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बिहार NDA में सब ठीक नहीं : मांझी, मदन सहनी ही नहीं बीजेपी MLA के भी बिगड़े बोल - बिहार एनडीए न्यूज

भाजपा (BJP) ने 74 सीटों के आने के बाद छवि के मामले में बिहार के बेताज बादशाह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर सवारी तो कर ली, लेकिन ये काफिला कितना आगे तक जा पाएगा, कह पाना मुश्किल है. नीतीश के अपने मंत्री ही बागी हो गए हैं. एनडीए (NDA) के घटक दल की नाराजगी भी खुलकर सामने आने लगी है. पढ़ें खास खबर.

बिहार NDA में सब ठीक नहीं
बिहार NDA में सब ठीक नहीं
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Published : Jul 2, 2021, 7:12 PM IST

पटना : बिहार में एनडीए (NDA) की सरकार बनने के समय यह मान लिया गया था कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की छवि राष्ट्रीय है. हालांकि बीजेपी (Bihar BJP) और जदयू के संबंधों को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं.

विपक्ष इसे मजबूरी की सरकार बताता रहा है. इन सबके बीच पिछले कुछ दिनों से बिहार की सियासत (Bihar Politics) में जो घटनाक्रम हुए हैं उसके बाद यह कहा जाने लगा है कि एनडीए के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

एनडीए के अंदर मचा घमासान

सुनिए क्या कह रहे नेता
बिहार में जदयू के मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) अफसरशाही को लेकर बयान देते हैं और इस्तीफे की बात तक करते हैं वहीं, बीजेपी के विधायक अपने ही मंत्रियों के खिलाफत कर रहे हैं. वह ट्रांसफर पोस्टिंग में जमकर धन उगाही की बात करते हैं. बीजेपी के एक और विधायक हरिभूषण ठाकुर कहते हैं कि बिहार बारूद के ढेर पर बैठा है. एनडीए की सरकार होने पर भी इस तरह की बयानबाजी को लेकर विपक्ष कह रहा है कि एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है.

बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर : आरजेडी

आरजेडी प्रवक्ता अनवर हुसैन का कहना है कि 'जब से एनडीए सरकार बनी है तभी से कुछ भी ठीक नहीं है. नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी का चुनाव से पहले एजेंडा कुछ और था और सरकार बनने के बाद एजेंडा कुछ और है. बीजेपी विधायक जिस प्रकार से अपने ही सरकार के मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं और जदयू मंत्री मदन सहनी अपनी ही सरकार के अफसरशाही पर उंगली उठा रहे हैं साफ है बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है और ऊपर से लेकर नीचे तक रिश्वतखोरी है.'

बिहार में राजनीतिक उठापटक

  • सत्ताधारी दल के नेताओं की बयानबाजी से असहज है एनडीए सरकार.
  • अफसरशाही और भ्रष्टाचार को लेकर सत्ताधारी दल के मंत्री और विधायक ने उठाया है सवाल.
  • पहले से ही यही आरोप विपक्ष लगाता रहा है.
  • बीजेपी विधायकों के आतंकी घटना को लेकर उठाए जा रहे सवाल से भी एनडीए गठबंधन पर असर.
  • सहयोगी जीतन राम मांझी के बयानबाजी से भी एनडीए सरकार की बढ़ी है मुश्किल

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि 'जब अपनी ही सरकार के खिलाफ सत्ताधारी दल के नेता बयानबाजी करेंगे तो सब कुछ ठीक कैसे रह सकता है. ट्रांसफर पोस्टिंग में लेनदेन कांग्रेस और लालूजी के जमाने में नहीं होता था. यह नीतीश कुमार के शासन में ही हो रहा है.'

बीजेपी विधायक के बयान से खलबली
बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (Gyanendra Singh Gyanu) के बयान ने आग में घी डालने का काम किया है. वैसे बिहार सरकार में जून का महीना तबादलों का होता है और पहले भी जून महीने में तबादलों पर सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में समाज कल्याण विभाग का पूरा मामला अब मुख्य सचिव के पास पहुंच गया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी नजर है. बावजूद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए सरकार के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है और आने वाले दिनों में बड़ा उलटफेर हो सकता है.

वहीं, जदयू मंत्री ने विभाग में नौकरशाही का आरोप लगाया जबकि भाजपा विधायक ने मंत्रियों पर ट्रांसफर पोस्टिंग में रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने एक कदम आगे बढ़कर दावा किया कि यदि मंत्रियों के बंगले पर छापेमारी की गई तो भारी मात्रा में नकदी जब्त होगी. बीजेपी प्रवक्ता, संजय टाइगर का कहना है कि 'नीतीश सरकार में सब कुछ पारदर्शिता के साथ होता है. आरजेडी के जमाने में तो ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग बन गया था.'

यह भी पढ़ें- शिक्षा विभाग ने 257 BEO के तबादले पर लगाई रोक, कल किया था ट्रांसफर

हम प्रवक्ता विजय यादव का कहना है कि 'एनडीए सरकार 5 साल मजबूती से चलेगी बीजेपी विधायकों का बयान उनका व्यक्तिगत बयान है.'

तबादला विवाद
तबादला विवाद

तेजस्वी का सरकार गिरने का दावा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार कहते रहे हैं कि सरकार 2 से 3 महीने में गिर जाएगी. अब जदयू मंत्री मदन सहनी के अफसरशाही को लेकर इस्तीफे की धमकी के बाद हलचलें तेज हो गईं हैं.

ये आरोप
ये आरोप

बिहार में क्या है सत्ता का समीकण
बिहार में विधानसभा की कुल सीटें 243 हैं. फिलहाल 241 विधायक हैं, अर्थात 2 सीटों पर उपचुनाव होना (जेडीयू के 2 विधायकों के निधन होने से खाली) है. इस वक्त सत्ता में बने रहने के लिए 121 विधायकों की जरुरत है.

एनडीए की सरकार

  • बीजेपी:74 सीट
  • जेडीयू: 43 सीट
  • हम: 4 सीट
  • वीआईपी: 4 सीट
  • निर्दलीय: 1 सीट
  • कुल: 126 सीट

वहीं, अगर महागठबंधन की बात की जाए तो आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 सहित टोटल 110 का आंकड़ा है. इसमें ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) के 5 विधायकों का बाहर से समर्थन होने पर कुल 115 तक पहुंच जाता है.

आने वाले चुनावों पर असर
पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में जदयू मजबूती से खड़ी हो अपने वोट बैंक को जीत में बदल दे इसकी पूरी तैयारी शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव सिर्फ 2 महीने के भीतर ही होना है. अगर ऐसे ही हालात रहे तो 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की राह भी नीतीश के लिए आसान नहीं होगी.

पढ़ें- नीतीश के एक और मंत्री ने 'फोड़ा बम', कहा- मनमानी करते हैं अधिकारी

पटना : बिहार में एनडीए (NDA) की सरकार बनने के समय यह मान लिया गया था कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की छवि राष्ट्रीय है. हालांकि बीजेपी (Bihar BJP) और जदयू के संबंधों को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं.

विपक्ष इसे मजबूरी की सरकार बताता रहा है. इन सबके बीच पिछले कुछ दिनों से बिहार की सियासत (Bihar Politics) में जो घटनाक्रम हुए हैं उसके बाद यह कहा जाने लगा है कि एनडीए के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

एनडीए के अंदर मचा घमासान

सुनिए क्या कह रहे नेता
बिहार में जदयू के मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) अफसरशाही को लेकर बयान देते हैं और इस्तीफे की बात तक करते हैं वहीं, बीजेपी के विधायक अपने ही मंत्रियों के खिलाफत कर रहे हैं. वह ट्रांसफर पोस्टिंग में जमकर धन उगाही की बात करते हैं. बीजेपी के एक और विधायक हरिभूषण ठाकुर कहते हैं कि बिहार बारूद के ढेर पर बैठा है. एनडीए की सरकार होने पर भी इस तरह की बयानबाजी को लेकर विपक्ष कह रहा है कि एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है.

बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर : आरजेडी

आरजेडी प्रवक्ता अनवर हुसैन का कहना है कि 'जब से एनडीए सरकार बनी है तभी से कुछ भी ठीक नहीं है. नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी का चुनाव से पहले एजेंडा कुछ और था और सरकार बनने के बाद एजेंडा कुछ और है. बीजेपी विधायक जिस प्रकार से अपने ही सरकार के मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं और जदयू मंत्री मदन सहनी अपनी ही सरकार के अफसरशाही पर उंगली उठा रहे हैं साफ है बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है और ऊपर से लेकर नीचे तक रिश्वतखोरी है.'

बिहार में राजनीतिक उठापटक

  • सत्ताधारी दल के नेताओं की बयानबाजी से असहज है एनडीए सरकार.
  • अफसरशाही और भ्रष्टाचार को लेकर सत्ताधारी दल के मंत्री और विधायक ने उठाया है सवाल.
  • पहले से ही यही आरोप विपक्ष लगाता रहा है.
  • बीजेपी विधायकों के आतंकी घटना को लेकर उठाए जा रहे सवाल से भी एनडीए गठबंधन पर असर.
  • सहयोगी जीतन राम मांझी के बयानबाजी से भी एनडीए सरकार की बढ़ी है मुश्किल

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि 'जब अपनी ही सरकार के खिलाफ सत्ताधारी दल के नेता बयानबाजी करेंगे तो सब कुछ ठीक कैसे रह सकता है. ट्रांसफर पोस्टिंग में लेनदेन कांग्रेस और लालूजी के जमाने में नहीं होता था. यह नीतीश कुमार के शासन में ही हो रहा है.'

बीजेपी विधायक के बयान से खलबली
बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (Gyanendra Singh Gyanu) के बयान ने आग में घी डालने का काम किया है. वैसे बिहार सरकार में जून का महीना तबादलों का होता है और पहले भी जून महीने में तबादलों पर सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में समाज कल्याण विभाग का पूरा मामला अब मुख्य सचिव के पास पहुंच गया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी नजर है. बावजूद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए सरकार के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है और आने वाले दिनों में बड़ा उलटफेर हो सकता है.

वहीं, जदयू मंत्री ने विभाग में नौकरशाही का आरोप लगाया जबकि भाजपा विधायक ने मंत्रियों पर ट्रांसफर पोस्टिंग में रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने एक कदम आगे बढ़कर दावा किया कि यदि मंत्रियों के बंगले पर छापेमारी की गई तो भारी मात्रा में नकदी जब्त होगी. बीजेपी प्रवक्ता, संजय टाइगर का कहना है कि 'नीतीश सरकार में सब कुछ पारदर्शिता के साथ होता है. आरजेडी के जमाने में तो ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग बन गया था.'

यह भी पढ़ें- शिक्षा विभाग ने 257 BEO के तबादले पर लगाई रोक, कल किया था ट्रांसफर

हम प्रवक्ता विजय यादव का कहना है कि 'एनडीए सरकार 5 साल मजबूती से चलेगी बीजेपी विधायकों का बयान उनका व्यक्तिगत बयान है.'

तबादला विवाद
तबादला विवाद

तेजस्वी का सरकार गिरने का दावा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार कहते रहे हैं कि सरकार 2 से 3 महीने में गिर जाएगी. अब जदयू मंत्री मदन सहनी के अफसरशाही को लेकर इस्तीफे की धमकी के बाद हलचलें तेज हो गईं हैं.

ये आरोप
ये आरोप

बिहार में क्या है सत्ता का समीकण
बिहार में विधानसभा की कुल सीटें 243 हैं. फिलहाल 241 विधायक हैं, अर्थात 2 सीटों पर उपचुनाव होना (जेडीयू के 2 विधायकों के निधन होने से खाली) है. इस वक्त सत्ता में बने रहने के लिए 121 विधायकों की जरुरत है.

एनडीए की सरकार

  • बीजेपी:74 सीट
  • जेडीयू: 43 सीट
  • हम: 4 सीट
  • वीआईपी: 4 सीट
  • निर्दलीय: 1 सीट
  • कुल: 126 सीट

वहीं, अगर महागठबंधन की बात की जाए तो आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 सहित टोटल 110 का आंकड़ा है. इसमें ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) के 5 विधायकों का बाहर से समर्थन होने पर कुल 115 तक पहुंच जाता है.

आने वाले चुनावों पर असर
पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में जदयू मजबूती से खड़ी हो अपने वोट बैंक को जीत में बदल दे इसकी पूरी तैयारी शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव सिर्फ 2 महीने के भीतर ही होना है. अगर ऐसे ही हालात रहे तो 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की राह भी नीतीश के लिए आसान नहीं होगी.

पढ़ें- नीतीश के एक और मंत्री ने 'फोड़ा बम', कहा- मनमानी करते हैं अधिकारी

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