नई दिल्ली/पटना : बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू की गई थी. बावजूद इसके चार जिलों में शराब पीने से 20 लोगों की जान चली गई. कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं. इसको लेकर जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है. हर महीने 50 से ज्यादा लोगों की मौत शराब पीने से होती है. पुलिस वालों द्वारा इन मामलों को दबा दिया जाता है. बिहार में घर-घर शराब की होम डिलीवरी होती है. घर-घर शराब पहुंचाना एक धंधा बन गया है.
'नीतीश कुमार तय करें, शराबबंदी रखना है कि नहीं'
जाप सुप्रीमों ने कहा कि शराब के दामों को काफी बढ़ा दिया जाता है. उसके बाद शराब को घर-घर पहुंचाने का काम होता है. शराब माफियाओं को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है. पप्पू यादव ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार के बड़े-बड़े नेता शराब माफियाओं को पाल रहे हैं. पांच साल से बिहार में शराबबंदी है और शुरू से ही यह फेल रहा है.
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वहीं, उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य में शराब बिक रही है और उन राज्यों में काफी पैसा आता है, जबकि शराबबंदी से बिहार को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. इसलिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द निर्णय करें कि शराबबंदी रखना है या नहीं क्योंकि शराबबंदी के बाद भी शराब बिकती है.