सूरी (पश्चिम बंगाल): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की ऐतिहासिक विश्वभारती यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक भी मौजूद रहे. प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं.
समारोह में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं. वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह मनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं. मोदी ने कहा कि भारत जो है, जो मानवता, जो आत्मीयता, जो विश्व कल्याण की भावना हमारे रक्त के कण-कण में है, उसका एहसास बाकी देशों को कराने के लिए विश्व भारती को देश की शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए.
भारत की प्रेरणा स्थली और कर्मस्थली भी
विश्वभारती यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मोदी ने कहा कि हम इस वर्ष अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. विश्व भारती के प्रत्येक विद्यार्थी की तरफ से देश को सबसे बड़ा उपहार होगा कि भारत की छवि को और निखारने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें. मोदी ने कहा कि बंगाल ने अतीत में भारत के समृद्ध ज्ञान-विज्ञान को आगे बढ़ाने में देश को नेतृत्व दिया. बंगाल, एक भारत, श्रेष्ठ भारत की प्रेरणा स्थली भी रहा है और कर्मस्थली भी रहा है.
50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता, देश की बेटियों के आत्मविश्वास के बिना संभव नहीं है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार जेंडर इन्क्लूजन फंड (Gender Inclusion Fund) की भी व्यवस्था की गई है. मोदी ने कहा कि हाल ही में सरकार ने देश और दुनिया के लाखों Journals की फ्री एक्सेस अपने Scholars को देने का फैसला किया है. इस साल बजट में भी रिसर्च के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से आने वाले 5 साल में 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा है.
फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए
पीएम ने कहा कि गुरुदेव ने विश्वभारती में जो व्यवस्थाएं विकसित कीं, जो पद्धतियां विकसित कीं, वो भारत की शिक्षा व्यवस्था को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करने, उन्हें आधुनिक बनाने का एक माध्यम थीं. उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती. हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए.
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मोदी ने कहा कि विश्व भारती तो अपने आप में ज्ञान का वो उन्मुक्त समंदर है, जिसकी नींव ही अनुभव आधारित शिक्षा के लिए रखी गयी थी. ज्ञान की, रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं होती है, इसी सोच के साथ गुरुदेव ने इस महान विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.
भावी पीढ़ियों की भी धरोहर
उन्होंने कहा कि आपका ज्ञान सिर्फ आपका नहीं, बल्कि समाज की, देश की हर एक भावी पीढ़ियों की भी वो धरोहर है. आपका ज्ञान अपकी स्किल एक समाज, एक राष्ट्र को गौरवान्वित भी कर सकती है. पीएम ने कहा कि जिस प्रकार सत्ता में रहते हुए संयम और संवेदनशील रहना पड़ता है, रहना जरूरी होता है, उसी प्रकार हर विद्वान को, हर जानकार को भी उनके प्रति जिम्मेदार रहना पड़ता है जिनके पास वो शक्ति है.
भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास
मोदी ने कहा कि गुरुदेव कहते थे - हे श्रमिक साथियों, जानकर साथियों, हे समाजसेवियों, हे संतों, समाज के सभी जागरूक साथियों. आइये समाज की मुक्ति के लिए मिलकर प्रयास करें. पीएम ने कहा कि गुरुदेव टैगोर के लिए विश्व भारती सिर्फ ज्ञान देने वाली एक संस्था मात्र नहीं थी. ये एक प्रयास है भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का.
छात्रों और अभिभावकों को शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री ने छात्रों कहा कि आप सिर्फ एक विश्वविद्यालय का ही हिस्सा नहीं हैं, बल्कि एक जीवंत परंपरा का हिस्सा भी हैं. गुरुदेव अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसे ग्लोबल यूनिवर्सिटी या कोई और नाम दे सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया. उन्होंने कहा कि इस बार तो कुछ समय के अंतराल पर मुझे दूसरी बार ये मौका मिला है. आपके जीवन के इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सभी युवा साथियों को, माता पिता को और गुरुजनों को मैं बहुत बहुत बधाई और अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं.
भारत की आत्मा को जिंदा रखा
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए दीक्षांत समारोह को हिस्सा बनना प्रेरक है. पीएम मोदी ने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी की जन्म जयंती है. गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर ने शिबाजि-उत्सब नाम से कविता लिखी थी. पीएम मोदी ने कहा कि गुरुदेव टैगोर ने जो एकता का संदेश दिया, उसे कभी ना भूलें. गुरुदेव ने इस यूनिवर्सिटी में भारत की आत्मा को जिंदा रखा और उसकी पहचान को आगे बढ़ाया.