नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्र प्रमुखों की परिषद के 20वें शिखर सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 वर्ष पूरे किए हैं, लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है. महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि यूएन की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए.
पीएम ने कहा कि एक 'रिफॉर्म्ड मल्टीलेटरालिज्म' (reformed multilateralism) जो आज की वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाए, जो सभी स्टेकहोल्डर्स की अपेक्षाओं, समकालीन चुनौतियों, और मानव कल्याण जैसे विषयों पर चर्चा करे. इस प्रयास में हमें SCO सदस्य राष्ट्रों का पूर्ण समर्थन मिलने की अपेक्षा है.
उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं. दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है. हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्डरिंग के विरोध में आवाज उठाई है. भारत SCO चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार SCO के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि परन्तु, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि SCO एजेंडा में बार-बार अनावश्यक रूप से द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे हैं, जो SCO चार्टर और शंघाई स्पिरिट का उल्लंघन करते हैं. इस तरह के प्रयास SCO को परिभाषित करने वाली सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के विपरीत हैं.