नई दिल्ली : मुंबई तटीय क्षेत्र में मई में हुई दुर्घटना के दौरान डूबने वाली ओएनजीसी की नौका बजरा पापा -305 के पास सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र में काम करने संबंधी सभी प्रमाणपत्र उपलब्ध थे. तेल राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि 16 मई को, चक्रवात तोउकते- के दौरान इस बजरा में 261 लोग सवार थे जो कि तूफान में फंस गये थे. उनमें से कईयों को बचा लिया गया था.
संसद के उच्च सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, 'बजरा पापा-305, वर्ष 2004 में बनाया गया था.' भारतीय नियम समुद्र में चलने योग्य नौकाओं को 35 वर्ष तक संचालित करने की अनुमति देते हैं.
मंत्री ने कहा, 'इस समुद्री जहाज के विनिर्देशों की समीक्षा की गई और भारत सरकार के उपक्रम, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड द्वारा तकनीकी स्वीकृति दी गई.'
उन्होंने कहा कि उक्त समुद्री नौका के पास इच्छित ऑपरेशन को अंजाम देने के मकसद से समुद्री परिचालन की योग्यता के लिए आवश्यक सभी जरूरी वैधानिक प्रमाण पत्र थे. अरबपति पल्लोनजी मिस्त्री के शापूरजी पल्लोनजी समूह के स्वामित्व वाली इंजीनियरिंग कंपनी एफकांस इंफ्ररस्ट्रक्चर द्वारा इस जहाज को किराए पर लिया गया था. एफकांस मुंबई अपतटीय क्षेत्र में सरकारी स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) के तेल क्षेत्रों पर काम कर रहा था.
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तेली ने कहा, 'ओएनजीसी ने 188 जीवित बचे लोगों के परिवारों को तत्काल राहत के रूप में प्रत्येक को एक लाख रुपये और घटना में मारे गये 86 लोगों के परिवारों को दो लाख रुपये के सहायता चेक जारी किए. कुल दी गई राहत राशि 3.6 करोड़ रुपये रही.'
(पीटीआई-भाषा)