नई दिल्ली: वाराणसी में रविवार को काशी तमिल संगमम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान एक रियल टाइम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अनुवाद उपकरण का उपयोग किया गया. यहां उन दर्शकों के लिए भाषिणी टूल का इस्तेमाल किया गया, जो तमिल समझते थे.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि 'आज यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से नई तकनीक का उपयोग हुआ है. यह एक नई शुरुआत है और उम्मीद है कि इससे मुझे आप तक पहुंचने में आसानी होगी.'
भाषिणी क्या है?
भाषिणी एक एआई-आधारित भाषा अनुवाद प्रणाली है, जो लोगों को अन्य भारतीय भाषाओं को बोलने वालों से बात करते समय अपनी भाषा में बात करने में सक्षम बनाती है. इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं में सुविधाजनक इंटरनेट और डिजिटल सेवा पहुंच की सुविधा प्रदान करना, आवाज-आधारित पहुंच को शामिल करना और इन भाषाओं में सामग्री के निर्माण को बढ़ावा देना है.
इस ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म में एक अलग भसादान अनुभाग भी है, जो व्यक्तियों को कई क्राउडसोर्सिंग पहलों में योगदान करने की अनुमति देता है और यह संबंधित एंड्रॉइड और आईओएस ऐप के माध्यम से भी पहुंच योग्य है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2.0 का उद्घाटन करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे.
गौरतलब है कि काशी तमिल संगमम 2023 भारत सरकार की एक पहल है, जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को बनाए रखने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव का हिस्सा है. काशी तमिल संगमम का दूसरा संस्करण 17 से 30 दिसंबर, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है. यह आयोजन सरकार के एक भारत, श्रेष्ठ भारत युवा संगम कार्यक्रम का हिस्सा है.