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अरुणाचल प्रदेश के सीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर - लाइसेंसिंग अधिकार

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. जिसमें कथित भ्रष्टाचार की जांच और कई गैरकानूनी नियुक्तियां करने में शक्ति का दुरुपयोग के जांच की मांग की गई है.

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Published : Apr 17, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 4:02 PM IST

नई दिल्ली : अरुणाचल न्याय मंच द्वारा सीएम पेमा खांडू के खिलाफ याचिका दायर की गई है. जिसमें अदालत के समक्ष दलील दी है कि उनकी भारत और विदेश में ऐसी कई अघोषित संपत्तियां हैं, जिन्हें उन्होंने चुनावी हलफनामे में घोषित नहीं किया है. इसकी सीबीआई द्वारा उचित जांच किए जाने की जरूरत है.

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि खांडू के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न बिजली कंपनियों से गुप्त समझौता किया है. जिनके बारे में पंचायती राज संस्थाओं, गांव के अधिकारियों को कोई पता नहीं है और लगभग 1300 करोड़ रुपये बिजली डेवलपर्स से एकत्र किए गए हैं. पीएम पैकेज के तहत लगभग 2400 करोड़ रुपये का भी दुरुपयोग किया गया है.

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इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि लाइसेंसिंग अधिकार उचित प्रक्रिया के बिना दिए गए और 1000 करोड़ पीडीएस घोटाला भी उनके द्वारा किया गया है. शिक्षकों को भी बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए नियुक्त किया गया है. 19 अप्रैल को जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच के सामने यह मामला आने की संभावना है.

नई दिल्ली : अरुणाचल न्याय मंच द्वारा सीएम पेमा खांडू के खिलाफ याचिका दायर की गई है. जिसमें अदालत के समक्ष दलील दी है कि उनकी भारत और विदेश में ऐसी कई अघोषित संपत्तियां हैं, जिन्हें उन्होंने चुनावी हलफनामे में घोषित नहीं किया है. इसकी सीबीआई द्वारा उचित जांच किए जाने की जरूरत है.

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि खांडू के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न बिजली कंपनियों से गुप्त समझौता किया है. जिनके बारे में पंचायती राज संस्थाओं, गांव के अधिकारियों को कोई पता नहीं है और लगभग 1300 करोड़ रुपये बिजली डेवलपर्स से एकत्र किए गए हैं. पीएम पैकेज के तहत लगभग 2400 करोड़ रुपये का भी दुरुपयोग किया गया है.

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इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि लाइसेंसिंग अधिकार उचित प्रक्रिया के बिना दिए गए और 1000 करोड़ पीडीएस घोटाला भी उनके द्वारा किया गया है. शिक्षकों को भी बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए नियुक्त किया गया है. 19 अप्रैल को जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच के सामने यह मामला आने की संभावना है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 4:02 PM IST
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