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महाराष्ट्र और कर्नाटक में मराठी क्षेत्र पर विवाद, ठाकरे को कन्नड़ नेताओं का कड़ा जवाब - Uddhav Thackeray remarks

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा सहित कर्नाटक के नेताओं ने उनकी निंदा की है. येदियुरप्पा ने उनके बयान को राष्ट्र की एकता को नुकसान पहुंचाने वाला बताया, तो वहीं केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि सीएम की कुर्सी पर बैठकर इस तरह का बयान देने उन्हें शोभा नहीं देता. इसके अलावा विपक्ष नेता सिद्धारमैया ने उद्धव ठाकरे के बयानों की निंदा की और नाराजगी जताई, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि ठाकरे की सोच चीन की विस्तारवाद नीति की तरह है.

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Published : Jan 18, 2021, 6:44 PM IST

बेंगलुरु : मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के क्षेत्रों को महाराष्ट्र में शामिल करने वाले बयान को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की कड़ी निंदा की है. येदियुरप्पा ने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनके कार्यालय द्वारा दिया गया बयान राष्ट्र की एकता को नुकसान पहुंचाने वाला है. सीमा के मुद्दे पर महाजन कमीशन की रिपोर्ट फाइनल है. ठाकरे को इस मामले में आवाज उठाने का कोई अधिकार नहीं है. उनका बयान भारतीय संघ के सिद्धांतों के खिलाफ है.

येदियुरप्पा ने ट्विटर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी सरकार कर्नाटक के उन इलाकों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां मराठी भाषी लोग बहुमत में हैं. यह उनके द्वारा किए गए उतावलेपन में से एक है. यह दिखाता है कि वह भारतीय संघ के सिद्धांतों के खिलाफ खड़े हैं. हर नागरिक जानता है कि महाजन आयोग की रिपोर्ट अंतिम है.

इस तरह का भाषा विज्ञान क्षेत्रवाद और कथन देश की एकता के लिए हानिकारक है. कर्नाटक में मराठा कन्नड़ लोगों के साथ मिले हुए हैं, जबकि महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों में कन्नड़ भाषी मराठियों के साथ रहते हैं, लेकिन ठाकरे सीमा के बारे में बयान देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. एक भारतीय के रूप में उद्धव ठाकरे को भारतीय संघ के सिद्धांतों का सम्मान करना चाहिए.

ठाकरे को शोभा नहीं देता ऐसा बयान

वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे के बयान पर केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सीएम की कुर्सी पर बैठकर इस तरह का बयान देना उन्हें शोभा नहीं देता.

उन्होंने कहा कि सीमा विवाद के मामले में लगातार बयानबाजी करना ठीक नहीं है. सीमा विवाद के मामले में पहले से ही महाजन आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया है, तो इस बात पर फिर से टिपण्णी करना उचित नहीं है. बेलगावी महाराष्ट्र का इलाका नहीं है.

ठाकरे पर भड़के सिद्धारमैया

विपक्ष नेता सिद्धारमैया ने उद्धव ठाकरे के बयानों की निंदा की और उनके खिलाफ नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि हम अपने क्षेत्र, भाषा और राज्य के मामले में समझौता और राजनीति नहीं करेंगे. कुछ लोगों को ऐसे बयान देकर लोगों को भड़काना अच्छा नहीं है. अतीत से भविष्य तक बेलगावी हमेशा कर्नाटक का ही हिस्सा रहा है और ठाकरे के बयानों से यह सच बदल नहीं सकता.

महाजन आयोग की रिपोर्ट से बेलगावी सीमा विवाद को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है, इस पर फिर से चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है.

महाजन आयोग की रिपोर्ट इस बारे में अंतिम है. हम अपने राज्य और सीमा के मामले में भी समझौता या राजनीति नहीं करेंगे.

'ठाकरे का बयान चीन के विस्तारवाद को दर्शाता है'

पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा कि ठाकरे का बयान देश में चीन के विस्तारवादी चरित्र को दर्शाता है.

भारतीय संघ प्रणाली द्वारा राज्यों को भाषा के आधार पर विभाजित किया गया है, लेकिन ठाकरे बेलगावी के बारे में बयान देकर लोगों की परिवर्तनशीलता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं.

कुमारस्वामी ने आगे कहा कि अधिकांश कन्नड़ शासकों ने महाराष्ट्र में शासन किया. कई कन्नड़ राजाओं ने अतीत में इतिहास रचा है. ठाकरे जानते हैं, किसने इतिहास के माध्यम से इस क्षेत्र पर कब्जा किया है.

महाजन आयोग ने पहले ही सीमा विवाद के बारे में रिपोर्ट तय कर दी है. इसलिए इस बारे में बातचीत करना जरूरी नहीं है.

पढ़ें - कर्नाटक के मराठी भाषी इलाकों को राज्य में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध : उद्धव

कन्नड़ समर्थक संगठनों का विरोध प्रदर्शन

उद्धव ठाकरे के बयान को लेकर कन्नड़ समर्थित संगठनों ने उनके खिलाफ नाराजगी जताई और बेलगावी में विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि यह हमारा है, महाराष्ट्र का नहीं, शहीदों के नाम पर उद्धव ठाकरे कन्नड़ के लोगों को परेशान कर रहे हैं.

संगठन ने ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए कर्नाटक सरकार के खिलाफ भी नाराजगी जताई. उन्होंने सरकार से राज्य में एमईएस और शिवसेना संगठनों पर प्रतिबंध लगाने पर भी जोर दिया.

इसके अलावा वटल नागराज ने भी उद्धव ठाकरे के बयान के खिलाफ बेंगलुरु और चामराजनगर में विरोध प्रदर्शन किया.

बेंगलुरु : मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के क्षेत्रों को महाराष्ट्र में शामिल करने वाले बयान को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की कड़ी निंदा की है. येदियुरप्पा ने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनके कार्यालय द्वारा दिया गया बयान राष्ट्र की एकता को नुकसान पहुंचाने वाला है. सीमा के मुद्दे पर महाजन कमीशन की रिपोर्ट फाइनल है. ठाकरे को इस मामले में आवाज उठाने का कोई अधिकार नहीं है. उनका बयान भारतीय संघ के सिद्धांतों के खिलाफ है.

येदियुरप्पा ने ट्विटर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी सरकार कर्नाटक के उन इलाकों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां मराठी भाषी लोग बहुमत में हैं. यह उनके द्वारा किए गए उतावलेपन में से एक है. यह दिखाता है कि वह भारतीय संघ के सिद्धांतों के खिलाफ खड़े हैं. हर नागरिक जानता है कि महाजन आयोग की रिपोर्ट अंतिम है.

इस तरह का भाषा विज्ञान क्षेत्रवाद और कथन देश की एकता के लिए हानिकारक है. कर्नाटक में मराठा कन्नड़ लोगों के साथ मिले हुए हैं, जबकि महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों में कन्नड़ भाषी मराठियों के साथ रहते हैं, लेकिन ठाकरे सीमा के बारे में बयान देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. एक भारतीय के रूप में उद्धव ठाकरे को भारतीय संघ के सिद्धांतों का सम्मान करना चाहिए.

ठाकरे को शोभा नहीं देता ऐसा बयान

वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे के बयान पर केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सीएम की कुर्सी पर बैठकर इस तरह का बयान देना उन्हें शोभा नहीं देता.

उन्होंने कहा कि सीमा विवाद के मामले में लगातार बयानबाजी करना ठीक नहीं है. सीमा विवाद के मामले में पहले से ही महाजन आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया है, तो इस बात पर फिर से टिपण्णी करना उचित नहीं है. बेलगावी महाराष्ट्र का इलाका नहीं है.

ठाकरे पर भड़के सिद्धारमैया

विपक्ष नेता सिद्धारमैया ने उद्धव ठाकरे के बयानों की निंदा की और उनके खिलाफ नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि हम अपने क्षेत्र, भाषा और राज्य के मामले में समझौता और राजनीति नहीं करेंगे. कुछ लोगों को ऐसे बयान देकर लोगों को भड़काना अच्छा नहीं है. अतीत से भविष्य तक बेलगावी हमेशा कर्नाटक का ही हिस्सा रहा है और ठाकरे के बयानों से यह सच बदल नहीं सकता.

महाजन आयोग की रिपोर्ट से बेलगावी सीमा विवाद को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है, इस पर फिर से चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है.

महाजन आयोग की रिपोर्ट इस बारे में अंतिम है. हम अपने राज्य और सीमा के मामले में भी समझौता या राजनीति नहीं करेंगे.

'ठाकरे का बयान चीन के विस्तारवाद को दर्शाता है'

पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा कि ठाकरे का बयान देश में चीन के विस्तारवादी चरित्र को दर्शाता है.

भारतीय संघ प्रणाली द्वारा राज्यों को भाषा के आधार पर विभाजित किया गया है, लेकिन ठाकरे बेलगावी के बारे में बयान देकर लोगों की परिवर्तनशीलता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं.

कुमारस्वामी ने आगे कहा कि अधिकांश कन्नड़ शासकों ने महाराष्ट्र में शासन किया. कई कन्नड़ राजाओं ने अतीत में इतिहास रचा है. ठाकरे जानते हैं, किसने इतिहास के माध्यम से इस क्षेत्र पर कब्जा किया है.

महाजन आयोग ने पहले ही सीमा विवाद के बारे में रिपोर्ट तय कर दी है. इसलिए इस बारे में बातचीत करना जरूरी नहीं है.

पढ़ें - कर्नाटक के मराठी भाषी इलाकों को राज्य में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध : उद्धव

कन्नड़ समर्थक संगठनों का विरोध प्रदर्शन

उद्धव ठाकरे के बयान को लेकर कन्नड़ समर्थित संगठनों ने उनके खिलाफ नाराजगी जताई और बेलगावी में विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि यह हमारा है, महाराष्ट्र का नहीं, शहीदों के नाम पर उद्धव ठाकरे कन्नड़ के लोगों को परेशान कर रहे हैं.

संगठन ने ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए कर्नाटक सरकार के खिलाफ भी नाराजगी जताई. उन्होंने सरकार से राज्य में एमईएस और शिवसेना संगठनों पर प्रतिबंध लगाने पर भी जोर दिया.

इसके अलावा वटल नागराज ने भी उद्धव ठाकरे के बयान के खिलाफ बेंगलुरु और चामराजनगर में विरोध प्रदर्शन किया.

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