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40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में तीन कपल्स यानी 15 प्रतिशत विधायक तीन परिवार से

गोवा (Goa Assembly Elections 2022) के 40 सीटों के लिए 301 उम्मीदवार दावेदारी में थे. इनमें महिलाओं की संख्या केवल 26 थी. जिनमें से केवल 3 विधानसभा पहुंची. यहां भी वो अकेले नहीं पहुंची बल्कि उनके पति भी विधायक बने हैं.

Goa Assembly Elections 2022
गोवा
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Published : Mar 10, 2022, 10:07 PM IST

हैदराबाद: गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Elections 2022) में कई राजनीतिक दलों के मैदान में उतरने से जहां मुकाबला बहुकोणीय हो गया था. वहीं पांच कपल भी थे. जो इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. इससे गोवा चुनाव और भी मजेदार बन गया है. अगर ये सारे जीत जाते हैं तो गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के 25 परसेंट सदस्य पति-पत्नी होते. हालांकि, इन 5 कपल में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे वालपोई निर्वाचन क्षेत्र से और उनकी पत्नी देविया ने पोरिएम विधानसभा से चुनाव जीत गई है. इनके अलावा टानासियो मोंसेरट्टे पणजी विधानसभा सीट से और उनकी पत्नी जेनिफर को तालीगाव निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था. दोनों ही चुनाव जीत गए हैं.

पढ़ें: Uttarakhand Election: सीएम धामी खटीमा से हारे, अब कौन बनेगा मुख्यमंत्री ?

जेनिफर ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर तालीगाव से विधानसभा चुनाव जीता था जबकि उनके पति मोंसेरट्टे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद 2019 में पणजी में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए थे. ये दोनों कांग्रेस के आठ अन्य विधायकों के साथ 2019 में बीजेपी में शामिल हो गये थे. कांग्रेस ने माइकल लोबो और उनकी पत्नी डेलिया को कालनगुट और सियोलिम से प्रत्याशी बनाया था. दोनों को जनता का आशीर्वाद मिला. पूर्व मंत्री माइकल अपनी पत्नी को बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आ गए थे. देखा जाए तो 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में 6 विधायक यानी 15 प्रतिशत विधायक तीन परिवारों से हैं. 20 विधायकों वाली भाजपा के विधायक दल में 4 विधायक यानी 20 प्रतिशत विधायक दो परिवार से ही हैं.

पढ़ें: गोवा विधानसभा चुनाव 2022: इन प्रत्याशियों ने महज सिर्फ 76 और 77 वोटों से हासिल की जीत

ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने किरण कांडोलकर को अल्डोना और उनकी पत्नी कविता को थिविम से चुनाव मैदान में उतारा था. उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर और उनकी पत्नी सावित्री कावलेकर भी चुनाव मैदान में थीं. चंद्रकांत कावलेकर अपनी पारंपरिक क्वेपेम सीट से बीजेपी प्रत्याशी थे. जबकि सावित्री पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर सांग्वेम से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में थीं. दोनों ही चुनाव हार गए हैं. गोवा विधानसभा चुनाव में 40 में से केवल 3 सीटों पर महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. गोवा चुनाव में कुल 301 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. सभी दलों ने मिलकर केवल 26 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा.

हैदराबाद: गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Elections 2022) में कई राजनीतिक दलों के मैदान में उतरने से जहां मुकाबला बहुकोणीय हो गया था. वहीं पांच कपल भी थे. जो इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. इससे गोवा चुनाव और भी मजेदार बन गया है. अगर ये सारे जीत जाते हैं तो गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के 25 परसेंट सदस्य पति-पत्नी होते. हालांकि, इन 5 कपल में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे वालपोई निर्वाचन क्षेत्र से और उनकी पत्नी देविया ने पोरिएम विधानसभा से चुनाव जीत गई है. इनके अलावा टानासियो मोंसेरट्टे पणजी विधानसभा सीट से और उनकी पत्नी जेनिफर को तालीगाव निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था. दोनों ही चुनाव जीत गए हैं.

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जेनिफर ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर तालीगाव से विधानसभा चुनाव जीता था जबकि उनके पति मोंसेरट्टे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद 2019 में पणजी में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए थे. ये दोनों कांग्रेस के आठ अन्य विधायकों के साथ 2019 में बीजेपी में शामिल हो गये थे. कांग्रेस ने माइकल लोबो और उनकी पत्नी डेलिया को कालनगुट और सियोलिम से प्रत्याशी बनाया था. दोनों को जनता का आशीर्वाद मिला. पूर्व मंत्री माइकल अपनी पत्नी को बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आ गए थे. देखा जाए तो 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में 6 विधायक यानी 15 प्रतिशत विधायक तीन परिवारों से हैं. 20 विधायकों वाली भाजपा के विधायक दल में 4 विधायक यानी 20 प्रतिशत विधायक दो परिवार से ही हैं.

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ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने किरण कांडोलकर को अल्डोना और उनकी पत्नी कविता को थिविम से चुनाव मैदान में उतारा था. उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर और उनकी पत्नी सावित्री कावलेकर भी चुनाव मैदान में थीं. चंद्रकांत कावलेकर अपनी पारंपरिक क्वेपेम सीट से बीजेपी प्रत्याशी थे. जबकि सावित्री पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर सांग्वेम से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में थीं. दोनों ही चुनाव हार गए हैं. गोवा विधानसभा चुनाव में 40 में से केवल 3 सीटों पर महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. गोवा चुनाव में कुल 301 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. सभी दलों ने मिलकर केवल 26 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा.

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