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जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग पर याचिका दाखिल, सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग

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Published : Jun 1, 2022, 3:33 PM IST

जम्मू कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग को लेकर उच्चतम न्यायालय (supreme court) में याचिका दायर की गई है. याचिका में कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई है.

supreme court
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में याचिका दाखिल की गई है. दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई. सुप्रीम कोर्ट में वकील विनीत जिंदल ने याचिका दायर की है और इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि हिंदुओं की टारगेट किलिंग के संबंध में दायर याचिका को जनहित याचिका के तौर पर देखा जाए.

कोर्ट में दायर की गई याचिका में कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की गई है. साथ ही हिंदुओं की टारगेट किलिंग की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जांच कराने की मांग भी रखी है. इसके अलावा पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवज़ा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई है.

जिंदल ने भारत के चीफ जस्टिस सीजेआई एनवी रमना को पत्र लिखकर एक्शन लेने की मांग की है. जिंदल ने लिखे अपने पत्र में कहा कि मई के महीने में जम्मू कश्मीर में 7 हिंदुओं की हत्या की गई है. वहीं 31 मई को आतंकियों ने कुलगाम में एक हिन्दू स्कूल टीचर रजनी बाला (Rajni Bala) की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उन्होंने कहा, स्कूल टीचर से पहले मई में तीन कश्मीरी नागरिकों और तीन पुलिस के जवानों की हत्या की गई थी. कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग 1989-90 की घटनाओं की याद दिलाती है.

ये भी पढ़ें - ADGP जीपी सिंह की जमानत के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में याचिका दाखिल की गई है. दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई. सुप्रीम कोर्ट में वकील विनीत जिंदल ने याचिका दायर की है और इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि हिंदुओं की टारगेट किलिंग के संबंध में दायर याचिका को जनहित याचिका के तौर पर देखा जाए.

कोर्ट में दायर की गई याचिका में कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की गई है. साथ ही हिंदुओं की टारगेट किलिंग की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जांच कराने की मांग भी रखी है. इसके अलावा पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवज़ा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई है.

जिंदल ने भारत के चीफ जस्टिस सीजेआई एनवी रमना को पत्र लिखकर एक्शन लेने की मांग की है. जिंदल ने लिखे अपने पत्र में कहा कि मई के महीने में जम्मू कश्मीर में 7 हिंदुओं की हत्या की गई है. वहीं 31 मई को आतंकियों ने कुलगाम में एक हिन्दू स्कूल टीचर रजनी बाला (Rajni Bala) की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उन्होंने कहा, स्कूल टीचर से पहले मई में तीन कश्मीरी नागरिकों और तीन पुलिस के जवानों की हत्या की गई थी. कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग 1989-90 की घटनाओं की याद दिलाती है.

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