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कश्मीर घाटी में हिंदुओं और सिखों की सुरक्षा की मांग को लेकर SC में याचिका - याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कश्मीर में हिंदुओं और सिखों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने और राष्ट्रीय जांच एजेंसी से हत्या मामलों की जांच करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने के लिए कहा गया है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 11, 2021, 2:23 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कश्मीर में हिंदुओं और सिखों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने और राष्ट्रीय जांच एजेंसी से हत्या मामलों की जांच करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने के लिए कहा गया है.

इस संबंध में अधिवक्ता विनीत जिंदल ने हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों सहित सात नागरिकों की हत्या के मद्देनजर याचिका दायर की है. अल्पसंख्यकों को हो रहे खतरे की खबरों का हवाला देते हुए जिंदल ने कहा है कि इन हत्याओं ने सन 2000 में अनंतनाग में हुई 36 सिख नागरिकों की सामूहिक हत्या की वारदात की याद ताजा कर दी है। याचिका में कहा गया है कि हत्या की ताजा वारदातों के बाद बहुत से सरकारी कर्मचारियों ने जान के भय से घाटी को छोड़ दिया है. इन कर्मचारियों को प्रधानमंत्री विशेष रोजगार कार्यक्रम के तहत नौकरियां मिली थीं. इनके अतिरिक्त बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र के कर्मी भी कश्मीर घाटी छोड़कर जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें - अग्रिम जमानत देने से पहले अदालत को अपराध की गंभीरता देखनी चाहिए : उच्चतम न्यायालय

याचिका में कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बंदोबस्त करने के लिए केंद्र सरकार को व्यापक निर्देश देने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है. साथ ही कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह विशेष प्रतिनिधियों की ऐसी इकाई भी गठित करें जो समय-समय पर कश्मीर में हिंदू और सिखों की सुरक्षा की समीक्षा करे. साथ ही प्रशासन को आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था में सुधार की सलाह दे. उन्होंने हिंदू और सिख पीड़ितों के परिवारों को एक लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कश्मीर में हिंदुओं और सिखों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने और राष्ट्रीय जांच एजेंसी से हत्या मामलों की जांच करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने के लिए कहा गया है.

इस संबंध में अधिवक्ता विनीत जिंदल ने हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों सहित सात नागरिकों की हत्या के मद्देनजर याचिका दायर की है. अल्पसंख्यकों को हो रहे खतरे की खबरों का हवाला देते हुए जिंदल ने कहा है कि इन हत्याओं ने सन 2000 में अनंतनाग में हुई 36 सिख नागरिकों की सामूहिक हत्या की वारदात की याद ताजा कर दी है। याचिका में कहा गया है कि हत्या की ताजा वारदातों के बाद बहुत से सरकारी कर्मचारियों ने जान के भय से घाटी को छोड़ दिया है. इन कर्मचारियों को प्रधानमंत्री विशेष रोजगार कार्यक्रम के तहत नौकरियां मिली थीं. इनके अतिरिक्त बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र के कर्मी भी कश्मीर घाटी छोड़कर जा रहे हैं.

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याचिका में कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बंदोबस्त करने के लिए केंद्र सरकार को व्यापक निर्देश देने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है. साथ ही कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह विशेष प्रतिनिधियों की ऐसी इकाई भी गठित करें जो समय-समय पर कश्मीर में हिंदू और सिखों की सुरक्षा की समीक्षा करे. साथ ही प्रशासन को आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था में सुधार की सलाह दे. उन्होंने हिंदू और सिख पीड़ितों के परिवारों को एक लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है.

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