मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने मरीन ड्राइव पुलिस थाने में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के दो अधिकारियों को मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
अदालत ने उस मामले में दोनों की हिरासत अवधि बढ़ाने की पुलिस की अर्जी खारिज कर दी, जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह भी आरोपी हैं. गिरफ्तार अधिकारी पुलिस निरीक्षक नंदकुमार गोपाल और आशा कोरके पूर्व में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा में तैनात थे.
रियल एस्टेट कारोबारी श्यामसुंदर अग्रवाल द्वारा जुलाई में मरीन ड्राइव थाने में जबरन वसूली की शिकायत के आधार पर दोनों आरोपी अधिकारियों को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों को पुलिस हिरासत अवधि पूरी होने पर मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर एम नेर्लिकर के समक्ष पेश किया गया.
पुलिस ने आरोपियों द्वारा 50 लाख रुपये की जबरन वसूली से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने का अनुरोध करते हुए हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था.
जांच एजेंसी का कहना था कि वह फॉरेंसिक साक्ष्य जुटा रही है और चूंकि गोपाल और कोरके जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं इसलिए मामले की तह तक जाने के लिए उनकी हिरासत अवधि बढ़ाए जाने की आवश्यकता है.
हालांकि, नंदकुमार की ओर से अधिवक्ता अनिकेत निकम ने हिरासत की अवधि बढ़ाने की अर्जी का विरोध किया और दलील दी कि हिरासत, किसी आरोपी से जानकारी प्राप्त करने के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि आरोपी पिछले सात दिन से पुलिस हिरासत में है और इसे बढ़ाने की जरूरत नहीं है. वहीं, कोरके के वकील ने भी पुलिस हिरासत बढ़ाने की अर्जी का विरोध किया.
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अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हिरासत की अवधि बढ़ाने की अर्जी खारिज कर दी और दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.