अलवर. देश के विभिन्न शहरों व राज्यों में सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित होते हैं, लेकिन अलवर के गोविंदगढ़ में सामूहिक विवाह समिति की ओर से एक अनोखा फैसला लिया गया है. जिसके तहत क्लीन शेव दूल्हों को ही शादी में एंट्री दी जाएगी. साथ ही इस बाबत दूल्हे से एक प्रमाणपत्र भी लिया जा रहा है. फिलहाल तक नौ दूल्हे शादी के लिए तैयार हो चुके हैं तो वहीं समिति के इस फैसले की पूरे देश में चर्चा हो रही है.
दरअसल, अलवर में सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन हो रहा है. लेकिन इसे आयोजित करने वाली एक स्थानीय समिति ने फैसला लिया है, इस शादी में केवल व केवल क्लीन शेव दूल्हे को ही शामिल होने की अनुमति होगी. जबकि लंबी दाढ़ी वालों को वापस कर दिया जाएगा. श्री क्षत्रिय कुमावत सामूहिक विवाह समिति की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया. समिति की तरफ से 30 मार्च को सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा.
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वहीं, समिति के पदाधिकारियों ने विशेष रूप से निर्देश दिया है कि केवल क्लीन शेव वाले दूल्हे को ही शादी में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. दाढ़ी वाले किसी शख्स को इसमें शामिल नहीं होने दिया जाएगा और अगर कोई आ भी गया तो उसे वापस भेज दिया जाएगा. इसको लेकर बुधवार को गोविंदगढ़ में बैठक आयोजित हुई, जहां समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण व सचिव छोटूराम ने कहा कि भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दूल्हों को क्लीन शेव में आने का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा कि पश्चिमी प्रभाव के तहत आजकल के दूल्हे लंबी दाढ़ी में शादी के लिए चले आते हैं, जो समिति के सदस्यों को अशोभनीय लगता है. कई बार दाढ़ी की वजह से उनकी पहचान भी जाहिर तौर पर छुपी रह जाती है. जिसके चलते ही यह आदेश दिया गया है. इधर, समिति के सभी सदस्यों ने इस आदेश पर अपनी सहमति जताई है. साथ ही सभी ने एक साथ शपथ ली कि वो केवल व केवल क्लीन शेव दूल्हे को ही शादी में आने की अनुमति देंगे. जबकि अन्य को वापस भेज दिया जाएगा. अभी तक नौ जोड़ों ने नियमों का पालन करते हुए शादी के लिए पंजीकरण कराया है. वहीं ये शादी कार्यक्रम लगातार सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.