नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) को सौंपी गई खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट से पता चला है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव के दौरान हमले करने की योजना बना रहा था. हिमाचल प्रदेश में शनिवार को मतदान संपन्न हुआ जबकि गुजरात में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा.
रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि जिस संगठन को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है, वह कमजोर युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) सहित कई आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए लुभाने की कोशिश कर रहा था.
अधिकारी ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, 'पीएफआई का इरादा हिंसक जिहाद के तहत आतंकवादी हमले कर भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना था.' रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पैदा करने के लिए पीएफआई का शुरुआती लक्ष्य गुजरात और हिमाचल प्रदेश था. पीएफआई ने पहले इन दोनों राज्यों में स्थित अपने कई हमदर्दों से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए संपर्क किया था.
अधिकारी ने कहा, 'भारत में कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जो पीएफआई के रडार से अछूता न रहा हो.' सितंबर में पीएफआई के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी में पीएफआई से जुड़े करीब 20 लोगों को गुजरात के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था.
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश को अर्धसैनिक बलों की 67 कंपनियां मंजूर की हैं. मंत्रालय ने गुजरात के लिए अर्धसैनिक बलों की 162 कंपनियों को भी मंजूरी दी, जहां दो चरणों में मतदान हो रहा है.
अधिकारी ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, 'संगठन (पीएफआई) को गुजरात और हिमाचल प्रदेश, दोनों में अपनी योजना को साकार करने के लिए पाकिस्तान में स्थित भारत विरोधी संगठन से भारी मात्रा में धन मिलना था.' राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई जांच से पता चला है कि संगठन ने संयुक्त अरब अमीरात और खाड़ी देशों के सदस्यों से हवाला के जरिए पहले ही भारी धन प्राप्त कर लिया था.
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संवाददाता को बताया, 'पीएफआई और उसके सदस्यों के खिलाफ हमारी जांच अभी भी चल रही है और हम हवाला का पैसा पकड़ने के लिए इसके कनेक्शन के और सुराग तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.'