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संसद में हंगामे पर नकवी बोले- विपक्ष को केवल अपनी राजनीति करनी है - संसद के शीतकालीन सत्र

कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि पहले विपक्ष किसानों के बिल रद्द करने की मांग कर रहे थे और अब जब इसे वापस ले लिया गया है, तो रिपील पर भी राजनीति कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने यहां तक आरोप लगाया कि विपक्ष साजिश और षड़यंत्र कर रही है. 12 सांसदों के निलंबन की घटना पर ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि सदन की गरिमा भंग होती है, तभी भारी मन से ऐसी कार्रवाई की जाती है सांसदों को सदन की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए.

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मुख्तार अब्बास नकवी
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Published : Nov 29, 2021, 7:16 PM IST

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. हालांकि पहले दिन सरकार ने कृषि कानून से संबंधित बिल वापस लिया. बावजूद इसके विपक्षियों का हंगामा बरकरार रहा. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री ने विपक्षियों से अपील की कि वह सकारात्मक भूमिका निभाए. वहीं 12 सांसदों के निलंबन की घटना ने एक बार फिर से विपक्षियों को लामबंद कर दिया. इन तमाम मुद्दों पर कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी विपक्षियों से सवाल किया.

संसद सत्र के पहले दिन लोकसभा से कृषि मामलों संबंधित रिपील बिल पारित करा दिया गया, लेकिन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. सत्र के पहले दिन जहां प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों से अपनी आवाज तो उठाने लेकिन संसद की कार्यवाही में भी भागीदार बनने की अपील की थी वही पूरे दिन रह रह कर दोनों ही सदनों में हंगामा होता रहा.

संसद के पिछले सत्र में फॉर्म बिल को लेकर हंगामा कर रहे कांग्रेस, एनसीपी ,शिवसेना और टीएमसी के 12 सदस्यों को आज पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. हालांकि यह हंगामा पिछले सत्र में भी हुआ था, लेकिन उसका फैसला स्पीकर ने इस सत्र में सुनाया जिसका विपक्षी पार्टियों ने कड़ा विरोध किया.

ईटीवी भारत से बात करते मुख्तार अब्बास नकवी

संसद का आगाज जिस तरह से हुआ है उसे देखकर लगता नहीं कि विपक्ष फॉर्म बिल वापस लेने के बावजूद भी संसद की कार्यवाही शांति से नहीं चलने देगा. अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष के पास हंगामे के अलावा कोई काम नहीं है. पहले विपक्षी पार्टियां संसद में इस बात को लेकर हंगामा करती रही कि संसद से कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और अब जब सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया तो अब इस बात पर हंगामा हो रहा है कि रिपील कानून पर बहस कराई जाए.

उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों को खेत खलिहान किसान इन तमाम बातों से कोई लेना-देना नहीं बल्कि सिर्फ अपनी राजनीति चलानी हैं. उन्होंने कहा कि जो विपक्ष किसानों के साथ कर रहा है वह एक क्रिमिनल षड़यंत्र है.

इस सवाल पर कि किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है, जबकि सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया है और किसानों के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं दी जाती तब तक वो आंदोलन वापस नहीं लेंगे, तो कैबिनेट मंत्री ने कहा कि किसान की मांग पर ही ये निर्णय लिया गया है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कि जो पूरा का पूरा आंदोलन किसानों के नाम पर किया जा रहा है वह कितना सही है.

उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत इसके बाद क्या कर रहे हैं, उससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए क्योंकि एक चुनी हुई सरकार के प्रधानमंत्री ने यह उन्हीं की मांगों पर निर्णय लिया है.

पढ़ें - Rajya Sabha Suspension : कांग्रेस के 6 सांसदों समेत 12 राज्य सभा सदस्य निलंबित

इस सवाल पर कि कृषि कानून के वापस होने के बाद अब अलग-अलग मांगे उठाई जा रही हैं. कोई 370 वापस करने की मांग कर रहा है, तो वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने सीएए कानून को वापस लेने की मांग की है केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएए या फिर 370 को जो किसान कानून से जोड़ कर वापस लेने की मांग की हिमाकत कर रहे हैं इसका उन्हें नुकसान होगा.

इस सवाल पर कि 12 सांसदों को जिस तरह से निलंबित किया गया पूरा विपक्ष लामबंद होकर यह सरकार पर आरोप लगा रहा है कि यह अप्रजातांत्रिक कार्रवाई है, तो कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जब इस तरह की कोई भी कार्रवाई की जाती है, तो बड़े ही दुखी मन से चेयर को यह कार्यवाही करनी होती है और यदि मजबूर होकर यह फैसला लिया गया है तो वह संसद की गरिमा का ख्याल रखते हुए ही लिया गया होगा.

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. हालांकि पहले दिन सरकार ने कृषि कानून से संबंधित बिल वापस लिया. बावजूद इसके विपक्षियों का हंगामा बरकरार रहा. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री ने विपक्षियों से अपील की कि वह सकारात्मक भूमिका निभाए. वहीं 12 सांसदों के निलंबन की घटना ने एक बार फिर से विपक्षियों को लामबंद कर दिया. इन तमाम मुद्दों पर कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी विपक्षियों से सवाल किया.

संसद सत्र के पहले दिन लोकसभा से कृषि मामलों संबंधित रिपील बिल पारित करा दिया गया, लेकिन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. सत्र के पहले दिन जहां प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों से अपनी आवाज तो उठाने लेकिन संसद की कार्यवाही में भी भागीदार बनने की अपील की थी वही पूरे दिन रह रह कर दोनों ही सदनों में हंगामा होता रहा.

संसद के पिछले सत्र में फॉर्म बिल को लेकर हंगामा कर रहे कांग्रेस, एनसीपी ,शिवसेना और टीएमसी के 12 सदस्यों को आज पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. हालांकि यह हंगामा पिछले सत्र में भी हुआ था, लेकिन उसका फैसला स्पीकर ने इस सत्र में सुनाया जिसका विपक्षी पार्टियों ने कड़ा विरोध किया.

ईटीवी भारत से बात करते मुख्तार अब्बास नकवी

संसद का आगाज जिस तरह से हुआ है उसे देखकर लगता नहीं कि विपक्ष फॉर्म बिल वापस लेने के बावजूद भी संसद की कार्यवाही शांति से नहीं चलने देगा. अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष के पास हंगामे के अलावा कोई काम नहीं है. पहले विपक्षी पार्टियां संसद में इस बात को लेकर हंगामा करती रही कि संसद से कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और अब जब सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया तो अब इस बात पर हंगामा हो रहा है कि रिपील कानून पर बहस कराई जाए.

उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों को खेत खलिहान किसान इन तमाम बातों से कोई लेना-देना नहीं बल्कि सिर्फ अपनी राजनीति चलानी हैं. उन्होंने कहा कि जो विपक्ष किसानों के साथ कर रहा है वह एक क्रिमिनल षड़यंत्र है.

इस सवाल पर कि किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है, जबकि सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया है और किसानों के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं दी जाती तब तक वो आंदोलन वापस नहीं लेंगे, तो कैबिनेट मंत्री ने कहा कि किसान की मांग पर ही ये निर्णय लिया गया है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कि जो पूरा का पूरा आंदोलन किसानों के नाम पर किया जा रहा है वह कितना सही है.

उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत इसके बाद क्या कर रहे हैं, उससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए क्योंकि एक चुनी हुई सरकार के प्रधानमंत्री ने यह उन्हीं की मांगों पर निर्णय लिया है.

पढ़ें - Rajya Sabha Suspension : कांग्रेस के 6 सांसदों समेत 12 राज्य सभा सदस्य निलंबित

इस सवाल पर कि कृषि कानून के वापस होने के बाद अब अलग-अलग मांगे उठाई जा रही हैं. कोई 370 वापस करने की मांग कर रहा है, तो वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने सीएए कानून को वापस लेने की मांग की है केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएए या फिर 370 को जो किसान कानून से जोड़ कर वापस लेने की मांग की हिमाकत कर रहे हैं इसका उन्हें नुकसान होगा.

इस सवाल पर कि 12 सांसदों को जिस तरह से निलंबित किया गया पूरा विपक्ष लामबंद होकर यह सरकार पर आरोप लगा रहा है कि यह अप्रजातांत्रिक कार्रवाई है, तो कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जब इस तरह की कोई भी कार्रवाई की जाती है, तो बड़े ही दुखी मन से चेयर को यह कार्यवाही करनी होती है और यदि मजबूर होकर यह फैसला लिया गया है तो वह संसद की गरिमा का ख्याल रखते हुए ही लिया गया होगा.

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