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पीएम मोदी ने सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का किया उद्घाटन - saryu canal national project in balrampur

सरयू नहर परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था, लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देरी हुई और लगभग चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी. 318 किलोमीटर लम्बी इस नहर परियोजना पर करीब 9,800 करोड़ रुपये की लागत आई है.

Saryu Canal National Project
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना
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Published : Dec 11, 2021, 2:00 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 3:00 PM IST

बलरामपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया. 318 किलोमीटर लंबी यह नहर परियोजना कई जिलों से होकर गुजरती है. इस परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था, लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देरी हुई और लगभग चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज से करीब 50 साल पहले इस योजना पर काम शुरू हुआ था और आज इसका काम पूरा हुआ है. जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था तो इसकी लागत 100 करोड़ से भी कम थी, आज ये लगभग 10,000 करोड़ खर्च करने के बाद पूरी हुई है. पहले की सरकारों की लापरवाही की 100 गुना ज्यादा कीमत देश को चुकानी पड़ी है.

उन्होंने कहा, 'मैं जब आज दिल्ली से चला तो मैं सुबह से इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा और कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो मैंने काटा था. कुछ लोगों की ऐसा कहने की आदत है, हो सकता है कि बचपन में इस योजना का फीता भी उन्होंने ही काटा हो. कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पशु पालन, मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नई योजनाएं शुरू की गई हैं. आज भारत दूध उत्पादन मामले में दुनिया में अग्रणी है ही साथ ही शहद निर्यातक के रूप में विश्व में अपना स्थान बना रहे हैं.

सरयू नहर परियोजना को पूरा करने के मकसद से मोदी सरकार, वर्ष 2016 में इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ले आई और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया. इसे साकार करने के लिए भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनों सहित अन्य समस्याओं का समाधान निकाला गया और इसी का परिणाम है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम चार वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया गया.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी जमा बीमा कार्यक्रम को करेंगे संबोधित

इस परियोजना को 9,800 करोड़ रुपये में पूरा किया गया. इसमें से 4600 करोड़ रुपये का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया. इस परियोजना में पांच नदियों को भी जोड़ा गया है. घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.

बलरामपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया. 318 किलोमीटर लंबी यह नहर परियोजना कई जिलों से होकर गुजरती है. इस परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था, लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देरी हुई और लगभग चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज से करीब 50 साल पहले इस योजना पर काम शुरू हुआ था और आज इसका काम पूरा हुआ है. जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था तो इसकी लागत 100 करोड़ से भी कम थी, आज ये लगभग 10,000 करोड़ खर्च करने के बाद पूरी हुई है. पहले की सरकारों की लापरवाही की 100 गुना ज्यादा कीमत देश को चुकानी पड़ी है.

उन्होंने कहा, 'मैं जब आज दिल्ली से चला तो मैं सुबह से इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा और कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो मैंने काटा था. कुछ लोगों की ऐसा कहने की आदत है, हो सकता है कि बचपन में इस योजना का फीता भी उन्होंने ही काटा हो. कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पशु पालन, मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नई योजनाएं शुरू की गई हैं. आज भारत दूध उत्पादन मामले में दुनिया में अग्रणी है ही साथ ही शहद निर्यातक के रूप में विश्व में अपना स्थान बना रहे हैं.

सरयू नहर परियोजना को पूरा करने के मकसद से मोदी सरकार, वर्ष 2016 में इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ले आई और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया. इसे साकार करने के लिए भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनों सहित अन्य समस्याओं का समाधान निकाला गया और इसी का परिणाम है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम चार वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया गया.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी जमा बीमा कार्यक्रम को करेंगे संबोधित

इस परियोजना को 9,800 करोड़ रुपये में पूरा किया गया. इसमें से 4600 करोड़ रुपये का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया. इस परियोजना में पांच नदियों को भी जोड़ा गया है. घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.

Last Updated : Dec 11, 2021, 3:00 PM IST
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