तमिलनाडु : कोरोना काल में ऑक्सीजन की जरूरत के बीच सुप्रीम कोर्ट ने पहले स्टरलाइट प्लांट (Sterlite plant) में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (liquid Medical Oxygen) के उत्पादन की अनुमति दी थी. यह अनुमति 30 जुलाई को खत्म हो गई. ऐसे में स्टरलाइट प्लांट के विरोधियों ने कहा है कि यदि संयंत्र तय समय सीमा से आगे काम करता है तो वे बर्दाशत नहीं करेंगे.
स्टरलाइट ऑक्सीजन प्रोडक्शन यूनिट (Sterlite Oxygen Production Unit) में उत्पादित लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को फिलहाल तमिलनाडु के 30 से अधिक जिलों में भेजा जा रहा है.
ऐसे में स्टरलाइट प्लांट को लेकर बुधवार को थूथुकुडी जिला कलेक्ट्रेट (Thoothukudi District Collectorate) में बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता ऑक्सीजन उत्पादन निगरानी समिति (Oxygen Production Monitoring Committee) के अध्यक्ष और जिला कलेक्टर (District Collector) सेंथिल राज (Senthil Raj) ने की.
स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शनकारियों की ओर से प्रोफेसर फातिमा बाबू (Professor Fathima Babu ) बैठक में मौजूद रहीं.
चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर प्रशासक राजा बैठक में शामिल हुए. उनके अलावा अन्य कई लोग बैठक में उपस्थित थे. बैठक में स्टरलाइट प्लांट में अब तक उत्पादित तरल ऑक्सीजन की मात्रा, ऑक्सीजन गैस सिलेंडर (oxygen gas cylinders) सहित अन्य विवरणों पर चर्चा की गई.
बैठक के बाद प्रोफेसर फातिमा बाबू और राजा ने पत्रकारों से मुलाकात की और कहा, 'अभी वहां ऑक्सीजन का उत्पादन चल रहा है. दो उत्पादन इकाइयों में से सिर्फ एक इकाई ही ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है.'दूसरे की मरम्मत हो गई है.
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वहीं, स्टरलाइट प्रबंधन (Sterlite management) ने अदालत को बताया कि 1,050 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन का लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है.
सभी जानते हैं कि तमिलनाडु में कोरोना का असर कम होता जा रहा है. ऐसे में काफी लोगों को डर है कि स्टरलाइट तय समय के बाद भी अपना संचालन जारी रखे सकती है.
इस तरह की बहुत सारी खबरें शहर में घूम रही हैं कि थूथुकुडी के लोग स्टरलाइट संयंत्र के संचालन को अदालत द्वारा अनुमत अवधि के बाद कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे.लोगों के बीच का आक्रोश फिर से थूथुकुडी में स्टरलाइट संयंत्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध का कारण बन सकता है.