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कोरोना : मौत के आंकड़ों पर घिरी नीतीश सरकार, विपक्ष के सवालों की हो रही बौछार

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कितने लोगों की मौत हुई, इस पर राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है. एक तरफ सरकार का दावा है कि वह किसी भी आंकड़े को छिपा नहीं रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार संशोधित आंकड़े जारी करने पर मजबूर हुई. ये आंकड़े सचमुच डरावने हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.

कोरोना मौत के संशोधित आंकड़ों पर भड़का विपक्ष
कोरोना मौत के संशोधित आंकड़ों पर भड़का विपक्ष
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Published : Jun 10, 2021, 10:29 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 10:47 PM IST

पटना : बिहार में कोरोना की दूसरे लहर में मौत के आंकड़ें भयावह हैं. बिहार सरकार लगातार आंकड़ों को छुपा रही थी और हर रोज आंकड़ें कम कर बताए जा रहे थे. बिहार में कोरोना की पहली लहर में 1600 संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दूसरी लहर के दौरान 3878 मौत को दिखाया गया था.

मौत के आंकड़ों की बाजीगरी
सरकार के मुताबिक कोरोना की दोनों लहर के दौरान 5478 मौत हुई. लेकिन, जब पटना हाईकोर्ट ने सरकार पर दबाव डाला और पंचायत स्तर पर मौत की गणना कर रिपोर्ट देने को सरकार से कहा तब चौका देने वाले आंकड़े सामने आए. मौत के आंकड़े को रिवाइज करने के बाद कुल 3951 अन्य लोगों की कोरोना से पुष्टि हुई है. जिसके बाद दूसरी लहर के दौरान 7829 संक्रमित मरीजों की मौत हुई. जिसके बाद दोनों लहर में मृतकों की संख्या 10 हजार के करीब पहुंच गई है.

ईटीवी भारत GFX
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बिहार सरकार ने छिपाया आंकड़ा ?
1 अप्रैल 2021 से 8 जून 2021 तक 69 दिन के दौरान 2878 लोगों की मौत की खबर सरकार द्वारा दी गई. औसतन हर रोज 56 लोगों की मृत्यु हो रही थी, लेकिन आंकड़ा रिवाइज होने के बाद 69 दिन के दौरान 7829 लोगों की मौत दूसरी लहर में हुई. औसतन हर रोज 113 लोगों की मौत दूसरी लहर में दर्ज की गई. कुल मिलाकर 102% मृत्यु में इजाफा हुआ है. जिलों से जो रिपोर्ट मंगवाई गई उसमें ज्यादातर सब ऐसे थे, जिनका दाह संस्कार प्रोटोकॉल के हिसाब से नहीं किया गया.

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हकीकत से कोसों दूर सरकारी आंकड़ा
सरकार अब जो आंकड़ें पेश कर रही है, वह हकीकत से कोसों दूर है. अकेले राजधानी पटना के पांच श्मशान घाटों में 50 दिनों के अंदर 6088 शव जलाए गए, जिसमें 2841 कोविड-19 मरीजों के शव थे. पटना से 5 घाटों के अलावा बाहर जलाने वाले शव और कब्रिस्तान में दफनाने वाले शवों की संख्या शामिल नहीं है.

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राजधानी पटना के पास रात में अप्रैल माह में 1464 शव जलाए गए, जिसमें 939 कोविड-19 शव और 525 सामान्य शव थे. वहीं, मई महीने में 704 कोविड शव और 127 सामान्य शव का दाह संस्कार किया गया.

पढ़ें - कोरोना से मौत के आंकड़ों पर ईटीवी भारत से मंगल पांडेय ने झूठ बोला था? अब सच आया सामने

जिला वार मौत का आंकड़ा

  1. पहले स्थान पर पटना रहा जहां पूर्व में 1223 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 2293 पहुंच गया.
  2. दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर रहा जहां पूर्व में 294 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 608 पहुंच गया.
  3. तीसरे स्थान पर नालंदा रहा जहां पूर्व में 240 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 462 पहुंच गया.
  4. चौथे स्थान पर बेगूसराय रहा जहां पूर्व में 138 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 454 पहुंच गया.
  5. पांचवें स्थान पर पूर्वी चंपारण रहा जहां पूर्व में 131 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 422 पहुंच गया.
  6. छठे स्थान पर दरभंगा रहा जहां पूर्व में 191 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 341 पहुंच गया.
  7. सातवें स्थान पर मधुबनी रहा जहां पूर्व में 154 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 316 पहुंच गया.
  8. आठवें स्थान पर रोहतास रहा जहां पूर्व में आंकड़ा 146 था, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 268 पहुंच गया.
  9. नौवें स्थान पर पूर्णिया रहा जहां पूर्व में 70 लोगों की मौत दर्ज की गई, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 171 पहुंच गया.
  10. दसवें स्थान पर कैमूर रहा जहां पूर्व में 44 लोगों की मौत दर्ज की गई, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 146 पहुंच गया.

पढ़ें - Bihar Corona Death: जांच में बड़ा खुलासा, नीतीश सरकार ने छिपाया 4 हजार मौतों का आंकड़ा

विपक्ष हमलावर
राजद ने मौत के आंकड़ों पर सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि ''नीतीश जी, इतनी झूठ मत बोलिए और बुलवाइए कि उसके बोझ तले दबने के बाद कभी उठ ना पाएं. जब फंसे तो एकदम से एक दिन में 4000 मौतों की संख्या बढ़ा दी. नीतीश सरकार मौतों का जो आंकड़ा बता रही है, उससे 20 गुना अधिक मौतें हुई हैं. नीतीश सरकार ही फर्जी है तो आंकड़े भी तो फर्जी होंगे.''

तेजस्वी यादव का ट्वीट
तेजस्वी यादव का ट्वीट

''बिहार सरकार आपदा में भी अवसर तलाशती है. अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जिस तरीके से आंकड़ों को कम करके दिखाया गया है, वह सरकार की कार्यप्रणाली को उजागर करता है. सरकार ने 70% मौत की खबरों को छुपाया. निजी अस्पतालों में मौत के आंकड़ें आना अभी बाकी हैं.''- प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस प्रवक्ता

''सरकार ने 4000 मौत के आंकड़ों को छुपा लिया था, शुरू से सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर बिहार की भोली-भाली जनता को ठगने का काम करती आ रही है.''- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता

पढ़ें - बिहार : कोरोना ने 750 शिक्षकों की ले ली जान, सरकार से नहीं मिला कोई अनुदान

सरकार के बचाव में उतरे एनडीए नेता
''लोग सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन बता दें कि ऑडिट भी सरकार ने ही कराया है. जिसके बाद ही अनियमितता सामने आई है. लोगों ने आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ किया है, जो भी दोषी अधिकारी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.''- अभिषेक झा, जेडीयू प्रवक्ता

''सरकार ने आंकड़ों को छुपाया नहीं बल्कि जारी किया है. बिहार के अलावा महाराष्ट्र में भी आंकड़ों को रिवाइज किया गया है. सरकार की मंशा साफ थी, तभी स्वास्थ्य विभाग हकीकत को सामने लाया. हमारी मंशा पीड़ित परिवार को 4लाख मुआवजे की राशि देने की है. विपक्ष लाश पर राजनीति कर रहा है.''- डॉ.राम सागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

पढ़ें -बिहार में कोरोना से मरने वालों की संख्या एक दिन में 5458 से 9429 कैसे हुई?

पटना : बिहार में कोरोना की दूसरे लहर में मौत के आंकड़ें भयावह हैं. बिहार सरकार लगातार आंकड़ों को छुपा रही थी और हर रोज आंकड़ें कम कर बताए जा रहे थे. बिहार में कोरोना की पहली लहर में 1600 संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दूसरी लहर के दौरान 3878 मौत को दिखाया गया था.

मौत के आंकड़ों की बाजीगरी
सरकार के मुताबिक कोरोना की दोनों लहर के दौरान 5478 मौत हुई. लेकिन, जब पटना हाईकोर्ट ने सरकार पर दबाव डाला और पंचायत स्तर पर मौत की गणना कर रिपोर्ट देने को सरकार से कहा तब चौका देने वाले आंकड़े सामने आए. मौत के आंकड़े को रिवाइज करने के बाद कुल 3951 अन्य लोगों की कोरोना से पुष्टि हुई है. जिसके बाद दूसरी लहर के दौरान 7829 संक्रमित मरीजों की मौत हुई. जिसके बाद दोनों लहर में मृतकों की संख्या 10 हजार के करीब पहुंच गई है.

ईटीवी भारत GFX
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बिहार सरकार ने छिपाया आंकड़ा ?
1 अप्रैल 2021 से 8 जून 2021 तक 69 दिन के दौरान 2878 लोगों की मौत की खबर सरकार द्वारा दी गई. औसतन हर रोज 56 लोगों की मृत्यु हो रही थी, लेकिन आंकड़ा रिवाइज होने के बाद 69 दिन के दौरान 7829 लोगों की मौत दूसरी लहर में हुई. औसतन हर रोज 113 लोगों की मौत दूसरी लहर में दर्ज की गई. कुल मिलाकर 102% मृत्यु में इजाफा हुआ है. जिलों से जो रिपोर्ट मंगवाई गई उसमें ज्यादातर सब ऐसे थे, जिनका दाह संस्कार प्रोटोकॉल के हिसाब से नहीं किया गया.

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हकीकत से कोसों दूर सरकारी आंकड़ा
सरकार अब जो आंकड़ें पेश कर रही है, वह हकीकत से कोसों दूर है. अकेले राजधानी पटना के पांच श्मशान घाटों में 50 दिनों के अंदर 6088 शव जलाए गए, जिसमें 2841 कोविड-19 मरीजों के शव थे. पटना से 5 घाटों के अलावा बाहर जलाने वाले शव और कब्रिस्तान में दफनाने वाले शवों की संख्या शामिल नहीं है.

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राजधानी पटना के पास रात में अप्रैल माह में 1464 शव जलाए गए, जिसमें 939 कोविड-19 शव और 525 सामान्य शव थे. वहीं, मई महीने में 704 कोविड शव और 127 सामान्य शव का दाह संस्कार किया गया.

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जिला वार मौत का आंकड़ा

  1. पहले स्थान पर पटना रहा जहां पूर्व में 1223 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 2293 पहुंच गया.
  2. दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर रहा जहां पूर्व में 294 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 608 पहुंच गया.
  3. तीसरे स्थान पर नालंदा रहा जहां पूर्व में 240 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 462 पहुंच गया.
  4. चौथे स्थान पर बेगूसराय रहा जहां पूर्व में 138 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 454 पहुंच गया.
  5. पांचवें स्थान पर पूर्वी चंपारण रहा जहां पूर्व में 131 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 422 पहुंच गया.
  6. छठे स्थान पर दरभंगा रहा जहां पूर्व में 191 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 341 पहुंच गया.
  7. सातवें स्थान पर मधुबनी रहा जहां पूर्व में 154 लोगों की मौत हुई थी, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 316 पहुंच गया.
  8. आठवें स्थान पर रोहतास रहा जहां पूर्व में आंकड़ा 146 था, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 268 पहुंच गया.
  9. नौवें स्थान पर पूर्णिया रहा जहां पूर्व में 70 लोगों की मौत दर्ज की गई, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 171 पहुंच गया.
  10. दसवें स्थान पर कैमूर रहा जहां पूर्व में 44 लोगों की मौत दर्ज की गई, वहीं संशोधित होने के बाद आंकड़ा 146 पहुंच गया.

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विपक्ष हमलावर
राजद ने मौत के आंकड़ों पर सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि ''नीतीश जी, इतनी झूठ मत बोलिए और बुलवाइए कि उसके बोझ तले दबने के बाद कभी उठ ना पाएं. जब फंसे तो एकदम से एक दिन में 4000 मौतों की संख्या बढ़ा दी. नीतीश सरकार मौतों का जो आंकड़ा बता रही है, उससे 20 गुना अधिक मौतें हुई हैं. नीतीश सरकार ही फर्जी है तो आंकड़े भी तो फर्जी होंगे.''

तेजस्वी यादव का ट्वीट
तेजस्वी यादव का ट्वीट

''बिहार सरकार आपदा में भी अवसर तलाशती है. अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जिस तरीके से आंकड़ों को कम करके दिखाया गया है, वह सरकार की कार्यप्रणाली को उजागर करता है. सरकार ने 70% मौत की खबरों को छुपाया. निजी अस्पतालों में मौत के आंकड़ें आना अभी बाकी हैं.''- प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस प्रवक्ता

''सरकार ने 4000 मौत के आंकड़ों को छुपा लिया था, शुरू से सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर बिहार की भोली-भाली जनता को ठगने का काम करती आ रही है.''- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता

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सरकार के बचाव में उतरे एनडीए नेता
''लोग सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन बता दें कि ऑडिट भी सरकार ने ही कराया है. जिसके बाद ही अनियमितता सामने आई है. लोगों ने आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ किया है, जो भी दोषी अधिकारी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.''- अभिषेक झा, जेडीयू प्रवक्ता

''सरकार ने आंकड़ों को छुपाया नहीं बल्कि जारी किया है. बिहार के अलावा महाराष्ट्र में भी आंकड़ों को रिवाइज किया गया है. सरकार की मंशा साफ थी, तभी स्वास्थ्य विभाग हकीकत को सामने लाया. हमारी मंशा पीड़ित परिवार को 4लाख मुआवजे की राशि देने की है. विपक्ष लाश पर राजनीति कर रहा है.''- डॉ.राम सागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

पढ़ें -बिहार में कोरोना से मरने वालों की संख्या एक दिन में 5458 से 9429 कैसे हुई?

Last Updated : Jun 10, 2021, 10:47 PM IST
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