जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में चंदन की लकड़ी से कलाकृतियों को तैयार करने वाला जांगिड़ परिवार अपने एक और आर्ट वर्क के लिए चर्चा में है. जांगिड़ परिवार की ओर से बनाई गई शाही सितार और उस पर की गई बारीक कारीगरी की हर तरफ तारीफ हो रही है. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के दौरे पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को रिटर्न गिफ्ट में चंदन की लकड़ी से बनी सितार भेंट की थी, जिने बनाने वाला जांगिड़ परिवार था.
सितार पर तानसेन का सफरनामा : फ्रांसीसी राष्ट्रपति को सौंपे गए तोहफे वाली सितार कई मायनों में खास है. दो फीट लंबाई वाली इस सितार पर सैंडलवुड मिनिएचर कार्विंग के जरिए मशहूर संगीतकार तानसेन के जीवन और सफर को दर्शाया गया है. साइड में तीन खिड़कियां हैं, जहां तानसेन के सफरनामे के अलग-अलग दौर को दिखाया गया है. सितार के नीचे गोलाकार भाग में अकबर का दरबार दिखाया गया है. इसमें तानसेन के किरदार में प्रमुख रूप से उनके जीवन के तीन अंश है, जिनमें पहले हिस्से में बैजू बावरा और तानसेन के बीच की प्रतिस्पर्धा की कहानी है. दूसरे भाग में तानसेन के युवा काल में रीवा के राजा रामचंद्र सिंह के दरबार से अकबर के नवरत्नों में शामिल होने का किस्सा है और तीसरा भाग तानसेन के मिया तानसेन बनने की दास्तां दिखाता है. इसमें वे अकबर की बेटी मेहरूनिशा से शादी करने के बाद धर्मान्तरण करके मियां तानसेन हो जाते हैं.
ग्राहक के अनुसार गढ़ते हैं कलाकृतियों में कहानी : इस सितार के ऊपरी भाग पर विद्या की देवी मां सरस्वती की आकृति है और नीचे की ओर नृतक मुद्रा में गणेश जी को दिखाया गया है. जयपुर की वर्कशॉप में तैयार इस कलाकृति को लेकर जांगिड़ परिवार के मोहित काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि आम तौर पर ग्राहक की डिमांड के हिसाब से वे अपनी कलाकृतियों में कहानी और उसकी लंबाई तय करते हैं. मोहित ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें यह जानकर काफी खुशी हुई कि इस बार भी उनके हाथ से बनी एक आर्ट को प्रधानमंत्री ने फ्रांस दौरे पर वहां के राष्ट्रपति को गिफ्ट किया है. उन्होंने कहा कि वे इस तरह से प्रसंगों से प्रेरणा लेकर आगे और मेहनत करेंगे, ताकी देश का नाम ऊंचा हो सके.
मोहित बढ़ा रहे परिवार की परंपरा : जयपुर में चंदन की लकड़ियों पर कलाकृत्तियों को बनाने वाले इस परिवार में चार पुश्तों से यह हुनर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रहा है. फिलहाल इस परिवार के सदस्य मोहित जांगिड़ अपनी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. मोहित के पिता महेश जांगिड़ और दादा चौथमल जांगिड़ ने इसी कला के दम पर देशभर में पहचान बनाई थी. उनके पहले मोहित के परदादा मालचंद जांगिड़ भी इस काम को पेशेवर रूप में करते थे. मोहित के मुताबिक बदलते दौर में हाथ के औजारों की जगह मशीनों ने ले ली है, पर इस काम में कड़ी मेहनत और बारीकी की जरूरत है. इसको लेकर वे कभी पीछे नहीं रहते हैं.
पहले भी कई देशों को कर चुके हैं गिफ्ट : हाल ही में इस परिवार की एक कलाकृति को पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को भेंट किया था. इसके पहले जापान के प्रधानमंत्री को इसी परिवार की ओर से तैयार किए गए हाथ पंखे को भी मोदी तोहफे के रूप में दे चुके हैं. यही कारण है कि अपनी कला के दम पर चार पीढ़ियों से लोहा मनवा चुके इस परिवार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार हासिल किए हैं. गौरतलब है कि पीएम मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था. चंदन की लकड़ियों से इस तरह कलाकृतियों को तैयार करने वाले जांगिड़ परिवार की कला के कद्रदान खुद प्रधानमंत्री मोदी हैं, जो लगातार इनकी ओर से तैयार किए गए तोहफों को विदेशी दौरों पर दुनियाभर की नामचीन शख्सियतों को भेंट कर रहे हैं.