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Fake Lottery Ticket: आंध्र प्रदेश में फैला रैकेट, फर्जी लॉटरी टिकट से हो रही ठगी

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Published : Apr 16, 2022, 3:00 PM IST

माना जा रहा है कि लॉटरी टिकट की संस्कृति (Lottery Ticket Culture) जो अब तक सिर्फ पड़ोसी राज्यों तक ही सीमित थी, अब आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में भी फैल गई है. यहां फर्जी लॉटरी टिकट (Fake Lottery Ticket) के नाम पर बेगुनाह लोगों को लूटा जा रहा है.

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श्रीकाकुलम: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में फर्जी लॉटरी टिकट (Fake Lottery Ticket) से लोगों के ठगे जाने की सूचनाएं मिल रही हैं. पुलिस अधिकारियों को जब यह शिकायत मिली तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दिये बगैर कई थानाक्षेत्रों में छापेमारी की. जिससे सच्चाई सामने आ गई. पुलिस ने नौ दुकानों पर छापेमारी करके 16 दुकानदारों सहित कुछ टिकट खरीदने वालों को भी गिरफ्तार किया है.

अरुणाचल प्रदेश राज्य के नाम पर फर्जी लॉटरी टिकट बनाकर ऑनलाइन बेचकर लोगों को ठगा जा रहा है. बाजार में अरुणाचल लक्ष्मी, अरुणाचल डायमंड, सिक्किम डेटा, सिक्किम सुपर के नाम से नकली टिकट 50 रुपये से 150 रुपये में बिक रहे हैं. जिस पर कीमत के आधार पर विजेताओं को 5 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच मिलने का लालच दिया जाता है.

फर्जी लॉटरी टिकट मामले में तेनाली का रहने वाला एक व्यक्ति अहम भूमिका निभा रहा है. उसके समन्वय में 12 मुख्य एजेंट जिला मुख्यालय में बिक्री कर रहे हैं. शहर में एक एजेंट के यहां 25 सब-एजेंट काम कर रहे हैं. लॉटरी टिकट लगभग 30000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति दिन के हिसाब से बिक रहे हैं. इसका मतलब है कि वे रोजाना करीब 7.50 लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं. अन्य छह एजेंट कथित तौर पर लगभग 11 लाख रुपये में टिकट बेच रहे हैं. पुलिस को बताया गया कि वे सप्ताह में करीब 50 लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं.

मान लीजिए एक व्यक्ति दो टिकट खरीदता है तो उसे लगता है कि टिकट संख्या 534550, 51 है. लेकिन टिकट संख्या 534549 और 52 को विजेता घोषित किया जाएगा जबकि वे टिकट उनके ही पास होंगे. अब आप सोचेंगे कि एक नंबर से गड़बड़ हो गया जबकि वास्तव में संख्या 534550, 51 कभी नहीं निकाली जाएगी. इसी तरह से व्यापार में वृद्धि होती रहेगी और लोगों को लाखों रुपये की चपत लग जाएगी.

यह भी पढ़ें- मजदूर को लगी एक करोड़ की लॉटरी से पूरा परिवार परेशान, जानें कैसे

एसपी राधिका और डीएसपी महेंद्र मठे के नेतृत्व में छह टीमों ने लॉटरी टिकट बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी की. सीआई ईश्वर प्रसाद के मुताबिक सात लोगों के खिलाफ दो टाउन थाना और नौ अन्य के खिलाफ वन टाउन थाने में मामला दर्ज किया गया है. यहां पर श्रमिक, सोने की दुकान के व्यापारी और मैकेनिक रोजाना 5 से 10 टिकट खरीदते हैं. ड्रॉ प्रतिदिन 12 बजे, 2, 4 और 6 बजे निकाला जाता है.

श्रीकाकुलम: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में फर्जी लॉटरी टिकट (Fake Lottery Ticket) से लोगों के ठगे जाने की सूचनाएं मिल रही हैं. पुलिस अधिकारियों को जब यह शिकायत मिली तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दिये बगैर कई थानाक्षेत्रों में छापेमारी की. जिससे सच्चाई सामने आ गई. पुलिस ने नौ दुकानों पर छापेमारी करके 16 दुकानदारों सहित कुछ टिकट खरीदने वालों को भी गिरफ्तार किया है.

अरुणाचल प्रदेश राज्य के नाम पर फर्जी लॉटरी टिकट बनाकर ऑनलाइन बेचकर लोगों को ठगा जा रहा है. बाजार में अरुणाचल लक्ष्मी, अरुणाचल डायमंड, सिक्किम डेटा, सिक्किम सुपर के नाम से नकली टिकट 50 रुपये से 150 रुपये में बिक रहे हैं. जिस पर कीमत के आधार पर विजेताओं को 5 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच मिलने का लालच दिया जाता है.

फर्जी लॉटरी टिकट मामले में तेनाली का रहने वाला एक व्यक्ति अहम भूमिका निभा रहा है. उसके समन्वय में 12 मुख्य एजेंट जिला मुख्यालय में बिक्री कर रहे हैं. शहर में एक एजेंट के यहां 25 सब-एजेंट काम कर रहे हैं. लॉटरी टिकट लगभग 30000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति दिन के हिसाब से बिक रहे हैं. इसका मतलब है कि वे रोजाना करीब 7.50 लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं. अन्य छह एजेंट कथित तौर पर लगभग 11 लाख रुपये में टिकट बेच रहे हैं. पुलिस को बताया गया कि वे सप्ताह में करीब 50 लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं.

मान लीजिए एक व्यक्ति दो टिकट खरीदता है तो उसे लगता है कि टिकट संख्या 534550, 51 है. लेकिन टिकट संख्या 534549 और 52 को विजेता घोषित किया जाएगा जबकि वे टिकट उनके ही पास होंगे. अब आप सोचेंगे कि एक नंबर से गड़बड़ हो गया जबकि वास्तव में संख्या 534550, 51 कभी नहीं निकाली जाएगी. इसी तरह से व्यापार में वृद्धि होती रहेगी और लोगों को लाखों रुपये की चपत लग जाएगी.

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एसपी राधिका और डीएसपी महेंद्र मठे के नेतृत्व में छह टीमों ने लॉटरी टिकट बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी की. सीआई ईश्वर प्रसाद के मुताबिक सात लोगों के खिलाफ दो टाउन थाना और नौ अन्य के खिलाफ वन टाउन थाने में मामला दर्ज किया गया है. यहां पर श्रमिक, सोने की दुकान के व्यापारी और मैकेनिक रोजाना 5 से 10 टिकट खरीदते हैं. ड्रॉ प्रतिदिन 12 बजे, 2, 4 और 6 बजे निकाला जाता है.

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