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Parliament Special Session 2023: सभी सांसद नये संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ नये संसद भवन में जाएं : गोयल

गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को विकसित देश बनाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि इसमें सभी का योगदान रहेगा और विपक्ष की सरकार पर नियंत्रण रखने की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने कहा कि यदि सदस्य देशहित और जनहित को सर्वोपरि रखते हैं तो सदन का गौरव और गरिमा निश्चित रूप से बढ़ेगी.

Last Speech of Piyush Goyal in Old Parliament
पुरानी संसद में पीयूष गोयल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2023, 12:52 PM IST

नई दिल्ली: राज्यसभा द्वारा देश के संसदीय लोकतंत्र में दिये गये योगदान को 'महत्वपूर्ण' बताते हुए सदन के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि सभी सदस्य नये संसद भवन में देश की 140 करोड़ जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक नये संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ जाएंगे. उच्च सदन में देश की संसदीय यात्रा के बारे में चर्चा की शुरुआत करते हुए गोयल ने यह बात कही. सदन के नेता ने गणेश चतुर्थी उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि आज की चर्चा हम सभी को और उत्साह देगी और इस बात के लिए प्रेरित करेगी कि आगे भी हम देश के निर्माण में अपना योगदान कैसे दे सकते हैं.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि देश का लोकतंत्र प्रेरणादायी है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश का संविधान हम सभी को इच्छाशक्ति देता है तथा संसद देशवासियों के संकल्प और उमंग को साझा करने का सबसे सही संस्थान है. गोयल ने कहा कि लोकतंत्र को जीवित रखने और मजबूत बनाने का जो सबसे बड़ा मंच है, वह संसद है. उन्होंने कहा कि भारत की लोकतंत्र की प्रणाली स्वदेशी आधार पर बनी है. उन्होंने कहा कि गुलामी से मुक्त होने के बाद बहुत कम बड़े देश ऐसे हैं जहां लोकतंत्र टिक पाया है.

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र दिनों दिन मजबूत हो रहा है. इसमें दोनों सदनों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और यदि देश के बहुत प्राचीन इतिहास में जाए तो वैदिक काल में भी 'सभा', 'समिति', 'संसद' जैसे शब्द मिलते हैं. उन्होंने कहा कि हमने केवल इन शब्दों को नहीं लिया बल्कि इनकी आत्मा भी संसद के कामकाम में दिखाई पड़ती है. गोयल ने संसद के नये भवन को सभी के लिए गर्व का विषय बताया. उन्होंने उम्मीद जतायी, 'जब हम नये सदन, नये वास्तु में जा रहे हैं तो नयी सोच के साथ जाएं. इस देश की दशा और दिशा को नया रूप देने के लिए, देश की 140 करोड़ जनता की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हम सब संकल्प लेकर नयी प्रतिबद्धता के साथ कल नए संसद भवन में प्रवेश करने जा रहे हैं. इसके लिए मैं आप सभी को तहेदिल से बधाई देता हूं.

जी20 सम्मेलन की सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में एक अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने कहा कि जी20 में भारत ने 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना के तहत यह दिखाया कि 'हम केवल अपने देश ही नहीं पूरे विश्व की चिंता करते हैं और उसकी भलाई चाहते हैं.' संविधान सभा में हुई चर्चा के स्तर को बहुत ऊंचा करार देते हुए उन्होंने कहा कि उसमें इस बात को लेकर भी व्यापक बहस हुई थी कि संसद में दो सदनों की क्यों जरूरत है. उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भी राज्यसभा की स्थापना का समर्थन किया था.

उन्होंने कहा कि राज्यसभा की 71 वर्ष की यात्रा में इसके विभिन्न सभापति और विभिन्न नेताओं एवं सदस्यों ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया और इसे नये आयाम पर ले जाने में भूमिका निभायी. गोयल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एच डी देवेगौड़ा, मनमोहन सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, माकपा के पी राजीव आदि नेताओं के सदन में दिये गये भाषणों का स्मरण किया.

गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को विकसित देश बनाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि इसमें सभी का योगदान रहेगा और विपक्ष की सरकार पर नियंत्रण रखने की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने कहा कि यदि सदस्य देशहित और जनहित को सर्वोपरि रखते हैं तो सदन का गौरव और गरिमा निश्चित रूप से बढ़ेगी. उन्होंने उच्च सदन में अपने पहले भाषण को भी याद किया. सदन में आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हील चेयर पर आए थे. गोयल ने कहा कि सभी सदस्य जब नये संसद भवन में जाएंगे तो इस जगह की अच्छी- अच्छी यादें लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह यादें सभी को अच्छा करने के लिए प्रेरित करेंगी.

सदन के नेता ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को याद करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक कदम की इसी सदन से शुरुआत हुई थी जिस पर बाद में लोकसभा ने अपनी मोहर लगाई. उन्होंने कहा कि इसी कदम के कारण सही मायने में भारत का एकीकरण पूरा हो सका. उन्होंने झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड राज्यों के गठन का हवाला देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक कार्यवाही भी दोनों सदनों में चर्चा के बात शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुयी. उन्होंने तेलंगाना राज्य के गठन से पहले के घटनाक्रमों को दुखद करार दिया लेकिन साथ ही उम्मीद जतायी कि आगे से कभी ऐसी परिस्थितियों का निर्माण न हो.

पढ़ें: PM Modi Speech In Old Parliament: पुरानी संसद में पीएम मोदी बोले- यह सदन हमेशा प्रेरणा देता रहेगा

गोयल ने जीएसटी, तीन तलाक जैसे कानूनों के संदर्भ में कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साढे़ नौ सालों में समाज के सभी वर्गों विशेषकर महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. उन्होंने संसद पर हुए हमले का उल्लेख करते हुए कहा, 'हमें सुरक्षा को लेकर भविष्य में और सतर्क रहने की जरूरत है.' गोयल ने आपातकाल की याद दिलाते हुए कहा कि इस दौरान कई लोकतांत्रिक प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह प्रयास रहा है कि गुलामी की याद दिलाने वाले कानूनों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य के अनुरूप बनाया जाए.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: राज्यसभा द्वारा देश के संसदीय लोकतंत्र में दिये गये योगदान को 'महत्वपूर्ण' बताते हुए सदन के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि सभी सदस्य नये संसद भवन में देश की 140 करोड़ जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक नये संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ जाएंगे. उच्च सदन में देश की संसदीय यात्रा के बारे में चर्चा की शुरुआत करते हुए गोयल ने यह बात कही. सदन के नेता ने गणेश चतुर्थी उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि आज की चर्चा हम सभी को और उत्साह देगी और इस बात के लिए प्रेरित करेगी कि आगे भी हम देश के निर्माण में अपना योगदान कैसे दे सकते हैं.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि देश का लोकतंत्र प्रेरणादायी है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश का संविधान हम सभी को इच्छाशक्ति देता है तथा संसद देशवासियों के संकल्प और उमंग को साझा करने का सबसे सही संस्थान है. गोयल ने कहा कि लोकतंत्र को जीवित रखने और मजबूत बनाने का जो सबसे बड़ा मंच है, वह संसद है. उन्होंने कहा कि भारत की लोकतंत्र की प्रणाली स्वदेशी आधार पर बनी है. उन्होंने कहा कि गुलामी से मुक्त होने के बाद बहुत कम बड़े देश ऐसे हैं जहां लोकतंत्र टिक पाया है.

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र दिनों दिन मजबूत हो रहा है. इसमें दोनों सदनों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और यदि देश के बहुत प्राचीन इतिहास में जाए तो वैदिक काल में भी 'सभा', 'समिति', 'संसद' जैसे शब्द मिलते हैं. उन्होंने कहा कि हमने केवल इन शब्दों को नहीं लिया बल्कि इनकी आत्मा भी संसद के कामकाम में दिखाई पड़ती है. गोयल ने संसद के नये भवन को सभी के लिए गर्व का विषय बताया. उन्होंने उम्मीद जतायी, 'जब हम नये सदन, नये वास्तु में जा रहे हैं तो नयी सोच के साथ जाएं. इस देश की दशा और दिशा को नया रूप देने के लिए, देश की 140 करोड़ जनता की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हम सब संकल्प लेकर नयी प्रतिबद्धता के साथ कल नए संसद भवन में प्रवेश करने जा रहे हैं. इसके लिए मैं आप सभी को तहेदिल से बधाई देता हूं.

जी20 सम्मेलन की सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में एक अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने कहा कि जी20 में भारत ने 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना के तहत यह दिखाया कि 'हम केवल अपने देश ही नहीं पूरे विश्व की चिंता करते हैं और उसकी भलाई चाहते हैं.' संविधान सभा में हुई चर्चा के स्तर को बहुत ऊंचा करार देते हुए उन्होंने कहा कि उसमें इस बात को लेकर भी व्यापक बहस हुई थी कि संसद में दो सदनों की क्यों जरूरत है. उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भी राज्यसभा की स्थापना का समर्थन किया था.

उन्होंने कहा कि राज्यसभा की 71 वर्ष की यात्रा में इसके विभिन्न सभापति और विभिन्न नेताओं एवं सदस्यों ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया और इसे नये आयाम पर ले जाने में भूमिका निभायी. गोयल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एच डी देवेगौड़ा, मनमोहन सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, माकपा के पी राजीव आदि नेताओं के सदन में दिये गये भाषणों का स्मरण किया.

गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को विकसित देश बनाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि इसमें सभी का योगदान रहेगा और विपक्ष की सरकार पर नियंत्रण रखने की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने कहा कि यदि सदस्य देशहित और जनहित को सर्वोपरि रखते हैं तो सदन का गौरव और गरिमा निश्चित रूप से बढ़ेगी. उन्होंने उच्च सदन में अपने पहले भाषण को भी याद किया. सदन में आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हील चेयर पर आए थे. गोयल ने कहा कि सभी सदस्य जब नये संसद भवन में जाएंगे तो इस जगह की अच्छी- अच्छी यादें लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह यादें सभी को अच्छा करने के लिए प्रेरित करेंगी.

सदन के नेता ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को याद करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक कदम की इसी सदन से शुरुआत हुई थी जिस पर बाद में लोकसभा ने अपनी मोहर लगाई. उन्होंने कहा कि इसी कदम के कारण सही मायने में भारत का एकीकरण पूरा हो सका. उन्होंने झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड राज्यों के गठन का हवाला देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक कार्यवाही भी दोनों सदनों में चर्चा के बात शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुयी. उन्होंने तेलंगाना राज्य के गठन से पहले के घटनाक्रमों को दुखद करार दिया लेकिन साथ ही उम्मीद जतायी कि आगे से कभी ऐसी परिस्थितियों का निर्माण न हो.

पढ़ें: PM Modi Speech In Old Parliament: पुरानी संसद में पीएम मोदी बोले- यह सदन हमेशा प्रेरणा देता रहेगा

गोयल ने जीएसटी, तीन तलाक जैसे कानूनों के संदर्भ में कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साढे़ नौ सालों में समाज के सभी वर्गों विशेषकर महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. उन्होंने संसद पर हुए हमले का उल्लेख करते हुए कहा, 'हमें सुरक्षा को लेकर भविष्य में और सतर्क रहने की जरूरत है.' गोयल ने आपातकाल की याद दिलाते हुए कहा कि इस दौरान कई लोकतांत्रिक प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह प्रयास रहा है कि गुलामी की याद दिलाने वाले कानूनों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य के अनुरूप बनाया जाए.

पीटीआई-भाषा

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