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गुजरात : कच्छ का इकलौता पेड़ जहां रहती है बीस हजार से ज्यादा गौरैया - 100 year old tree become habitat of sparrow in kutch

गुजरात के कच्छ में एक सौ साल से अधिक पुराने बेर के एक पेड़ पर रोजाना सुबह-शाम करीब 15 से 20 हजार गौरैया (sparrows on tree) दिखाई देती हैं और वह यहां चहकती रहती हैं.

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Published : Dec 7, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Dec 7, 2021, 7:50 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात के कच्छ में वोकला फलिया की ताकेवाली मस्जिद (Takewali Mosque of Wokla Phalia) के सामने 100 से 150 साल पुराना बेर का एक पेड़ है, जिसमें रोजाना सुबह-शाम करीब 15 से 20 हजार गौरैया (sparrows on tree) दिखाई देती हैं.

पेड़ जहां रहती है बीस हजार से ज्यादा गौरैयां

गौरतलब है कि पूरे कच्छ में यह एकमात्र बेर का पेड़ है, जिसकी लताएं जमीन को छूने लगी हैं. इसके अलावा भुज अंजार हाईवे (Bhuj Anjar Highway) स्थित शेखपीर दरगाह के पास बबूल (acacia trees near Sheikhpir Dargah) के पेड़ों पर भी बड़ी संख्या में गौरैया देखी जा सकती हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में गौरैया वाला कोई दूसरा पेड़ नहीं है.

लगभग 76 वर्षीय रामजू बयाद ने कहा कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पेड़ पर गौरैया दिखाई देती है, यह यहां चहकती रहती हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें 80 वर्षीय व्यक्ति ने बताया कि उसने बचपन से इस पेड़ (बेर के पेड़) पर गौरैया को देखा है, जिसका अर्थ है कि यह पेड़ 100 साल से अधिक पुराना है.

पढ़ें - उर्वरक सब्सिडी 2021-22 में 62 प्रतिशत बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान : रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है, लेकिन फिर भी पेड़ की एक भी शाखा खाली नहीं दिखाई देती है. पूरा पेड़ गौरैया से भर हुआहै, मानो पूरे पेड़ को बल्बों से सजाया गया हो.

अहमदाबाद : गुजरात के कच्छ में वोकला फलिया की ताकेवाली मस्जिद (Takewali Mosque of Wokla Phalia) के सामने 100 से 150 साल पुराना बेर का एक पेड़ है, जिसमें रोजाना सुबह-शाम करीब 15 से 20 हजार गौरैया (sparrows on tree) दिखाई देती हैं.

पेड़ जहां रहती है बीस हजार से ज्यादा गौरैयां

गौरतलब है कि पूरे कच्छ में यह एकमात्र बेर का पेड़ है, जिसकी लताएं जमीन को छूने लगी हैं. इसके अलावा भुज अंजार हाईवे (Bhuj Anjar Highway) स्थित शेखपीर दरगाह के पास बबूल (acacia trees near Sheikhpir Dargah) के पेड़ों पर भी बड़ी संख्या में गौरैया देखी जा सकती हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में गौरैया वाला कोई दूसरा पेड़ नहीं है.

लगभग 76 वर्षीय रामजू बयाद ने कहा कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पेड़ पर गौरैया दिखाई देती है, यह यहां चहकती रहती हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें 80 वर्षीय व्यक्ति ने बताया कि उसने बचपन से इस पेड़ (बेर के पेड़) पर गौरैया को देखा है, जिसका अर्थ है कि यह पेड़ 100 साल से अधिक पुराना है.

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उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है, लेकिन फिर भी पेड़ की एक भी शाखा खाली नहीं दिखाई देती है. पूरा पेड़ गौरैया से भर हुआहै, मानो पूरे पेड़ को बल्बों से सजाया गया हो.

Last Updated : Dec 7, 2021, 7:50 PM IST
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