बेंगलुरु : कर्नाटक के दावणगेरे जिले के एक परिवार ने लॉकडाउन में घर में मास्क बनाने का काम शुरू किया था. परिवार ने वही मास्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजे थे और उन्होंने उसे पहना भी. इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें एक पत्र भी मिला है.
सामाजिक कार्यकर्ता केपी विवेकानंद, उनकी पत्नी शांता व बेटियों काव्या, नम्रथा, कविता और देवी ने लॉकडाउन में मास्क बनाने का काम शुरू किया था. उन्होंने करीब सात हजार मास्क बनाए और उन्हें गरीबों में बांट दिया. इस परिवार ने कुल आठ हजार मास्क बनाए हैं.
कॉटन के बने इस मास्क की मांग बढ़ने पर परिवार ने एक हजार मास्क को बेच दिया. इस बीच बेटी काव्या ने 13 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी स्पीड पोस्ट के माध्यम से मास्क भेजा.
कई सप्ताह बीतने के बाद भी उनको प्रधानमंत्री के कार्यालय से कोई जवाब नहीं आया, तो वह निराश होने लगे. इसके बाद काव्या की दोस्त कविथा देवी ने उन्हें प्रधानमंत्री की एक फोटो भेजी, जिसमें प्रधानमंत्री ने उनका बनाया मास्क पहना था. इसको देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और कुछ दिन बाद उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब भी आया, जिसमें काव्या को धन्यवाद दिया गया था.
विवेकानंद ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें मास्क बनाने का आइडिया आया. उन्होंने बताया कि कॉटन के बने इन मास्कों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इससे सांस लेने में दिक्कत नहीं होती.