नई दिल्ली : आज यानी 21 नवंबर को जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन शुरू होने जा रहा है. इस सम्मेलन में पहली बार दुनिया के 20 देश एक वर्चुअल मंच पर शिरकत करने जा रहे हैं.
खबरों की माने तो इस शिखर सम्मेलन के दौरान कोविड-19 महामारी के अलावा अन्य कई दूसरे मुद्दें भी उठेंगे.
जी 20 समूह में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. ये देश वैश्विक जीडीपी में 85 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो-तिहाई हिस्से का योगदान देते हैं.
1930 के महामंदी के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बीच शक्तिशाली समूह का यह शिखर सम्मेलन हो रहा है. मार्च में एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद जी20 ने महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर से अधिक पूंजी लगाने की घोषणा की थी.
बता दें कि सऊदी अरब पहली बार इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.
इस बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तथा समूह के अन्य सदस्य देशों के नेता भाग ले सकते हैं.
जी20 का इस सप्ताह होने वाला शिखर सम्मेलन साबित होगा 'मील का पत्थर': सऊदी अरब
विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने इससे पूर्व में कहा था कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा.
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सऊदी अरब ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करने के लिये जी20 से राजकोषीय समर्थन, कर्ज में कटौती तथा अन्य मौद्रिक उपायों की अपेक्षा की जा रही है.
यह सम्मेलन आभासी तरीके से 21-22 नवंबर को होने वाला है.
भारत में सऊदी अरब के राजदूत सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने कहा, 21-22 नवंबर को होने वाली बैठक एक मील का पत्थर साबित होने वाली है. जी 20 के सदस्य इस वर्ष के दौरान दूसरी बार बैठक करने जा रहे हैं. प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकों और नेताओं के शिखर सम्मेलन के साथ जी 20 ने आठ संयुक्त समूहों के काम पर बहुत ध्यान दिया है.
ऐसी उम्मीदें हैं कि इस शिखर सम्मेलन में जी 20 एक आर्थिक राहत कार्यक्रम पेश कर सकता है. इसके साथ ही जी 20 के द्वारा गरीब देशों के ऊपर कर्ज के बोझ को कम करने की योजना भी पेश किये जाने की उम्मीदें हैं.
यह शिखर सम्मेलन काफी हद तक कोरोनो वायरस महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों के पर केंद्रित होगा.
सऊदी अरब की अध्यक्षता मार्च में जी 20 नेताओं के हुए शिखर सम्मेलन की सफलता तथा 100 से अधिक आभासी कार्य समूहों और मंत्रिस्तरीय बैठकों के परिणामों को आगे ले जायेगी.