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देश में तुरंत बैन किया जाए पीएफआई : डॉ. सुरेंद्र जैन - विश्व हिंदू परिषद

भारत में पीएफआई जैसे संगठन को तुरंत बैन किया जाना चाहिए जो देश-विदेश से फंड पाकर भारत विरोधी कार्यों में जुटा हुआ है. यह बात विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कही. ईटीवी भारत के संवाददाता अभिजीत ठाकुर से खास बातचीत के दौरान उन्होंने अन्य विषयों पर भी अपने विचार रखे.

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Published : Aug 2, 2022, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने एक बार फिर पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग दोहराई है. विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने इस पूरे विषय पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि सिमी के प्रतिबंधित किए जाने के बाद उससे जुड़े लोगों ने ही पीएफाई का गठन किया और अब ये संगठन देश-विदेश से फंड पाकर भारत विरोधी कार्यों में जुटा हुआ है. वहीं विपक्षी पार्टियों के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़ने के आरोप पर उन्होंने कहा कि चोर कभी यह नहीं स्वीकार करता की उसने चोरी की है. देश में एक अपवित्र गठबंधन चल रहा है जिसमें सेकुलर माफिया और सेकुलर पॉलीटिशियन सहित कई पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं जिहादी भी शामिल हैं जो भारत को बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं.

विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन की ईटीवी भारत से खास बातचीत

उन्होंने कहा कि, 'जब केरल में एक युवती का जबरन धर्मांतरण किया गया था और उसका केस लड़ने के लिए देश के सबसे बड़े वकीलों को खड़ा किया गया. इसके लिए पीएफआई के खाते से भुगतान किया गया था. ऐसे लोग शर्मिंदा होने की बजाय कहते हैं कि पैसा कहां से आया इससे आपका कोई लेना-देना नहीं. ठीक इसी तरह याकूब मेनन को बचाने के लिए भी वकीलों की एक फौज खड़ी हो गई थी इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़े हैं.' डॉ. सुरेंद्र जैन ने 1919 मोपला नरसंहार, 1946 के भागलपुर दंगे और 1969 के अहमदाबाद के दंगों का उदाहरण सामने रखते हुए कहा कि, 'कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट के जज ने भी कहा था नूपुर शर्मा के बयान के बाद देश का माहौल बिगड़ा है लेकिन लोग वह समय भूल जाते हैं जब हिंदुओं का नरसंहार हुआ.'

यह भी पढ़ें-गृह मंत्रालय के निर्देश पर NIA शुरू की पीएफआई की जांच

वहीं पीएफाई को प्रतिबंधित करने की बात पर उन्होंने कहा कि, 'हमें अपनी समस्या खुद सुलझानी है और बाकि देश क्या कहते है इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए. यदि हम अपनी समस्या को सुलझाना चाहते हैं तो पीएफआई जैसे संगठन को तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए.' उन्होंने यह भी कहा कि, 'जब सिमी पर प्रतिबंध आगे बढ़ाया गया तो संसद में उनकी लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खड़ी हुई थी जबकि अदालत में सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल खड़े हुए थे.' उन्होंने कहा कि सरकार को पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए और इनके बचने का कोई भी रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए. वहीं आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख अल जवाहिरी के मारे जाने की खबर पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह की कार्रवाई आतंक और आतंकी संगठनों के खिलाफ हुई है इस उदाहरण को सभी देशों को अपनाना चाहिए. और तो और आतंक का समर्थन या आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ भारत में भी इसी तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए.

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने एक बार फिर पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग दोहराई है. विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने इस पूरे विषय पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि सिमी के प्रतिबंधित किए जाने के बाद उससे जुड़े लोगों ने ही पीएफाई का गठन किया और अब ये संगठन देश-विदेश से फंड पाकर भारत विरोधी कार्यों में जुटा हुआ है. वहीं विपक्षी पार्टियों के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़ने के आरोप पर उन्होंने कहा कि चोर कभी यह नहीं स्वीकार करता की उसने चोरी की है. देश में एक अपवित्र गठबंधन चल रहा है जिसमें सेकुलर माफिया और सेकुलर पॉलीटिशियन सहित कई पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं जिहादी भी शामिल हैं जो भारत को बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं.

विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन की ईटीवी भारत से खास बातचीत

उन्होंने कहा कि, 'जब केरल में एक युवती का जबरन धर्मांतरण किया गया था और उसका केस लड़ने के लिए देश के सबसे बड़े वकीलों को खड़ा किया गया. इसके लिए पीएफआई के खाते से भुगतान किया गया था. ऐसे लोग शर्मिंदा होने की बजाय कहते हैं कि पैसा कहां से आया इससे आपका कोई लेना-देना नहीं. ठीक इसी तरह याकूब मेनन को बचाने के लिए भी वकीलों की एक फौज खड़ी हो गई थी इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़े हैं.' डॉ. सुरेंद्र जैन ने 1919 मोपला नरसंहार, 1946 के भागलपुर दंगे और 1969 के अहमदाबाद के दंगों का उदाहरण सामने रखते हुए कहा कि, 'कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट के जज ने भी कहा था नूपुर शर्मा के बयान के बाद देश का माहौल बिगड़ा है लेकिन लोग वह समय भूल जाते हैं जब हिंदुओं का नरसंहार हुआ.'

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वहीं पीएफाई को प्रतिबंधित करने की बात पर उन्होंने कहा कि, 'हमें अपनी समस्या खुद सुलझानी है और बाकि देश क्या कहते है इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए. यदि हम अपनी समस्या को सुलझाना चाहते हैं तो पीएफआई जैसे संगठन को तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए.' उन्होंने यह भी कहा कि, 'जब सिमी पर प्रतिबंध आगे बढ़ाया गया तो संसद में उनकी लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खड़ी हुई थी जबकि अदालत में सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल खड़े हुए थे.' उन्होंने कहा कि सरकार को पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए और इनके बचने का कोई भी रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए. वहीं आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख अल जवाहिरी के मारे जाने की खबर पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह की कार्रवाई आतंक और आतंकी संगठनों के खिलाफ हुई है इस उदाहरण को सभी देशों को अपनाना चाहिए. और तो और आतंक का समर्थन या आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ भारत में भी इसी तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए.

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