पुणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीयों (PM Narendra Modi speaks on Operation Ganga) को वहां से निकालने के लिए चलाए जा रहे 'ऑपरेशन गंगा' (Operation Ganga for Indians stranded in Ukraine) की सफलता का श्रेय (Success of Operations Ganga) वैश्विक पटल पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दिया. उन्होंने कहा कि हम ऑपरेशन गंगा के माध्यम से युद्ध क्षेत्र से हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकाल रहे हैं. यह भारत का बढ़ता प्रभाव ही है, जिसकी वजह से वह यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस ला पाया है. उन्होंने कहा कि कई बड़े देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने में मुश्किलों से जूझ रहे हैं. मोदी ने रविवार को यहां सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह (Symbiosis University Golden Jublee Anniversary) का उद्घाटन कर यह बात कही.
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने शनिवार को एक बयान में कहा कि यूक्रेन में गहराते संकट के बीच भारत सरकार 'ऑपरेशन गंगा' के तहत वहां से 13,700 नागरिकों को निकालकर स्वदेश लेकर आई है जिसके लिए पिछले सप्ताह विशेष उड़ानों का संचालन शुरू किया गया था.
उन्होंने कहा, 'सिम्बायोसिस अपने स्वर्ण जयंती के मुकाम तक पहुंचा है. इन संस्थान की यात्रा में अनेक लोगों का योगदान होता है. जिन छात्रों ने यहां से पढ़कर सिम्बायोसिस के विजन को अपनाया और अपनी सफलता से सिम्बायोसिस को पहचान दी उनका उतना ही योगदान है. मैं इस अवसर पर सभी को बधाई देता हूं. सिम्बायोसिस ऐसी विश्वविद्यालय है जहां 'वसुधैव कुटुम्बकम्' पर अलग से एक कोर्स है. ज्ञान का व्यापक प्रसार हो, ज्ञान पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में जोड़ने का माध्यम बने, ये हमारी संस्कृति रही है. मुझे खुशी है कि ये परंपरा हमारे देश में आज भी जीवंत है.'
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उन्होंने कहा कि पुणे में रहने वाले लोग तो अच्छी तरह जानते हैं कि कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भारत ने किस तरह पूरी दुनिया के सामने अपना सामर्थ्य दिखाया है. अभी आप लोग यूक्रेन संकट के समय भी देख रहे हैं कि कैसे ऑपरेशन गंगा चलाकर भारत अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाल रहा है. आज आपका देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम आज हमारे देश में है. उन्होंने कहा कि मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है. सात साल पहले भारत में सिर्फ दो मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां थीं, आज 200 से ज्यादा मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स इस काम में जुटी हैं.
(पीटीआई-भाषा)