जयपुर : जैसलमेर और बाड़मेर के दो दूल्हे ऐसे भी हैं जिन्होंने जनवरी 2019 में पाकिस्तान के सिंध में शादी रचाई थी, लेकिन एक माह बाद ही पुलवामा हमले से तनाव बढ़ गया. तबसे दुल्हनें वीजा नहीं मिल पाने के कारण पाकिस्तान में थीं. शादी के बाद दूल्हों ने पाकिस्तान में ही रुककर इंतजार किया. उनके साथ बारात में गए लोग भी वहीं ठहरे रहे ताकि दुल्हन की विदाई करवाकर ही लौटें, लेकिन पाकिस्तान ने वीजा नहीं दिया.
थक-हारकर उन्हें अकेले लौटना पड़ा. इन दो सालों से दो दुल्हनों के परिजन नेताओं से लेकर सरकारों तक चक्कर काट निकल रहे थे लेकिन अब दो साल बाद 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पाकिस्तानी दुल्हनें सुबह 11 बजे वाघा बॉर्डर से भारत लौटेंगी.
जैसलमेर जिले के बइया गांव के नेपाल सिंह का रिश्ता पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ. थार एक्सप्रेस से बारात लेकर पाकिस्तान गए. नेपाल सिंह की शादी 26 जनवरी 2019 को हुई. इसी तरह बाड़मेर जिले के गिराब क्षेत्र के महेन्द्र सिंह अप्रैल 2019 शादी के लिए बारात लेकर पाकिस्तान गए. 16 अप्रैल को उनकी भी शादी हुई. दोनों दूल्हे अपनी दुल्हनों के साथ आना चाहते थे, लेकिन 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमला हो गया. इसके कुछ दिन बाद भारत ने बदला लेते हुए पाक पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया.
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इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में दरार आ गई, जिस वजह से दो देशों के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस ट्रेन के पहिए थम गए. वहीं दूल्हे हालात सामान्य होने के इंतजार में 3-4 माह तक पाक में रुके, ताकि दुल्हनों के साथ विदा हों, लेकिन उन्हें वीजा नहीं मिला. आखिरकार दूल्हों को बिना दुल्हनों के ही भारत लौटना पड़ा. वहीं पिछले दो साल से वीजा के इंतजार में पाकिस्तान में फंसी दुल्हनें आज अंतरराष्ट्रीय महिलादिवस के अवसर पर अपने ससुराल भारत लौटेंगी.
ये लौटे भारत
बाड़मेर के गिराब निवासी महेंद्र सिंह की पत्नी छगन बाई पाक के सिनोही छोर स्टेशन की निवासी है. इसी तरह जैसलमेर निवासी नेपाल सिंह की पत्नी कैलाश बाई पाक निवासी है. इसके अलावा विक्रमसिंह की सास मोर कंवर और दो वर्षीय बेटा राजवीरसिंह भी साथ में आ रहा है. इस तरह कुल 4 लोग आज वाघा बॉर्डर से भारत आएंगे.