नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र 2023 का आगाज हो चुका है. यह सत्र आज से नए संसद भवन में शुरू हो गया है. बता दें, विशेष सत्र 2023 का आज दूसरा दिन है. पहले दिन की कार्यवाही पुराने संसद भवन में हुई थी, जहां पीएम मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया था. जानकारी के मुताबिक नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही दोपहर बाद करीब 1 बजकर 15 मिनट पर शुरू हुई और राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी. संसद के विशेष सत्र 2023 के लिए सभी तैयारिया पूरी हो चुकी हैं. इसी सिलसिले में आइये जानते हैं नए संसद भवन से जुड़ी तमाम बातें.
इतने सांसद एकसाथ बैठे
आपको सबसे पहले बताते हैं कि इस नए संसद भवन में कितने सांसद एकसाथ बैठे. लोकसभा में 888 सांसद और राज्यसभा में करीब 300 सदस्य कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं. वहीं, दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की करें तो 1280 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे. बता दें, पीएम मोदी ने इसी साल मई में नए संसद भवन का उद्घाटन किया था.
शुरुआत में इतनी आंकी गई थी कीमत
अब बात आती है नए संसद भवन को बनाने में कितनी लागत आई है. पीएम मोदी ने 10 दिसंबर साल 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी, जो महज तीन साल में बन गया है. नए संसद भवन का क्षेज्ञफल करीब 64 हजार 500 वर्गमीटर है. जो पुराने संसद भवन से 17 हजार वर्गमीटर ज्यादा है. नए संसद भवन की बिल्डिंग चार मंजिला है और यह त्रिकोणीय है. इस बिल्डिंग में तमाम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह भवन भूकंपरोधी है. इस पर भूकंप का कोई भी असर नहीं होगा. इस नए संसद भवन को बनाने का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स को सौंपा गया था. वहीं, इसको बनाने के लिए 971 करोड़ रुपये का इस्टीमेट बनाया गया था.
इतनी आई लागत
टाटा प्रोजेक्ट्स ने शुरुआत में तेजी से काम किया, लेकिन कोरोना काल और सामानों की बढ़ती लागत के चलते इसकी लागत बढ़ती गई. दो साल बाद सन 2022 में इसकी कीमत 200 करोड़ रुपये ज्यादा बताई गई. नए संसद भवन में आधुनिकता का इस्तेमाल किया गया है, इस वजह से सेंट्रल पब्लिक वर्क विभाग ने अनुमानित कीमत में 200 करोड़ की वृद्धि कर दी. विभाग ने संसद भवन को बनाने में 1200 करोड़ कीमत की उम्मीद जताई थी. अब से बिल्डिंग पूरी तरह से तैयार है.
अधिकारियों के ऑफिस भी हाइटेक
जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक चार मंजिला की इस बिल्डिंग में काफी सतर्कता बरती गई है. सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं. बता दें, गणमान्यों के लिए अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं. जिन्हें अश्व, गज और गरुड़ नाम दिए गए हैं. इन प्रवेश द्वारों से केवल राज्यसभा सभापति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री निकलेंगे. वहीं, तीन अन्य प्रवेश बनाए गए हैं, जिनका प्रयोग सांसद और पब्लिक करेगी. जिसे मकर, शार्दूल और हंस नाम दिया गया है. वहीं, इस भवन में अधिकारियों और कर्मचारियों के ऑफिस भी हाइटेक बनाए गए हैं. सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं.
यह भी जानें
जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस बिल्डिंग को बनाने में गुजरात की एक कंपनी शामिल है. इस बिल्डिंग के कर्ता-धर्ता आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं. बिमल पटेल ने इससे पहले काशी विश्वनाथ धाम, गुजरात हाईकोर्ट, आईआईएम अहमदाबाद समेत कई भवन बनाए हैं.