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राजमाता सिंधिया को पीएम मोदी की श्रद्धांजलि, कहा- भाजपा की सफलता में अहम योगदान

पीएम मोदी ने मंगलवार को ग्वालियर की राजमाता के नाम से मशहूर राजमाता विजया राजे सिंधिया की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि राजमाता विजया राजे सिंधिया जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. उनका जीवन पूरी तरह से जन सेवा के लिए समर्पित था.

पीएम मोदी
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Published : Oct 12, 2021, 4:16 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विजया राजे सिंधिया की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सिंधिया का नाता ग्वालियर राजघराने से था और वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दो पुरानी फोटो साझा की और लिखा कि राजमाता विजया राजे सिंधिया जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. उनका जीवन पूरी तरह से जन सेवा के लिए समर्पित था. वह निडर और दयालु थीं. अगर भाजपा एक ऐसी पार्टी के रूप में उभरी है जिस पर लोगों को भरोसा है, तो इसका कारण यह है कि हमारे पास राजमाता जी जैसे दिग्गज थे, जिन्होंने लोगों के बीच काम किया और पार्टी को मजबूत किया.

पीएम बनने से पहले पार्टी कार्यकर्ता के रूप में नरेंद्र मोदी को राजमाता सिंधिया के साथ कई बार मंच शेयर करने का मौका मिला. पीएम मोदी ने अयोध्या में क्लिक की गई ऐसी ही एक दुर्लभ तस्वीर भी शेयर की जिसमें राजमाता सिंधिया जनसभा में अभिवादन स्वीकार करती दिख रही हैं, जबकि पीएम मोदी उनके बैकग्राउंड में देखे जा सकते हैं.

राजमाता सिंधिया की जयंती पर पीएम मोदी ने शेयर की दुर्लभ तस्वीर
राजमाता सिंधिया की जयंती पर पीएम मोदी ने शेयर की दुर्लभ तस्वीर

1919 में जन्मीं सिंधिया कई दशकों तक जनसंघ की सक्रिय सदस्य रहीं और भारतीय जनता पार्टी की सह-संस्थापक भी रहीं. ग्वालियर के अंतिम शासक महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की पत्नी के रूप में उन्हें इस क्षेत्र के सर्वोच्च शाही लोगों में स्थान दिया गया.उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के युग में महिला सशक्तिकरण और लड़कियों की शिक्षा की दिशा में लगातार विश्वास और काम किया.

विजया राजे ने 1957 में चुनावी राजनीति में कदम रखा जब उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. बाद में, वह भारतीय जनसंघ में शामिल हो गईं और राज्य की राजनीति में भाग लेने के लिए लोकसभा से इस्तीफा दे दिया.

यह भी पढ़ें- NHRC स्थापना दिवस पर बोले पीएम मोदी- भारत ने दुनिया को अहिंसा का मार्ग सुझाया

1967 में जनसंघ के उम्मीदवार के रूप में मध्य प्रदेश में करेरा विधानसभा सीट पर कब्जा करने के बाद उन्होंने राज्य की राजनीति में प्रवेश किया. 25 जनवरी 2001 को उनका निधन हो गया. उनकी बेटियां वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं, जबकि पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विजया राजे सिंधिया की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सिंधिया का नाता ग्वालियर राजघराने से था और वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दो पुरानी फोटो साझा की और लिखा कि राजमाता विजया राजे सिंधिया जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. उनका जीवन पूरी तरह से जन सेवा के लिए समर्पित था. वह निडर और दयालु थीं. अगर भाजपा एक ऐसी पार्टी के रूप में उभरी है जिस पर लोगों को भरोसा है, तो इसका कारण यह है कि हमारे पास राजमाता जी जैसे दिग्गज थे, जिन्होंने लोगों के बीच काम किया और पार्टी को मजबूत किया.

पीएम बनने से पहले पार्टी कार्यकर्ता के रूप में नरेंद्र मोदी को राजमाता सिंधिया के साथ कई बार मंच शेयर करने का मौका मिला. पीएम मोदी ने अयोध्या में क्लिक की गई ऐसी ही एक दुर्लभ तस्वीर भी शेयर की जिसमें राजमाता सिंधिया जनसभा में अभिवादन स्वीकार करती दिख रही हैं, जबकि पीएम मोदी उनके बैकग्राउंड में देखे जा सकते हैं.

राजमाता सिंधिया की जयंती पर पीएम मोदी ने शेयर की दुर्लभ तस्वीर
राजमाता सिंधिया की जयंती पर पीएम मोदी ने शेयर की दुर्लभ तस्वीर

1919 में जन्मीं सिंधिया कई दशकों तक जनसंघ की सक्रिय सदस्य रहीं और भारतीय जनता पार्टी की सह-संस्थापक भी रहीं. ग्वालियर के अंतिम शासक महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की पत्नी के रूप में उन्हें इस क्षेत्र के सर्वोच्च शाही लोगों में स्थान दिया गया.उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के युग में महिला सशक्तिकरण और लड़कियों की शिक्षा की दिशा में लगातार विश्वास और काम किया.

विजया राजे ने 1957 में चुनावी राजनीति में कदम रखा जब उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. बाद में, वह भारतीय जनसंघ में शामिल हो गईं और राज्य की राजनीति में भाग लेने के लिए लोकसभा से इस्तीफा दे दिया.

यह भी पढ़ें- NHRC स्थापना दिवस पर बोले पीएम मोदी- भारत ने दुनिया को अहिंसा का मार्ग सुझाया

1967 में जनसंघ के उम्मीदवार के रूप में मध्य प्रदेश में करेरा विधानसभा सीट पर कब्जा करने के बाद उन्होंने राज्य की राजनीति में प्रवेश किया. 25 जनवरी 2001 को उनका निधन हो गया. उनकी बेटियां वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं, जबकि पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.

(एजेंसी इनपुट)

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