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दिल्ली में अपनी ताजपोशी से पशोपेश में कमलनाथ, खुद का ये संकल्प अटका रहा रोड़ा - Congress News

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को कांग्रेस का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की चर्चाएं है. इस बीच कमलनाथ का संकल्प आड़े आ रहा है. कमलनाथ ने 2023 में एमपी में कांग्रेस की सरकार बनाने का संकल्प लिया है, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व उनके संगठन की जिम्मेदारी सौंपना चाहता है.

Politics has intensified in MP, Kamal Nath
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ
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Published : Jul 17, 2021, 10:23 PM IST

भोपाल/इंदौर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनने की अटकलें तेज है, लेकिन कमलनाथ के दिल्ली जाने पर कई तरह के पेंच फंसे हुए है. कमलनाथ ने 2023 में एमपी में कांग्रेस की सरकार बनाने का संकल्प लिया है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि दिल्ली से आए बुलावे से उनका संकल्प डगमगा रहा है. ऐसे में खबर है कि कमलनाथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनने की बजाए सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बन सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दिल्ली की राष्ट्रीय राजनीति में लंबे अनुभव के चलते कार्यकारी अध्यक्ष की अपेक्षा राजनीतिक सलाहकार बनना कमलनाथ के लिए ज्यादा उपयुक्त होगा.
राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल का कहना है कि भले ही इन दिनों सोनिया गांधी और कमलनाथ की मुलाकात के बाद उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं चल रही हो, लेकिन स्वास्थ्य और निजी कारणों से शायद ही कमलनाथ इस पद को स्वीकार करें. अजय बोकिल का मानना है कि अहमद पटेल के निधन के बाद सोनिया गांधी कमलनाथ को अपना राजनीतिक सलाहकार बना सकती है. यह काम ज्यादा जिम्मेदारी वाला भी है और इससे कमलनाथ के पास हाईकमान के नजदीक रहने का भी अवसर रहेगा.

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल से बातचीत

कमलनाथ के जाने से बढ़ सकती है गुटबाजी

कमलनाथ के पास राष्ट्रीय राजनीति में काम करने का लंबा अनुभव है, इसके बाद भी कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए कमलनाथ का तैयार होना मुश्किल है. राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल का कहना है कि कमलनाथ के दिल्ली जाने से मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में नए सिरे से गुटबाजी सामने आएगी. पीसीसी चीफ को लेकर भी इन दिनों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच रस्साकशी की खबरें है.

पढ़ें:तो क्या कमलनाथ के हाथ में होगी कांग्रेस की कमान ?

नेता प्रतिपक्ष, पीसीसी चीफ के लिए नामों की चर्चा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों के बीच मप्र में अब पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष पद के लिए नेताओं की दावेदारी शुरू हो गई है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए जहां वरिष्ठ विधायक डॉ.,गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, डॉ विजयलक्ष्मी साधो और बाला बच्चन के नाम की चर्चा है. वहीं पीसीसी चीफ के लिए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह के नाम के भी कयास लग रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष और पीसीसी चीफ दोनों में ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भूमिका भी अहम बताई जा रही है.

2023 में एमपी का चुनाव जीतना कमलनाथ का संकल्प

इधर, कमलनाथ के राष्ट्रीय संगठन का नेतृत्व संभालने की सुगबुगाहट के बीच एमपी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता 2023 में कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. हालांकि बीच-बीच में तरह-तरह के बयान देकर कई नेता अपनी दावेदारी भी ठोंक रहे हैं. इंदौर पहुंचे सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कमलनाथ का संकल्प है कि 2023 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाएं.

कांग्रेस नेताओं का बयान

शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी जताई

एक दिन पहले ही सज्जन सिंह वर्मा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावा ठोकते हुए नजर आए थे. शुक्रवार को वर्मा ने कहा था कि मैं दोनों पदों के लायक तो हूं लेकिन दौड़ में नहीं है. सज्जन सिंह वर्मा के बयान को एक तरह से उनकी दावेदारी के तौर पर ही देखा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में वर्मा के बयान की काफी चर्चा भी है.

कांग्रेस में कमलनाथ सबसे वरिष्ठ नेता

वहीं इंदौर पहुंचे राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा भी कमलनाथ की तारीफ करते नजर आए. तन्खा ने कहा कि मुझे कमलनाथ के क्षमताओं पर कोई शक नहीं है. कांग्रेस में कोई सबसे सीनियर लीडर है, तो वो कमलनाथ हैं. उनके पास काफी अनुभव है और उनके पास व्यवस्थाओं का भंडार है.

भोपाल/इंदौर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनने की अटकलें तेज है, लेकिन कमलनाथ के दिल्ली जाने पर कई तरह के पेंच फंसे हुए है. कमलनाथ ने 2023 में एमपी में कांग्रेस की सरकार बनाने का संकल्प लिया है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि दिल्ली से आए बुलावे से उनका संकल्प डगमगा रहा है. ऐसे में खबर है कि कमलनाथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनने की बजाए सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बन सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दिल्ली की राष्ट्रीय राजनीति में लंबे अनुभव के चलते कार्यकारी अध्यक्ष की अपेक्षा राजनीतिक सलाहकार बनना कमलनाथ के लिए ज्यादा उपयुक्त होगा.
राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल का कहना है कि भले ही इन दिनों सोनिया गांधी और कमलनाथ की मुलाकात के बाद उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं चल रही हो, लेकिन स्वास्थ्य और निजी कारणों से शायद ही कमलनाथ इस पद को स्वीकार करें. अजय बोकिल का मानना है कि अहमद पटेल के निधन के बाद सोनिया गांधी कमलनाथ को अपना राजनीतिक सलाहकार बना सकती है. यह काम ज्यादा जिम्मेदारी वाला भी है और इससे कमलनाथ के पास हाईकमान के नजदीक रहने का भी अवसर रहेगा.

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल से बातचीत

कमलनाथ के जाने से बढ़ सकती है गुटबाजी

कमलनाथ के पास राष्ट्रीय राजनीति में काम करने का लंबा अनुभव है, इसके बाद भी कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए कमलनाथ का तैयार होना मुश्किल है. राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल का कहना है कि कमलनाथ के दिल्ली जाने से मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में नए सिरे से गुटबाजी सामने आएगी. पीसीसी चीफ को लेकर भी इन दिनों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच रस्साकशी की खबरें है.

पढ़ें:तो क्या कमलनाथ के हाथ में होगी कांग्रेस की कमान ?

नेता प्रतिपक्ष, पीसीसी चीफ के लिए नामों की चर्चा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों के बीच मप्र में अब पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष पद के लिए नेताओं की दावेदारी शुरू हो गई है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए जहां वरिष्ठ विधायक डॉ.,गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, डॉ विजयलक्ष्मी साधो और बाला बच्चन के नाम की चर्चा है. वहीं पीसीसी चीफ के लिए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह के नाम के भी कयास लग रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष और पीसीसी चीफ दोनों में ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भूमिका भी अहम बताई जा रही है.

2023 में एमपी का चुनाव जीतना कमलनाथ का संकल्प

इधर, कमलनाथ के राष्ट्रीय संगठन का नेतृत्व संभालने की सुगबुगाहट के बीच एमपी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता 2023 में कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. हालांकि बीच-बीच में तरह-तरह के बयान देकर कई नेता अपनी दावेदारी भी ठोंक रहे हैं. इंदौर पहुंचे सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कमलनाथ का संकल्प है कि 2023 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाएं.

कांग्रेस नेताओं का बयान

शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष पद की दावेदारी जताई

एक दिन पहले ही सज्जन सिंह वर्मा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावा ठोकते हुए नजर आए थे. शुक्रवार को वर्मा ने कहा था कि मैं दोनों पदों के लायक तो हूं लेकिन दौड़ में नहीं है. सज्जन सिंह वर्मा के बयान को एक तरह से उनकी दावेदारी के तौर पर ही देखा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में वर्मा के बयान की काफी चर्चा भी है.

कांग्रेस में कमलनाथ सबसे वरिष्ठ नेता

वहीं इंदौर पहुंचे राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा भी कमलनाथ की तारीफ करते नजर आए. तन्खा ने कहा कि मुझे कमलनाथ के क्षमताओं पर कोई शक नहीं है. कांग्रेस में कोई सबसे सीनियर लीडर है, तो वो कमलनाथ हैं. उनके पास काफी अनुभव है और उनके पास व्यवस्थाओं का भंडार है.

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