श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पीडीपी ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान से आह्वान किया कि वे बातचीत से आगे जाकर संवाद प्रक्रिया को मजबूत करें. पार्टी ने कहा कि दोनों देश संवाद प्रक्रिया को उपयोगी एवं स्थाई बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर को केंद्र में रख राजनीतिक पहल की गुंजाइश का विस्तार करें.
पार्टी के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की अगुवाई में हुई. प्रवक्ता ने बताया कि महबूबा के दोबारा अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने एवं पार्टी के पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक थी.
उन्होंने बताया कि बैठक में खासतौर पर राज्य की स्थिति और उभरती स्थिति पर पार्टी की प्रतिक्रिया के बारे में चर्चा हुई. प्रवक्ता ने बताया कि पीएसी सदस्यों ने भारत एवं पाकिस्तान द्वारा शांति का संदेश दिए जाने एवं तनाव कम करने के लिए संघर्ष विराम समझौते का स्वागत किया.
प्रवक्ता ने कहा, 'पीएसी ने दोनों देशों की सरकारों से शब्दों के आडंबर से आगे बढ़ने, संवाद प्रक्रिया को मजबूत करने एवं जम्मू-कश्मीर को केंद्र में रखकर स्थायी वार्ता के लिए राजनीतिक पहल की गुंजाइश को विस्तार देने का आह्वान किया.'
उन्होंने बताया कि संपर्क और मुक्त रूप से सामान की आवाजाही को उपमहाद्वीप के लोगों के उत्थान के लिए अहम करार देते हुए बैठक में नियंत्रण रेखा पार व्यापार को बहाल करने और श्रीनगर-मुजफ्फराबाद, पुंछ-रावलकोट, कारगिल-स्कार्दू व जम्मू-सियालकोट मार्ग को शीघ्र खोलने का आह्वान किया गया.
प्रवक्ता ने बताया कि 'अनिश्चितता' और 'थोपे गए भय के महौल' के बीच सदस्यों ने पार्टी के संकल्प की सराहना की और मौजूदा स्थिति एवं पांच अगस्त 2019 के बाद के मुद्दों पर पीडीपी अध्यक्ष के रुख का समर्थन किया. इसी तारीख को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया था.
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प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महबूबा की 'आवाज बंद' करने की कथित कोशिश की निंदा की गई और उनके साथ एकजुटता प्रकट की गई. सदस्यों ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों एवं सम्मान को बहाल करने की लड़ाई में पार्टी अध्यक्ष के साथ हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि इस बैठक में वरिष्ठ नेता एवं पीएसी सदस्य मोहम्मद सरताज मदनी और नईम अख्तर शामिल नहीं हुए, क्योंकि वे हिरासत में हैं.