नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले तीन वर्षों में महिला रेल यात्रियों के खिलाफ अपराध के 1063 मामले दर्ज किये. जबकि 2019 में 580 मामले दर्ज किए गए थे, 2020 में 205 मामले दर्ज किए गए थे और यह आंकड़ा 2021 में 278 था. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित उत्तर में आंकड़े साझा किए. मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों यानी 2019, 2020 और 2021 के दौरान, भारतीय रेलवे में महिला यात्रियों के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों की संख्या क्रमशः 580, 205 और 278 है.
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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2021 में महिला यात्रियों के खिलाफ अपराध के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है. 2021 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के आधार पर, वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2021 के दौरान भारतीय रेलवे में महिला यात्रियों के खिलाफ अपराध के मामलों में काफी कमी आई है, क्योंकि वर्ष 2020 में अपराध के आंकड़ों को तुलना के लिए नहीं माना गया है क्योंकि कोराना संक्रमण के कारण यात्री ट्रेन संचालन में भारी कटौती की गई थी.
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ट्रेन में महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पोस्टर, बैनर और विशेष दस्तों की तैनाती के माध्यम से जागरूकता अभियान के साथ-साथ रेलवे कोचों और रेलवे स्टेशनों पर निगरानी बढ़ाने सहित विभिन्न कदम उठाए गए हैं. केंद्रीय मंत्री ने ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में कहा कि रेलवे कोचों और रेलवे स्टेशनों पर निगरानी बढ़ाने, पोस्टर, बैनर के माध्यम से जागरूकता अभियान सहित कई कदम उठाए गए हैं. कम दूरी के लिए विशेष दस्तों की तैनाती की जा रही है.
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