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उत्तराखंडः कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब, लाखों लोगों ने गंगा स्नान कर कमाया पुण्य - कार्तिक पूर्णिमा स्नान

कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों लोगों ने हरिद्वार में गंगा स्नान (Ganga snan in Haridwar on Kartik Purnima) किया. सुबह से ही हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान के लिए जुटनी शुरू हो गई. स्नान के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से समस्त मेला क्षेत्र को 9 जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया है.

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Published : Nov 8, 2022, 11:30 AM IST

हरिद्वारः कार्तिक पूर्णिमा (kartik purnima snan) के अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार में आज गंगा स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी (Crowd gathered for Ganga snan in Haridwar) रही. सुबह से ही हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान के लिए जुटनी शुरू हो गई थी. लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य की कामना कर रहे हैं.

श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. स्नान के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से समस्त मेला क्षेत्र को 9 जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया है. करीब डेढ़ हजार पुलिस बल मेले में लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगाया गया है.

कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब.

लाखों लोगों ने लगाई आस्था की डुबकीः कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीर्थ नगरी हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान आज सुबह चार बजे से ही शुरू हुआ. ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया. हरकी पैड़ी पर स्नान का सिलसिला जारी है. स्नान पर्व को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. ज्योतिषियों की मानें तो आज के दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है. आज ही के दिन सिखों के धर्म गुरु गुरुनानक देव का प्रकाश उत्सव भी मनाया जाता है.
ये भी पढ़ेंः साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, हरिद्वार में बंद हुए मठ मंदिरों के कपाट

पंचकः मान्यता है कि साल भर के बारह महीनों में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन से पूर्णिमा तक के पांच दिनों को काफी खास माना जाता है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन से बाहर आते हैं और इस दिन को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. इस दिन से शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. इन पांच दिनों को ज्योतिष पंचक कहते हैं. इन पांच दिनों तक व्रत रखकर गंगा स्नान करना चाहिए.

पुराणों में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति पूरे साल भर गंगा स्नान नहीं कर पाता है, वह कार्तिक की पूर्णिमा के केवल एक दिन भी गंगा में स्नान कर ले तो उसे पूरे साल भर के गंगा स्नान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है.

हरिद्वारः कार्तिक पूर्णिमा (kartik purnima snan) के अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार में आज गंगा स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी (Crowd gathered for Ganga snan in Haridwar) रही. सुबह से ही हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान के लिए जुटनी शुरू हो गई थी. लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य की कामना कर रहे हैं.

श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. स्नान के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से समस्त मेला क्षेत्र को 9 जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया है. करीब डेढ़ हजार पुलिस बल मेले में लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगाया गया है.

कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब.

लाखों लोगों ने लगाई आस्था की डुबकीः कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीर्थ नगरी हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान आज सुबह चार बजे से ही शुरू हुआ. ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया. हरकी पैड़ी पर स्नान का सिलसिला जारी है. स्नान पर्व को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. ज्योतिषियों की मानें तो आज के दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है. आज ही के दिन सिखों के धर्म गुरु गुरुनानक देव का प्रकाश उत्सव भी मनाया जाता है.
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पंचकः मान्यता है कि साल भर के बारह महीनों में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन से पूर्णिमा तक के पांच दिनों को काफी खास माना जाता है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन से बाहर आते हैं और इस दिन को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. इस दिन से शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. इन पांच दिनों को ज्योतिष पंचक कहते हैं. इन पांच दिनों तक व्रत रखकर गंगा स्नान करना चाहिए.

पुराणों में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति पूरे साल भर गंगा स्नान नहीं कर पाता है, वह कार्तिक की पूर्णिमा के केवल एक दिन भी गंगा में स्नान कर ले तो उसे पूरे साल भर के गंगा स्नान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है.

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