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पन्नीरसेल्वम ने जयललिता की मौत की जांच संबंधी अपनी मांग का बचाव किया

जांच समिति के सामने पेश हुए ओ. पन्नीरसेल्वम ने सोमवार को दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की अपनी मांग का परोक्ष रूप से बचाव किया. हालांकि जिस भवन में समिति का कार्यालय है, वहां बिजली गुल होने से कार्यवाही को 22 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

Panneerselvam defends his demand
पन्नीरसेल्वम जयललिता
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Published : Mar 22, 2022, 9:34 AM IST

चेन्नई: अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के शीर्ष नेता ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) सोमवार को पहली बार एक जांच समिति के सामने पेश हुए और दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत से संबंधित परिस्थितियों की जांच की अपनी मांग का परोक्ष रूप से बचाव(Panneerselvam defends his demand) किया. उनकी मृत्यु के संबंध में परिस्थितियों की जांच करने लिए पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा सितंबर 2017 में गठित न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी जांच आयोग ने इस मुद्दे पर वर्षों पहले उनके मीडिया साक्षात्कार से संबंधित एक प्रश्न रखा था.

लगभग तीन घंटे तक चली कार्यवाही में कुल मिलाकर 78 प्रश्न पूछे गए. इसके अलावा, जिस भवन में समिति का कार्यालय है, वहां कुछ समय के लिए बिजली गुल हो गई जिससे कार्यवाही 22 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. जयललिता को दिए जाने वाले चिकित्सा उपचार की प्रकृति सहित कई सवालों के जवाब में पन्नीरसेल्वम ने, 'मैं नहीं जानता' कहा.

यह भी पढ़ें-जयललिता की मौत की जांच जारी, अरुमुघस्वामी आयोग के सामने पेश हुए ओ पनीरसेल्वम

बता दें कि दिसंबर 2016 में, जयललिता की मृत्यु की जांच पन्नीरसेल्वम की एक प्रमुख मांग थी. उनकी मृत्यु के बाद पन्नीरसेल्वम ने एक अलग अन्नाद्रमुक गुट का नेतृत्व किया था. इसके बाद इसे अगस्त 2017 में के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले खेमे में मिला दिया गया था. दो गुटों के एक होने से ओपीएस उपमुख्यमंत्री बने थे. वहीं पलानीस्वामी फरवरी 2017 से पिछले साल तक मुख्यमंत्री थे. एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि जांच आयोग का गठन लोगों की इच्छा के आधार पर किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई: अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के शीर्ष नेता ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) सोमवार को पहली बार एक जांच समिति के सामने पेश हुए और दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत से संबंधित परिस्थितियों की जांच की अपनी मांग का परोक्ष रूप से बचाव(Panneerselvam defends his demand) किया. उनकी मृत्यु के संबंध में परिस्थितियों की जांच करने लिए पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा सितंबर 2017 में गठित न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी जांच आयोग ने इस मुद्दे पर वर्षों पहले उनके मीडिया साक्षात्कार से संबंधित एक प्रश्न रखा था.

लगभग तीन घंटे तक चली कार्यवाही में कुल मिलाकर 78 प्रश्न पूछे गए. इसके अलावा, जिस भवन में समिति का कार्यालय है, वहां कुछ समय के लिए बिजली गुल हो गई जिससे कार्यवाही 22 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. जयललिता को दिए जाने वाले चिकित्सा उपचार की प्रकृति सहित कई सवालों के जवाब में पन्नीरसेल्वम ने, 'मैं नहीं जानता' कहा.

यह भी पढ़ें-जयललिता की मौत की जांच जारी, अरुमुघस्वामी आयोग के सामने पेश हुए ओ पनीरसेल्वम

बता दें कि दिसंबर 2016 में, जयललिता की मृत्यु की जांच पन्नीरसेल्वम की एक प्रमुख मांग थी. उनकी मृत्यु के बाद पन्नीरसेल्वम ने एक अलग अन्नाद्रमुक गुट का नेतृत्व किया था. इसके बाद इसे अगस्त 2017 में के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले खेमे में मिला दिया गया था. दो गुटों के एक होने से ओपीएस उपमुख्यमंत्री बने थे. वहीं पलानीस्वामी फरवरी 2017 से पिछले साल तक मुख्यमंत्री थे. एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि जांच आयोग का गठन लोगों की इच्छा के आधार पर किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

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