खगड़िया: शराबबंदी वाले बिहार में शराब से हुई मौत के बाद से बिहार प्रशासन और सरकार के खिलाफ सवाल उठने लगे हैं. बिहार के एक नहीं बल्कि तीन जिलों सारण, नालंदा और बक्सर में जहरीली शराब (Buxar Poisonous Liquor Death Case) से लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. जिससे इन परिवार वालों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ गई है. वहीं, इस मामले को लेकर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव (Jaap Supremo Pappu Yadav) ने सीएम नीतीश कुमार से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की बात कही है. जिससे मृतक के परिजनों को सरकारी सहयोग मिल सके.
पप्पू यादव ने नीतीश सरकार से अपील की है कि जिस तरह से अन्य आपदाओं में मारे गए लोगों को चार लाख का मुआवजा दिया जाता है, उसी तरह शराब मामले में भी मारे गए लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी है, तो शराब से हुई मौत मामले में भी चार लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए. पप्पू यादव ने कहा कि गरीबों को जेल न भेजकर बेचने वालों को पकड़ना चाहिए और उनकी संपत्ति जब्त करनी चाहिए.
इसके साथ ही उन्होंने नेताओं और माफियाओं पर तंज कसते हुए कहा कि नेता और माफियाओं के गठबंधन और पदाधिकारी के गठबंधन को उजागर करना चाहिए. थानेदार और चौकीदारों को सस्पेंड नहीं करना है. एसपी और डीआईजी को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. जिन प्रभारी मंत्री को भेजा जाता है, यदि उसके बाद भी शराब बिकती है, तो उनसे भी इस्तीफा लेना चाहिए.
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जाप अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा, मीडिया ट्रायल होता है वो दिखता है, जो डेली मौत होती है वो नहीं दिखती है. शराब वाले जिद्द को छोड़ना चाहिए. सभी दल के नेताओं को बुलाकर बात करनी चाहिए और उसके बाद निर्णय लेना चाहिए. यह तो नेशनल और इंटरनेशनल पॉलिसी है. गुजरात में भी शराब है और प्रत्येक स्टेट जहां ड्राई है, वहां भी शराब है. 6 लाख 32 हजार दलित गरीब को जेल भेज दिया गया. सरकार अब कितनी मौत के बाद तय करेगी कि अब मौत नहीं होगी. पानी में डूबने और सड़क हादसे में मौत के बाद चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है. वैसे ही शराब से मौत मामले में भी चार लाख रुपये दिया जाना चाहिए.