पटनाः दुनियां के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में 22 पटना आईआईटी और एनआईटी (World Top Scientist From Patna NIT And IIT) के प्रोफेसर व स्कॉलर हैं. अमेरिका के स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इसकी सूची जारी है, जिसमें इन 22 प्रोफेसरों और स्कॉलर को शामिल किया गया है. 22 प्रोफेसरों और स्कॉलर में 14 पटना IIT और 8 पटना NIT के हैं. इन सभी प्रोफेसरों का चयन शोध के आधार पर किया गया है. ईटीवी भारत ने इन प्रोफेसरों से बातचीत की, जिन्होंने बताया कि किस आधार पर ऐसे वैज्ञानिकों का चयन किया जाता है.
एनआईटी पटना के 8 प्रोफेसरों का चयन: एनआईटी पटना की बात करें तो यहां से 8 प्रोफेसरों का चयन किया गया है, जिसमें प्रो. अमित कुमार सिंह, प्रो. ज्योति प्रकाश सिंह, प्रो. अमित कुमार भंडारी, प्रो. पीजस सैमुअल्स, प्रो. जितेंद्र कुमार मौर्य, प्रो. गौरव कुमार, स्कॉलर डॉ राहुल प्रियदर्शी और स्कॉलर मुस्तफा समीर शामिल हैं. स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी शोध प्रशासन के आधार पर डाटा जारी करता है, इसमें वैज्ञानिकों ने कम से कम शोध में पांच पेपर प्रकाशित किए हों.
AI पर रिसर्च कर रहे हैं प्रोफेसर ज्योति प्रकाश सिंहः एनआईटी पटना के कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर ज्योति प्रकाश सिंह ने बताया उनका विषय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है. वे सोशल मीडिया के डाटा के आधार पर डिजास्टर प्रिडिक्शन और ह्रास से बचाने के लिए शोध कर रहे हैं. इस शोध के माध्यम से सिक्योरिटी डोमेन में इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर एंड्राइड मोबाइल पर अटैक की पहचान होती है, जिससे यूजर को सतर्क किया जा सके. यूजर को पता चलता है कि मोबाइल का ऐप हानि पहुंचा सकता है.
इस आधार पर किया जाता है चयनः ज्योति प्रकाश सिंह ने बताया कि किस आधार पर टॉप 2% वैज्ञानिकों में जगह नहीं मिलती है. इनके द्वारा जो रिसर्च पेपर सबमिट किए जाते हैं, उसकी कितने लोग सराहना करते हैं, उससे कितनी मदद मिल रही है. इससे पता चलता है कि इनके शोध कितने लाभदायक हैं. प्रोफेसर ने बताया कि वे मुख्यतः एंड्रॉयड सिक्योरिटी पर काम कर रहे हैं. इसी से संबंधित रिसर्च के आधार पर यह रैंक मिली है. प्रोफेसर ने इस रिसर्च में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पीके जैन के सहयोग की सराहना की.
"मेरा शोध विषय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है. मुख्य रूप से एंड्रॉयड सिक्योरिटी पर काम कर रहे हैं, जिससे लोगों के मोबाइल फोन पर होने वाले साइबर अटैक और ह्रास से बचाया जा सके. शोध पेपर जारी होने पर यह भी पता किया जाता है कि यह यूजर के लिए कितना लाभदायक है और लोग इसका उपयोग कर रहे हैं या नहीं. इसी आधार पर चयन किया जाता है." -ज्योति प्रकाश सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, NIT पटना
साइबर सिक्योरिटी पर शोध कर रहे हैं अमित कुमार सिंहः टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिक में NIT के एसोसिएट प्रोफेसर अमित कुमार सिंह भी शामिल हैं. अमित सिंह साइबर सिक्योरिटी पर काम कर रहे हैं. मुख्यतः इमेज प्रोसेसिंग और इमेज सिक्योरिटी के क्षेत्र में शोध कर रहे हैं. इस शोध के माध्यम से डाटा को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है. इमेज के माध्यम से डाटा एक छोर से दूसरे छोर तक जाता है, जहां रिसीवर अपना ओनरसिप साबित करते डाटा निकालता है. डाटा से कोई हेरफेर नहीं हो इसके लिए शोध किया जाता है.
"क्लाउड में डाटा स्टोर किया जा रहा है तो वह सुरक्षित रहता है. आज के समय में डाटा एक बड़ी संपत्ति मानी जाती है. ऐसे में डाटा का सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है. इस रिसर्च में काफी समय लगा है जो अभी भी चल रहा है. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डॉ. पीके जैन का काफी सहयोग मिलता है. इसी का नतीजा है कि शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होने का मौका मिला है." -अमित कुमार सिंह, प्रोफेसर, NIT पटना