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प्रधानमंत्री ने PSA ऑक्सीजन संयंत्रों का जल्द क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का दिया निर्देश - पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस बैठक में मोदी को पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना संबंधी प्रगति से अवगत कराया गया. प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि जैसे ही यह सभी संयंत्र क्रियान्वित हो जाएंगे, वैसे ही इससे चार लाख से अधिक, ऑक्सीजन वाले बिस्तरों को इसका लाभ मिलेगा.

PM मोदी
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Published : Jul 9, 2021, 10:10 AM IST

Updated : Jul 9, 2021, 2:17 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रधानमंत्री नागरिक सहायता (Prime Citizen Assistance) और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की मदद से देश भर में स्थापित किए जाने वाले 'प्रेशर स्विंग एड्जॉर्प्शन' (PSA) चिकित्सीय ऑक्सीजन संयंत्रों (therapeutic oxygen plant) का जल्द से जल्द क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और इसके लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया.

प्रधानमंत्री ने यह बात देश भर में चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने और उसकी उपलब्धता की समीक्षा के लिए अपनी अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में कही.

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस बैठक में मोदी को पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना संबंधी प्रगति से अवगत कराया गया.

उन्हें बताया गया कि देश भर में 1500 से अधिक पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की जा रही है. इनमें पीएम केयर्स से आवंटित संयंत्रों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ओर से आवंटित संयंत्र भी शामिल हैं.

प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि जैसे ही यह सभी संयंत्र क्रियान्वित हो जाएंगे, वैसे ही इससे चार लाख से अधिक, ऑक्सीजन वाले बिस्तरों को इसका लाभ मिलेगा.

पीएमओ के मुताबिक, मोदी ने अधिकारियों को ऑक्सीजन संयंत्रों के संचालन व रखरखाव के लिए अस्पताल के कर्मचारियों का उचित प्रशिक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

उन्होंने कहा कि सभी जिलों में प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध होने चाहिए. इस दौरान प्रधानमंत्री को बताया गया कि विशेषज्ञों की ओर से प्रशिक्षण संबंधी एक खाका तैयार किया गया है और उनके जरिए देशभर में 8000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रधानमंत्री ने इन ऑक्सीजन संयंत्रों की कार्यप्रणाली और उनके प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया.

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार, कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य सचिव सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे.

पढ़ें- पीएम ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, लापरवाही न बरतने की दी सलाह

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान इस साल अप्रैल-मई के महीने में ऑक्सीजन की मांग में अचानक तेजी आ गई थी. इसके मद्देनजर देश के कई राज्यों में जीवन रक्षक ऑक्सीजन की कमी के मामले भी सामने आए थे. इसके बाद से सरकार की ओर से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने और उसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए प्रधानमंत्री लगातार बैठकें कर रहे हैं और भविष्य में ऑक्सीजन की कोई कमी ना हो, इसके लिए कदम भी उठा रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लोगों द्वारा कोविड-19 से बचाव के उपायों का पालन न करने पर कल ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में चिंता जताई थी और देशवासियों को लापरवाही ना बरतने की सलाह दी थी.

उन्होंने जोर देकर कहा था एक छोटी सी गलती के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं और इससे कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई कमजोर पड़ सकती है.

इससे पहले, महामारी की तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज को मंजूरी दी.

(इनपुट-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रधानमंत्री नागरिक सहायता (Prime Citizen Assistance) और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की मदद से देश भर में स्थापित किए जाने वाले 'प्रेशर स्विंग एड्जॉर्प्शन' (PSA) चिकित्सीय ऑक्सीजन संयंत्रों (therapeutic oxygen plant) का जल्द से जल्द क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और इसके लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया.

प्रधानमंत्री ने यह बात देश भर में चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने और उसकी उपलब्धता की समीक्षा के लिए अपनी अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में कही.

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस बैठक में मोदी को पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना संबंधी प्रगति से अवगत कराया गया.

उन्हें बताया गया कि देश भर में 1500 से अधिक पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की जा रही है. इनमें पीएम केयर्स से आवंटित संयंत्रों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ओर से आवंटित संयंत्र भी शामिल हैं.

प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि जैसे ही यह सभी संयंत्र क्रियान्वित हो जाएंगे, वैसे ही इससे चार लाख से अधिक, ऑक्सीजन वाले बिस्तरों को इसका लाभ मिलेगा.

पीएमओ के मुताबिक, मोदी ने अधिकारियों को ऑक्सीजन संयंत्रों के संचालन व रखरखाव के लिए अस्पताल के कर्मचारियों का उचित प्रशिक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

उन्होंने कहा कि सभी जिलों में प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध होने चाहिए. इस दौरान प्रधानमंत्री को बताया गया कि विशेषज्ञों की ओर से प्रशिक्षण संबंधी एक खाका तैयार किया गया है और उनके जरिए देशभर में 8000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रधानमंत्री ने इन ऑक्सीजन संयंत्रों की कार्यप्रणाली और उनके प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया.

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार, कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य सचिव सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे.

पढ़ें- पीएम ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, लापरवाही न बरतने की दी सलाह

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान इस साल अप्रैल-मई के महीने में ऑक्सीजन की मांग में अचानक तेजी आ गई थी. इसके मद्देनजर देश के कई राज्यों में जीवन रक्षक ऑक्सीजन की कमी के मामले भी सामने आए थे. इसके बाद से सरकार की ओर से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने और उसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए प्रधानमंत्री लगातार बैठकें कर रहे हैं और भविष्य में ऑक्सीजन की कोई कमी ना हो, इसके लिए कदम भी उठा रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लोगों द्वारा कोविड-19 से बचाव के उपायों का पालन न करने पर कल ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में चिंता जताई थी और देशवासियों को लापरवाही ना बरतने की सलाह दी थी.

उन्होंने जोर देकर कहा था एक छोटी सी गलती के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं और इससे कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई कमजोर पड़ सकती है.

इससे पहले, महामारी की तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज को मंजूरी दी.

(इनपुट-भाषा)

Last Updated : Jul 9, 2021, 2:17 PM IST
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