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बांके बिहारी मंदिर के बढ़े समय के खिलाफ याचिका, कहा-भगवान को 11 घंटे क्यों खड़ा रखा जा रहा - बांके बिहारी मंदिर श्रद्धालु की मौत

बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती के दौरान हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए मथुरा प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रण करने के लिए मंदिर में दर्शन का समय बढ़ा दिया. इसके विरोध में अधिवक्ताओं ने न्यायालय में याचिका दायर की है.

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बांके बिहारी मंदिर के बढ़े हुए समय के खिलाफ दाखिल हुई याचिका
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Published : Nov 16, 2022, 10:25 PM IST

मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती के दौरान हुए हादसे में 2 लोगों की मौत के बाद मथुरा प्रशासन लगातार मंदिर की व्यवस्थाओं को ठीक करने में जुटा हुआ है, जिसके चलते भीड़ को नियंत्रण करने के लिए बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के लिए समय बढ़ा दिया गया है. वहीं, बांके बिहारी मंदिर के दर्शनों के बढ़ाए गए समय के खिलाफ अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में याचिका दायर की गई है. याचिका सिविल जज जूनियर डिविजन की अदालत में हुई है. श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 14 नवंबर को सिविल जज जूनियर डिविजन ने दर्शन समय बढ़ाने का आदेश दिया था.

अधिवक्ता दीपक शर्मा ने सवा 8 घंटे से बढ़ाकर 11 घंटे दर्शन देने के खिलाफ याचिका दायर की है. भगवान के बाल स्वरूप को 11 घंटे तक खड़े रखने पर श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होने की दलील दी गई है. याचिका में 8 घंटे से अधिक समय तक व्यक्ति से काम न लेने के कानून का भी हवाला दिया गया है. याचिकाकर्ताओं ने आधार दिया है कि जब 8 घंटे से अधिक समय तक आदमी से काम नहीं लिया जा सकता तो फिर भगवान से क्यों 11 घंटे काम लिया जा रहा है. सिविल जज (जूडि) न्यायालय ने सुनवाई के बाद आदेश रखा सुरक्षित रखा है.

बांके बिहारी मंदिर के बढ़े हुए समय का मामला कोर्ट पहुंचा.

याचिकाकर्ता दीपक शर्मा एडवोकेट ने बताया कि मैंने और मेरे साथी गिरधारी लाल शर्मा एडवोकेट ने आज सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा में एक प्रार्थना पत्र माननीय न्यायालय के आदेश दिनांक 14 नवंबर 2022 को संशोधित और निरस्त करने के लिए लगाया है. 14 नवंबर 2022 के आदेश के द्वारा माननीय न्यायालय ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का दर्शन का समय सवा 8 घंटे से बढ़ाकर 11 घंटे कर दिया गया था. उसको निरस्त कराने के लिए हमने प्रार्थना पत्र लगाया है. उसके साथ में हमने एक स्टे का प्रार्थना पत्र भी लगाया है जब तक हमारे प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं हो जाए जब तक उस आदेश का क्रियान्वयन स्थगित रखा जाए.

माननीय न्यायालय ने आज हमारी बहस सुनकर फाइल को आदेश में रख लिया है. मुख्य आधार हमारे प्रार्थना पत्र के यह है कि जो ठाकुर बांके बिहारी मंदिर है वह हमारे आराध्य हैं बालस्वरूप हैं और बालस्वरूप भगवान को इतनी रात तक के लिए कर दिया है. गर्मियों में 10:30 तक और सर्दियों में 9:30 बजे तक दर्शन खुलेंगे भगवान को इतनी देर तक जगाया नहीं रखा जा सकता है. अगर भगवान को इतनी देर तक जगाए गया तो उन्हें कष्ट होगा निश्चित रूप से अगर ठाकुर जी को कष्ट होगा तो उनके भक्तों की भी भावनाएं आहत होंगी.

इसे भी पढे़ं- वृंदावन में आश्रम को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और नागेंद्र महाराज आमने-सामने

मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती के दौरान हुए हादसे में 2 लोगों की मौत के बाद मथुरा प्रशासन लगातार मंदिर की व्यवस्थाओं को ठीक करने में जुटा हुआ है, जिसके चलते भीड़ को नियंत्रण करने के लिए बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के लिए समय बढ़ा दिया गया है. वहीं, बांके बिहारी मंदिर के दर्शनों के बढ़ाए गए समय के खिलाफ अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में याचिका दायर की गई है. याचिका सिविल जज जूनियर डिविजन की अदालत में हुई है. श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 14 नवंबर को सिविल जज जूनियर डिविजन ने दर्शन समय बढ़ाने का आदेश दिया था.

अधिवक्ता दीपक शर्मा ने सवा 8 घंटे से बढ़ाकर 11 घंटे दर्शन देने के खिलाफ याचिका दायर की है. भगवान के बाल स्वरूप को 11 घंटे तक खड़े रखने पर श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होने की दलील दी गई है. याचिका में 8 घंटे से अधिक समय तक व्यक्ति से काम न लेने के कानून का भी हवाला दिया गया है. याचिकाकर्ताओं ने आधार दिया है कि जब 8 घंटे से अधिक समय तक आदमी से काम नहीं लिया जा सकता तो फिर भगवान से क्यों 11 घंटे काम लिया जा रहा है. सिविल जज (जूडि) न्यायालय ने सुनवाई के बाद आदेश रखा सुरक्षित रखा है.

बांके बिहारी मंदिर के बढ़े हुए समय का मामला कोर्ट पहुंचा.

याचिकाकर्ता दीपक शर्मा एडवोकेट ने बताया कि मैंने और मेरे साथी गिरधारी लाल शर्मा एडवोकेट ने आज सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा में एक प्रार्थना पत्र माननीय न्यायालय के आदेश दिनांक 14 नवंबर 2022 को संशोधित और निरस्त करने के लिए लगाया है. 14 नवंबर 2022 के आदेश के द्वारा माननीय न्यायालय ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का दर्शन का समय सवा 8 घंटे से बढ़ाकर 11 घंटे कर दिया गया था. उसको निरस्त कराने के लिए हमने प्रार्थना पत्र लगाया है. उसके साथ में हमने एक स्टे का प्रार्थना पत्र भी लगाया है जब तक हमारे प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं हो जाए जब तक उस आदेश का क्रियान्वयन स्थगित रखा जाए.

माननीय न्यायालय ने आज हमारी बहस सुनकर फाइल को आदेश में रख लिया है. मुख्य आधार हमारे प्रार्थना पत्र के यह है कि जो ठाकुर बांके बिहारी मंदिर है वह हमारे आराध्य हैं बालस्वरूप हैं और बालस्वरूप भगवान को इतनी रात तक के लिए कर दिया है. गर्मियों में 10:30 तक और सर्दियों में 9:30 बजे तक दर्शन खुलेंगे भगवान को इतनी देर तक जगाया नहीं रखा जा सकता है. अगर भगवान को इतनी देर तक जगाए गया तो उन्हें कष्ट होगा निश्चित रूप से अगर ठाकुर जी को कष्ट होगा तो उनके भक्तों की भी भावनाएं आहत होंगी.

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