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जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी के लिए पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं- मीनाक्षी लेखी

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अस्ताना, कजाकिस्तान में सीआईसीए शिखर सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के पास जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. पाक वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है.

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Published : Oct 13, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 7:14 PM IST

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी

अस्ताना (कजाखस्तान): भारत ने गुरुवार को कहा कि वह पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है और इस्लामाबाद को एक अनुकूल माहौल बनाने की सलाह दी, जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है, ताकि उसके नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र को (भारत के खिलाफ) सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सके. कजाखस्तान के अस्ताना में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने एशिया में बातचीत और विश्वास बहाली के उपायों (सीआईसीए) पर छठे शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.

उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है और भारत में आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत बना हुआ है. पाकिस्तान मानव विकास में कोई निवेश नहीं कर रहा है, लेकिन आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को बनाने और बनाए रखने के लिए अपने संसाधन उपलब्ध कराता है.' शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई विश्व नेताओं ने भाग लिया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेखी ने कहा कि पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ भारत सामान्य संबंध चाहता है.

उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह एक अनुकूल माहौल बनाकर जो कहता है उसे करे, जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है, ताकि किसी भी तरह से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग न किया जा सके.' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ द्वारा सीआईसीए की बैठक में कश्मीर मुद्दे को उठाने के बाद लेखी ने कहा कि इससे दोनों देश इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच को सहयोग के उसके एजेंडे से विचलित करने के बजाय द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने में सक्षम होंगे.

पढ़ें: SC ने दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार

उन्होंने पाकिस्तान से भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद को तुरंत बंद करने और आतंकवाद के अपने बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि 'यह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख (पीओजेकेएल) में गंभीर और लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए अच्छा होगा. वह पीओजेकेएल की स्थिति में कोई और महत्वपूर्ण परिवर्तन करने से बचे और उन भारतीय क्षेत्रों को खाली करे, जो उसके अवैध और जबरन कब्जे में हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

अस्ताना (कजाखस्तान): भारत ने गुरुवार को कहा कि वह पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है और इस्लामाबाद को एक अनुकूल माहौल बनाने की सलाह दी, जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है, ताकि उसके नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र को (भारत के खिलाफ) सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सके. कजाखस्तान के अस्ताना में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने एशिया में बातचीत और विश्वास बहाली के उपायों (सीआईसीए) पर छठे शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.

उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है और भारत में आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत बना हुआ है. पाकिस्तान मानव विकास में कोई निवेश नहीं कर रहा है, लेकिन आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को बनाने और बनाए रखने के लिए अपने संसाधन उपलब्ध कराता है.' शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई विश्व नेताओं ने भाग लिया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेखी ने कहा कि पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ भारत सामान्य संबंध चाहता है.

उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह एक अनुकूल माहौल बनाकर जो कहता है उसे करे, जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है, ताकि किसी भी तरह से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग न किया जा सके.' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ द्वारा सीआईसीए की बैठक में कश्मीर मुद्दे को उठाने के बाद लेखी ने कहा कि इससे दोनों देश इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच को सहयोग के उसके एजेंडे से विचलित करने के बजाय द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने में सक्षम होंगे.

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उन्होंने पाकिस्तान से भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद को तुरंत बंद करने और आतंकवाद के अपने बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि 'यह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख (पीओजेकेएल) में गंभीर और लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए अच्छा होगा. वह पीओजेकेएल की स्थिति में कोई और महत्वपूर्ण परिवर्तन करने से बचे और उन भारतीय क्षेत्रों को खाली करे, जो उसके अवैध और जबरन कब्जे में हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 13, 2022, 7:14 PM IST
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