नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र (parliament budget session) का आज तीसरा दिन है. लोक सभा में प्रश्नकाल से पहले दिवंगत नोबेल विजेता डेसमंड टूटू व अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. स्पीकर ओम बिरला ने दिवंगत लोगों के बारे में सदन को सूचित किया. दिवंगतों के सम्मान में लोक सभा सांसदों ने कुछ पल का मौन रखा.
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि डेसमंड टूटू के योगदान को याद कर कहा कि दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ उनका अहिंसक संघर्ष प्रेरक है. बता दें कि महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत का पालन करने वाले टूटू को सामाजिक एवं राजनीतिक बदलाव के लिए और विश्व शांति में उल्लेखनीय योगदान के लिए 2005 में गांधी शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. बिरला ने इतालवी पत्रकार एवं यूरोपीय संघ की संसद के अध्यक्ष डेविड सासोली को भी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सासोली को उत्कृष्ट मानवतावादी करार दिया.
प्रश्नकाल के बाद लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की गई. उत्तर प्रदेश से निर्वाचित भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी ने चर्चा की शुरुआत की. सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि आज लोगों को 22-24 घंटे तक बिजली मिल रही है. उन्होंने अखिलेश यादव के जिन्ना को लेकर बयान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आज यूपी की जनता को ऐसा लगता है कि मोदी और योगी सरकार के दौर में उन्हें वैसी सुविधाएं मिल रही हैं, जो 20-25 साल पहले मिल जानी चाहिए थी.
इससे पहले राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की गई. राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकतंत्र को लेकर सरकार के समर्थन में किए दावों पर कहा कि अगर गत 70 वर्षों में कुछ नहीं किया गया होता तो भारत आज जिस स्थिति में है, ऐसा नहीं होता.
यह भी पढ़ें- parliament budget session : राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भाजपा सांसदों के वक्तव्य में चुनावी भाषण की झलक दिखी. उन्होंने एक शेर भी उद्धृत किया. खड़गे ने कहा, 'लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार तुम्हारा है; तुम झूठ को सच लिख दो, अखबार तुम्हारा है.'
इसके अलावा राज्य सभा में रेलवे भर्ती परीक्षा में अनियमितता का मुद्दा उठाया गया. आप सांसद संजय सिंह, एनसीपी की फौजिया खान और सुशील कुमार मोदी ने शून्यकाल में रेलवे भर्ती मुद्दे (rrb ntpc exam parliament zero hour) पर अपनी राय रखी.
गौरतलब है कि रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) की नौकरियों के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितता के विरोध में कई छात्र संगठनों ने पहले तो प्रदर्शन करते हुए रेल मार्गों को अवरूद्ध किया और उसके बाद उन्होंने बिहार बंद आहूत किया था.