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nirav modi brother in law Petition: SC ने नीरव मोदी के बहनोई की विदेश यात्रा से जुड़ी याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट वापस भेजी

नीरव मोदी के बहनोई मैनक मेहता को लेकर सीबीआई की एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट वापस भेज दिया है. साथ ही अदालत से चार सप्ताह में नए सिरे से फैसला सुनाने के लिए भी कहा है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Feb 9, 2023, 1:57 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बहनोई मैनक मेहता को हांगकांग जाने की अनुमति दिए जाने के खिलाफ दायर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट को बृहस्पतिवार को वापस भेज दी है. न्यायालय ने इस मामले में अदालत से चार सप्ताह में नए सिरे से फैसला सुनाने को कहा है.

नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में आरोपी है. सीबीआई का आरोप है कि मेहता ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में बड़ी मात्रा में हेराफेरी की राशि को अपने व अपनी पत्नी के बैंक खाते में भेज दिया था. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि सीबीआई और मेहता दो सप्ताह की अवधि के भीतर उच्च न्यायालय में अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल कर सकते हैं. उसके बाद दो सप्ताह के भीतर याचिका पर फैसला किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि मेहता की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने सीबीआई को मेहता के दो विदेशी बैंक खातों के विवरण हासिल करने और उनकी जांच करने के लिए 'अधिकार पत्र' देने पर सहमति व्यक्त की है.

सीबीआई ने अपने निदेशक, बैंकिंग सुरक्षा धोखाधड़ी शाखा, मुंबई के मार्फत बंबई उच्च न्यायालय के 23 अगस्त 2022 के आदेश को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने मेहता को हांगकांग की यात्रा करने और वहां तीन महीने रहने की अनुमति दी थी.

ये भी पढ़ें- Madras HC : ट्रिब्यूनल के पास उसके सामने पेश होने वाले वकीलों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित करने का कोई अधिकार नहीं : मद्रास हाईकोर्ट

उच्च न्यायलय ने मुंबई के विशेष सीबीआई न्यायाधीश का आदेश बरकरार रखा था और सीबीआई द्वारा मेहता के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर खारिज कर दिया था और उसे हांगकांग जाने की अनुमति दी थी. मेहता ब्रितानी नागरिक है और वह अपने परिवार के साथ हांगकांग में रहता है. वह मुंबई की अदालत के समक्ष पेश होने के लिए आठ सितंबर, 2021 को भारत आया था.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बहनोई मैनक मेहता को हांगकांग जाने की अनुमति दिए जाने के खिलाफ दायर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट को बृहस्पतिवार को वापस भेज दी है. न्यायालय ने इस मामले में अदालत से चार सप्ताह में नए सिरे से फैसला सुनाने को कहा है.

नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में आरोपी है. सीबीआई का आरोप है कि मेहता ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में बड़ी मात्रा में हेराफेरी की राशि को अपने व अपनी पत्नी के बैंक खाते में भेज दिया था. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि सीबीआई और मेहता दो सप्ताह की अवधि के भीतर उच्च न्यायालय में अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल कर सकते हैं. उसके बाद दो सप्ताह के भीतर याचिका पर फैसला किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि मेहता की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने सीबीआई को मेहता के दो विदेशी बैंक खातों के विवरण हासिल करने और उनकी जांच करने के लिए 'अधिकार पत्र' देने पर सहमति व्यक्त की है.

सीबीआई ने अपने निदेशक, बैंकिंग सुरक्षा धोखाधड़ी शाखा, मुंबई के मार्फत बंबई उच्च न्यायालय के 23 अगस्त 2022 के आदेश को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने मेहता को हांगकांग की यात्रा करने और वहां तीन महीने रहने की अनुमति दी थी.

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उच्च न्यायलय ने मुंबई के विशेष सीबीआई न्यायाधीश का आदेश बरकरार रखा था और सीबीआई द्वारा मेहता के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर खारिज कर दिया था और उसे हांगकांग जाने की अनुमति दी थी. मेहता ब्रितानी नागरिक है और वह अपने परिवार के साथ हांगकांग में रहता है. वह मुंबई की अदालत के समक्ष पेश होने के लिए आठ सितंबर, 2021 को भारत आया था.

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