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जानिए कहां आसमान से गिरा 'गोल्डन स्टोन', उल्का पिंड गिरने की चर्चाओं ने पकड़ा जोर - उल्का पिंड

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के वाशी तालुका के एक खेत में एक आश्चर्यजनक घटना सामने आई है. जहां आसमान से एक सुनहरा पत्थर गिरा. सुनहरा पत्थर गिरने के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर जारी है.

Osmanabad
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Published : Sep 25, 2021, 3:37 PM IST

उस्मानाबाद : बीते शुक्रवार की सुबह एक किसान अपने खेत में काम कर रहा था, तभी अचानक आसमान से एक सुनहरा पत्थर गिरा. इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है और इस खबर ने सोशल मीडिया पर चर्चाओं का तूफान खड़ा कर दिया है. प्रभु निवृति माली नाम के किसान के खेत में पत्थर गिरा है.

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को साढ़े छह बजे निरीक्षण करते समय अचानक हवा जैसी आवाज आई और कुछ ही गज की दूरी पर दो किलो 38 ग्राम वजन का एक सुनहरा पत्थर वहां गिरा. यह पत्थर किसान के पास से करीब सात-आठ फीट की दूरी पर ही गिरा. इसके बाद किसान ने तुरंत तहसीलदार नरसिंह जाधव को इसकी सूचना दी.

तहसील कार्यालय द्वारा प्रारंभिक निरीक्षण के बाद पत्थर को उस्मानाबाद में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को भेजा गया है. भूवैज्ञानिकों ने बताया है कि पत्थर उल्कापिंड हो सकता है. फिलहाल पत्थर तहसील कार्यालय में जमा है. पत्थर सुनहरे रंग का है और इसमें कई तरह की परतें हैं. 2 किलो 38 ग्राम वजनी यह पत्थर 7 इंच लंबा और 6 इंच चौड़ा है. लोगों में इसे देखने की होड़ मची रही.

यह भी पढ़ें-पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है सबसे बड़ा उल्कापिंड, तबाही का दिन और तारीख तय

भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार पत्थर की मोटाई साढ़े तीन इंच से अधिक है. वर्तमान में उस्मानाबाद जिले के वाशी तालुका में आसमान से उल्का गिरने की काफी चर्चा है. हालांकि भूगर्भीय विभागों द्वारा शोध किया जा रहा है.

उस्मानाबाद : बीते शुक्रवार की सुबह एक किसान अपने खेत में काम कर रहा था, तभी अचानक आसमान से एक सुनहरा पत्थर गिरा. इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है और इस खबर ने सोशल मीडिया पर चर्चाओं का तूफान खड़ा कर दिया है. प्रभु निवृति माली नाम के किसान के खेत में पत्थर गिरा है.

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को साढ़े छह बजे निरीक्षण करते समय अचानक हवा जैसी आवाज आई और कुछ ही गज की दूरी पर दो किलो 38 ग्राम वजन का एक सुनहरा पत्थर वहां गिरा. यह पत्थर किसान के पास से करीब सात-आठ फीट की दूरी पर ही गिरा. इसके बाद किसान ने तुरंत तहसीलदार नरसिंह जाधव को इसकी सूचना दी.

तहसील कार्यालय द्वारा प्रारंभिक निरीक्षण के बाद पत्थर को उस्मानाबाद में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को भेजा गया है. भूवैज्ञानिकों ने बताया है कि पत्थर उल्कापिंड हो सकता है. फिलहाल पत्थर तहसील कार्यालय में जमा है. पत्थर सुनहरे रंग का है और इसमें कई तरह की परतें हैं. 2 किलो 38 ग्राम वजनी यह पत्थर 7 इंच लंबा और 6 इंच चौड़ा है. लोगों में इसे देखने की होड़ मची रही.

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भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार पत्थर की मोटाई साढ़े तीन इंच से अधिक है. वर्तमान में उस्मानाबाद जिले के वाशी तालुका में आसमान से उल्का गिरने की काफी चर्चा है. हालांकि भूगर्भीय विभागों द्वारा शोध किया जा रहा है.

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