नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग (एनएच-965) के पांच खंडों और श्री संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग (एनएच-965जी) के तीन खंडों को चार लेन का बनाने के कार्य की आधारशिला रखी.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा.
इस दौरान उन्होंने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति को भारत के आदर्शों को सदियों से यहां के धरती पुत्र ही जीवित बनाए हुए हैं. एक सच्चा अन्नदाता समाज को जोड़ता है, समाज को जीता है, समाज के लिए जीता है. आपसे ही समाज की प्रगति है और आपकी ही प्रगति में समाज की प्रगति है. पीएम ने कहा कि अतीत में भारत पर कितने ही हमले हुए. सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा रहा. प्राकृतिक आपदाएं आईं, चुनौतियां आईं, कठिनाइयां आईं, लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था अनवरत चलती रही.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है. यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है.
इन राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों ओर ‘पालखी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिससे भक्तों को परेशानी मुक्त और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध होगा. संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग के दिवेघाट से लेकर मोहोल तक के लगभग 221 किलोमीटर लंबे खंड और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग के पतस से लेकर टोंदले-बोंदले तक के लगभग 130 किलोमीटर लंबे खंड को चार लेन का बनाया जायेगा.
चार लेन वाले इन खंडों के दोनों ओर ‘पालखी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग बनाए जायेंगे. इन चार लेन और समर्पित पैदल मार्गों के निर्माण की अनुमानित लागत क्रमशः 6690 करोड़ रुपये और लगभग 4400 करोड़ रुपये से अधिक होगी.
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