान लोग उसके दर्द भरे गानों को सुनकर उसे आर्थिक सहायता करते हैं.
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2017 में गया था इंडियन आइडल: मकसूद ने बताया कि 2017 में वह इंडियन आइडल के 24वें राउंड तक पहुंचा था. उसके बाद उसे गायक सुरेश वाडेकर के यहां भेज दिया गया, जहां उसने गाने के गुर सीखे लेकिन, कोरोना काल में वह अपने घर लौट आया. मकसूद अभी बोकारो जिले में घूम-घूमकर गाना गाकर अपने परिवार का पेट पाल रहा है. वह घर से सुबह-सुबह अपने एक साथी के साथ गाड़ियों में सफर कर जगह-जगह पहुंच जाता है और लोगों को गाने सुनाने का काम करता है. उसका कहना है कि वह प्रतिदिन 1 से 2000 रुपए गाना गाकर कमा लेता है.
सीएम हेमंत सोरेन से मदद की गुहार: मकसूद का कहना है कि वह अपने माता-पिता के साथ रहता है. उसका एक छोटा भी बेटा है. मकसूद को राज्य सरकार के द्वारा विकलांग पेंशन दिया जाता है लेकिन, उसके बाद उसे कोई सरकारी मदद नसीब नहीं हुई है. वह राज्य सरकार से एक नौकरी की मांग कर रहा है. वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन से वह कहना चाहता है कि उसे सहायता पहुंचाया जाए ताकि अपनी कला को वह आगे बढ़ा सके.