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विधानसभा में मारपीट, लालू-राबड़ी-तेजस्वी भड़के

मंगलवार को विपक्ष के हंगामे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार बेहद अमर्यादित रहा है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम जब तक माफी नहीं मांगते वह सदन का बहिष्कार करेंगे.

नीतीश तेजस्वी
नीतीश तेजस्वी
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Published : Mar 24, 2021, 10:17 PM IST

पटना : बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए हंगामे के बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थम नहीं रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाए हैं वहीं नीतीश ने घटना की निंदा करते हुए पलटवार किया है.

नीतीश बोले, आपत्ति थी तो उसके लिए चर्चा करनी चाहिए थी

नीतीश ने की निंदा

सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार बेहद अमर्यादित रहा है. हमने अब तक के अपने संसदीय जीवन में इस तरह का विपक्ष का व्यवहार कभी नहीं देखा.

विधानसभा में जो कुछ भी हुआ वह अत्यंत निंदनीय था और उसके बाद जो भी कार्रवाई हुई है, वह स्पीकर ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए की है. पुलिस विधेयक विधान परिषद से पास हो गया है. अब ये कानून बनेगा. लेकिन इस पर अगर उन्हें कोई आपत्ति थी तो उसके लिए चर्चा करनी चाहिए थी.

तेजस्वी ने सीएम नीतीश का किया नया नामकरण

तेजस्वी ये बोले

उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है. तेजस्वी ने पटना में पत्रकारों से कहा कि विपक्ष के तमाम विधायकों ने तय किया है कि जब तक पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वे सदन में नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष पूरे अगले साल तक या पूरे 5 साल तक सदन का बहिष्कार करेगा.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब 'निर्लज्ज कुमार' हो गए हैं. उन्होंने कहा कि विरोधी दल की महिला विधायकों के साथ जब दुर्व्यवहार होता है तो मुख्यंत्री नीतीश कुमार को वह पसंद आता है.

तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'राजद विधायक को लोकतंत्र के मंदिर में सादे कपड़ों में मौजूद गुंडा सरकार के नरभक्षी शासकों के गुंडों ने इतना पीटा कि उन्हें स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस में लेकर जाना पड़ा. वो कह रहे हैं कि जालिम नीतीश जी हत्या करवा देंगे. वैसे भी सीएम को हत्या करने-कराने का पुराना अनुभव है.'

मंगलवार की घटना एक सोची समझी साजिश : मांझी

पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि कुछ आतंकपरस्त लोग नहीं चाहते कि बिहार सुरक्षित रहे इसलिए सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध की आड़ में सदन के अंदर स्पीकर को बंधक बना लिया गया, प्रदर्शन के नाम पर जनता को परेशान किया गया.

उन्होंने कहा कि मंगलवार की घटना एक सोची समझी साजिश का परिणाम है जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

लालू ने भी साधा निशाना

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का छोटा रिचार्ज बताया. ट्वीट में कहा गया, 'संघ की गोद में खेलने वाला नीतीश संघ का प्यादा और छोटा रिचार्ज है.'

नीतीश 'धृतराष्ट्र' बन कर देखते रहे: राबड़ी देवी

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा, 'विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा. बदसलूकी की गई नीतीश कुमार 'धृतराष्ट्र' बन कर देखते रहे. सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा.'

विधानसभा अध्यक्ष को बंधक बनाया था

बता दें कि मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया. विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को उनके ही चैंबर में बंधक बना लिया था.

पढ़ें- बिहार: विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को बंधक बनाया, सदन के बाहर का हंगामा

इस दौरान पुलिस को बुलाया गया. मार्शलों ने विपक्षी दलों के सदस्यों को वहां से हटाने की कोशिश की तो भिड़ गए.

पटना : बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए हंगामे के बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थम नहीं रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाए हैं वहीं नीतीश ने घटना की निंदा करते हुए पलटवार किया है.

नीतीश बोले, आपत्ति थी तो उसके लिए चर्चा करनी चाहिए थी

नीतीश ने की निंदा

सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार बेहद अमर्यादित रहा है. हमने अब तक के अपने संसदीय जीवन में इस तरह का विपक्ष का व्यवहार कभी नहीं देखा.

विधानसभा में जो कुछ भी हुआ वह अत्यंत निंदनीय था और उसके बाद जो भी कार्रवाई हुई है, वह स्पीकर ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए की है. पुलिस विधेयक विधान परिषद से पास हो गया है. अब ये कानून बनेगा. लेकिन इस पर अगर उन्हें कोई आपत्ति थी तो उसके लिए चर्चा करनी चाहिए थी.

तेजस्वी ने सीएम नीतीश का किया नया नामकरण

तेजस्वी ये बोले

उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है. तेजस्वी ने पटना में पत्रकारों से कहा कि विपक्ष के तमाम विधायकों ने तय किया है कि जब तक पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वे सदन में नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष पूरे अगले साल तक या पूरे 5 साल तक सदन का बहिष्कार करेगा.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब 'निर्लज्ज कुमार' हो गए हैं. उन्होंने कहा कि विरोधी दल की महिला विधायकों के साथ जब दुर्व्यवहार होता है तो मुख्यंत्री नीतीश कुमार को वह पसंद आता है.

तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'राजद विधायक को लोकतंत्र के मंदिर में सादे कपड़ों में मौजूद गुंडा सरकार के नरभक्षी शासकों के गुंडों ने इतना पीटा कि उन्हें स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस में लेकर जाना पड़ा. वो कह रहे हैं कि जालिम नीतीश जी हत्या करवा देंगे. वैसे भी सीएम को हत्या करने-कराने का पुराना अनुभव है.'

मंगलवार की घटना एक सोची समझी साजिश : मांझी

पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि कुछ आतंकपरस्त लोग नहीं चाहते कि बिहार सुरक्षित रहे इसलिए सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध की आड़ में सदन के अंदर स्पीकर को बंधक बना लिया गया, प्रदर्शन के नाम पर जनता को परेशान किया गया.

उन्होंने कहा कि मंगलवार की घटना एक सोची समझी साजिश का परिणाम है जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

लालू ने भी साधा निशाना

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का छोटा रिचार्ज बताया. ट्वीट में कहा गया, 'संघ की गोद में खेलने वाला नीतीश संघ का प्यादा और छोटा रिचार्ज है.'

नीतीश 'धृतराष्ट्र' बन कर देखते रहे: राबड़ी देवी

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा, 'विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा. बदसलूकी की गई नीतीश कुमार 'धृतराष्ट्र' बन कर देखते रहे. सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा.'

विधानसभा अध्यक्ष को बंधक बनाया था

बता दें कि मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया. विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को उनके ही चैंबर में बंधक बना लिया था.

पढ़ें- बिहार: विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को बंधक बनाया, सदन के बाहर का हंगामा

इस दौरान पुलिस को बुलाया गया. मार्शलों ने विपक्षी दलों के सदस्यों को वहां से हटाने की कोशिश की तो भिड़ गए.

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